Ayodhaya Famous Temples: धार्मिकता से जोड़ते हैं अयोध्या नगरी के मंदिर, बेहद ही रोचक है यह इतिहास
Ayodhaya Famous Temples: लाखों श्रद्धालुओं को अपनी और आकर्षित करने वाली अयोध्या नगरी सरयू नदी के दाएं तट पर बसी है। भगवान श्रीराम के जन्मस्थान के नाम से प्रसिद्ध यह जगह आपको आध्यात्मिकता सवारी करवाती है।
Ayodhaya Famous Temple: देश के धार्मिक स्थलों में गिनी जाने वाली अयोध्या नगरी के बारे में देश-विदेश के लोग भली प्रकार जानते हैं। यहीं कारण की सैलानियों में भी यहां का इतिहास और चमक जानने और देखने की काफी चाह रहती है। हर साल लाखों श्रद्धालुओं को अपनी और आकर्षित करने वाली अयोध्या नगरी सरयू नदी के दाएं तट पर बसी है। भगवान श्रीराम के जन्मस्थान के नाम से प्रसिद्ध यह जगह आपको आध्यात्मिकता सवारी करवाती है। जिसे पुराने समय में कौशल देश के नाम से जाना जाता था। यह हिंदुओं का प्रमुख तीर्थस्थल है जहां के कण-कण में आपको भक्ति की अनुभूति होगी। ऐसी कुछ जगहों के बारे में हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बता रहे हैं।
मंदिरों का शहर है अयोध्या
अयोध्या विशेष रूप से मंदिरों का शहर कहा जाता है। जहां हर धर्म के अवशेष मिलते हैं, हिंदू, मुस्लिम, जैन और बौद्ध हर धर्म के अवशेष यहां से प्राप्त किए गए हैं। अयोध्या की प्राचीनता ही इस शहर का उच्चतम गुण है जो यात्रियों को बेहद ही लुभाता है। यहीं कारण है कि देश-विदेश से लाखों सैलानी यहां घूमने के लिए आते हैं।
सूरज कुंड
अयोध्या से 4 किमी की दूरी पर स्थित परिक्रमा मार्ग पर सूरज कुंड स्थित है। यह एक बेहद ही बड़ा तालाब है जो चारों ओर से घाटों से घिरा हुआ है जो बेहद ही सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है| ऐसा माना जाता है कि इस कुंड का निर्माण अयोध्या के सूर्यवंशी शासकों ने करवाया था। जो खासतौर पर भगवान सूर्य के प्रति अपना सम्मान प्रकट करने के लिए किया गया था।
गुरुद्वारा
अयोध्या के ब्रहम कुंड और नज़रबाग में सिखों गुरूद्वारा स्थित है। जो गुरु नानक देव जी, गुरु तेग बहादुर जी तथा गुरु गोविंद सिंह जी से संबन्धित बताया जाता है| कहा जाता है कि यहां बड़ी संख्या में अनुयायी दर्शन करने के लिए आते हैं।
सरयू नदी
सरयू नदी उत्तर प्रदेश के प्रमुख जलमार्गों में भी गिनी जाती है। जिसका जिक्र रामायण तथा कई हिंदू ग्रंथों में भी देखने को मिलता है। यह नदी अयोध्या से प्रवाहित होकर गुजरती है, इसलिए ऐसा विश्वास माना जाता है कि यह देश नगर को पुनर्युवा बनाए रखती है। जो नगर की सभी अशुद्धियों को धो देती है। यही कारण है कि साल भर में यहां लाखों लोग आस्था की डुबकी लगाने के लिए आते हैं, तथा धार्मिक अवसरों पर भारी भीड़ देखी जाती है|
क्वीन हो मेमोरियल पार्क
पवित्र नगरी अयोध्या में हर साल लाखों कोरियाई लोग आते हैं। जो यहा प्रसिद्ध रानी ‘हो-हवांग ओके’ के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। बताया जाता है कि रानी ‘हो-हवांग ओके’ को राजकुमारी सुरिरत्ना के नाम से जाना जाता है। रानी ने दक्षिण कोरिया में ‘करक’ वंश के राजा किम सूरो से विवाह किया और वहीं बस गई, लेकिन अपने विवाह से पहले वह अयोध्या की राजकुमारी थीं| कहा जाता है कि वह एक नाव से कोरिया पहुंचीं और राजा सूरो की पहली रानी बनीं|
राम की पैड़ी
सरयू नदी के किनारों पर घाटों की एक श्रंख्ला बनाई गई है, जहां हर साल श्रद्धालु अपने पाप धोने के लिए आते हैं। यहां पर कई हरे भरे बगीचे भी बनाए गए हैं,जो मंदिरों से घिरे हुए हैं। रात के समय नदी का किनारा दूधिया प्रकाश में एक सुंदर आरामदायक दृश्य प्रस्तुत करता है। इस घाट पर श्रद्धालु पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाने आते हैं।
छोटी देवकाली मंदिर
पुराणों की मानें तो विवाह के बाद देवी सीता अयोध्या में अपने साथ एक गिरिजा की प्रतिमा लेकर आईं थीं। जिसके लिए राजा दशरथ ने एक सुंदर मंदिर का निर्माण करवा था और इस मूर्ति को मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित कर दिया गया था। माता सीता हर दिन यहां पूजा करती थीं| आज यह मंदिर देवी देवकाली को समर्पित किया गया है, और इसी नाम पर इसका नाम देवकाली मंदिर पड़ा है।
कनक भवन
अयोध्या में बना यह भवन सोने से निर्मित है, इस वजह से इसे सोने का घर भी कहा जाता है। इस भवन में भगवान श्रीराम और माता सीता की बेहद ही खूबसूरत प्रतिमा लगाई गई है। जिनके सिर पर सोने का ताज स्थापित किया गया है। यह मूर्ति इतनी खूबसूरत है कि एक नज़र पड़ने पर कोई भी इस कलाकारी का मुरीद हो जाएगा। भवन के एक हिस्से में गीत-संगीत का अद्भुत प्रदर्शन किया जाता है, जो यहां पर आकर्षण का मुख्य केंद्र होता है इस भवन को देखने के लिए हर साल लाखों लोगों की भीड़ देखी जाती है।