Ayodhya Famous Food: आ रहे हैं राम की नगरी अयोध्या तो यहाँ करें मुफ्त में भोजन, शरीर के साथ मन भी हो जायेगा तृप्त

Free Food in Ayodhya: आमतौर पर ऐसा देखा गया है कि धर्म नगरियों में तमाम संस्थाएं लंगर चलाती हैं। अयोध्या में भी ऐसी एक जगह है 'अमावा राम मंदिर।' यह जगह राम मंदिर के ठीक सामने है। अमावा राम मंदिर के राम रसोई में राम मंदिर का दर्शन करने वाले सभी भक्तों को मुफ्त में भोजन कराया जाता है।

Update: 2023-07-22 08:11 GMT
Free Food in Ayodhya (Image: Social Media)

Free Food in Ayodhya: भगवान राम की नगरी अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बन कर तैयार हो रहा है। उम्मीद है कि इस वर्ष के अंत तक मंदिर का पहला चरण बन कर पूरी तरह तैयार हो जायेगा और भक्तों के दर्शन के लिए खोल भी दिया जायेगा। जाहिर है कि एक बार मंदिर आमजन के लिए खोल देने के बाद अयोध्या में देश-विदेश से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आएगी। ऐसे में ना केवल उनके रहने बल्कि भोजन आदि का भी ध्यान रखना होगा।

आमतौर पर ऐसा देखा गया है कि धर्म नगरियों में तमाम संस्थाएं लंगर चलाती हैं। जहाँ वो लोग जो गरीब तबके से होते हैं वो लोग तो मुफ्त में भोजन करते ही हैं, लंगर के प्रसाद के नाम पर हर वर्ग के लोग यहाँ जरूर एक समय भोजन करना पसंद करते हैं। अयोध्या में भी ऐसी एक जगह है 'अमावा राम मंदिर।' यह जगह राम मंदिर के ठीक सामने है। अमावा राम मंदिर के राम रसोई में राम मंदिर का दर्शन करने वाले सभी भक्तों को मुफ्त में भोजन कराया जाता है।

क्या है भोजन पाने की प्रक्रिया

अमावा राम मंदिर के राम रसोई में भोजन पाने के लिए सबसे पहले एक फॉर्म भरना पड़ता है जिसमे आपको अपना नाम और आधार कार्ड का डिटेल भर कर देना होता है। इसके बाद आप राम रसोई की तरफ जाते हैं जहाँ आपको भोजन मिलता है।

साफ़ सफाई का रखा जाता है पूरा ध्यान

भक्तों को जहाँ भोजन कराया जाता है वहां पर साफ़ सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है। एक पंक्ति के खाने के बाद उस जगह की अच्छे से सफाई की जाती है उसके बाद ही दूसरी पंक्ति खाने के लिए बैठती है। भोजन जमीन पर बैठा कर कराया जाता है। लोग बारी-बारी से सभी भोजन परोसते हैं। अमीर, गरीब, बच्चे, बुजुर्ग, अधिकारी, कर्मचारी सभी यहाँ एक साथ एक पंक्ति में बैठ कर भगवन राम का प्रसाद ग्रहण करते हैं।

क्या-क्या होता है भोजन में

लोगों के पंक्ति में बैठने के बाद सभी को स्टील की थाली और कटोरी दी जाती है। उसके बाद सब्जी परोसी जाती है। सामान्यतः दो तरह की सब्जी होती है। कभी लौकी की सब्जी तो कभी कुछ और। एक आलू की सब्जी तो जरूर परोसी जाती है। साथ में पूड़ियाँ दी जाती हैं। यही नहीं इसके बाद भक्तों को दाल और चावल के साथ चटनी, पापड़ तक परोसा जाता है। दाल में घी भी डाला जाता है। यहाँ एक बात और गौर करने की है यहाँ जिसको जीतना मन हो उतना खा सकता है। लंगर का समय सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक का होता है। यह लंगर सप्ताह में प्रत्येक दिन चलाया जाता है और यह किसी भी दिन बंद नहीं रहता है।

पटना का प्रसिद्ध महावीर मंदिर कराता है लंगर का आयोजन

आपको बता दें कि यहाँ पर चल रहे लंगर के लिए किसी से कोई भी दान नहीं लिया जाता है। यहाँ के लंगर का आयोजन पटना के प्रसिद्द महावीर मंदिर द्वारा किया जाता है। पटना का महावीर मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित एक मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि मंदिर की स्थापना 1940 के दशक की शुरुआत में हुई थी, और तब से यह पटना में एक प्रमुख धार्मिक स्थल बन गया है, जो देश के विभिन्न हिस्सों से भक्तों को आकर्षित करता है। मंदिर परिसर काफी व्यापक है और इसमें भगवान राम, भगवान शिव और देवी दुर्गा सहित विभिन्न देवताओं को समर्पित कई मंदिर शामिल हैं। हालाँकि, मंदिर के केंद्रीय और सबसे महत्वपूर्ण देवता भगवान हनुमान हैं। महावीर ट्रस्ट बिहार के सीतामढ़ी में सीता रसोई भी चलाता है जहाँ सभी को मुफ्त भोजन प्रसाद के रूप में परोसा जाता है। एक अनुमान के अनुसार अभी अयोध्या में राम मंदिर में प्रतिदिन 1000 से ज्यादा लोग मुफ्त में भोजन ग्रहण करते हैं। आने वाले दिनों में जब मंदिर बन कर तैयार हो जायेगा तब यह संख्या कई गुनी हो सकती है।

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