Black Sea History in Hindi: इस सागर को क्यों कहा जाता है काला सागर, क्या है इसकी सच्चाई, आइए जानते हैं

Kala Sagar Ka Itihas Aur Rahsya: काला सागर का नाम अपने रंग के कारण पड़ा। प्राचीन काल में इसे ‘अक्सिनस पोंटस’ कहा जाता था, जिसका अर्थ ‘शत्रुतापूर्ण सागर’ है।

Written By :  AKshita Pidiha
Update:2024-12-25 19:15 IST

Black Sea History and Mystery (Photo - Social Media)

Black Sea History and Mystery: काला सागर, जिसे अंग्रेज़ी में "Black Sea" कहा जाता है, दुनिया के सबसे रहस्यमय और महत्वपूर्ण जल निकायों में से एक है। यह सागर अपनी प्राकृतिक विशेषताओं, ऐतिहासिक महत्व और जैव-विविधता के लिए प्रसिद्ध है। काला सागर के बारे में कई रहस्य और तथ्य ऐसे हैं,जो इसे एक अद्वितीय भू-भौतिकीय और सांस्कृतिक स्थल बनाते हैं।

भूगोल और भौतिक संरचना

काला सागर यूरेशिया के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में स्थित है और इसे यूरोप और एशिया की सीमा कहा जा सकता है।


यह सागर पश्चिम में रोमानिया और बुल्गारिया, उत्तर में यूक्रेन, पूर्व में रूस और जॉर्जिया, तथा दक्षिण में तुर्की से घिरा हुआ है।

इसकी मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

क्षेत्रफल और गहराई: काला सागर का क्षेत्रफल लगभग 4,36,000 वर्ग किलोमीटर है। इसकी औसत गहराई 1,200 मीटर है। सबसे गहरा बिंदु लगभग 2,212 मीटर है।

जल स्रोत: इसमें बहने वाली प्रमुख नदियों में डेन्यूब, डनिस्टर, डोन और नीपर शामिल हैं। ये नदियां काला सागर को मीठे पानी की आपूर्ति करती हैं।


संयुक्त महासागर से जुड़ाव: काला सागर का संपर्क भूमध्य सागर से बोस्फोरस जलडमरूमध्य, मरमरा सागर और डार्डानेल्स के माध्यम से होता है।

नाम का अर्थ और इतिहास

काला सागर का नाम अपने रंग के कारण पड़ा। प्राचीन काल में इसे ‘अक्सिनस पोंटस’ कहा जाता था, जिसका अर्थ ‘शत्रुतापूर्ण सागर’ है। बाद में इसे ‘इयूक्सिनस पोंटस’ नाम दिया गया, जिसका अर्थ ‘अतिथि-सत्कार करने वाला सागर’ है।


यह नाम परिवर्तन इसके तटों पर बसने वाले लोगों और व्यापारिक गतिविधियों के बढ़ने का प्रतीक है।’काला’ शब्द संभवतः उस गहरे रंग को दर्शाता है जो पानी में उच्च जैविक सामग्री और कम ऑक्सीजन के कारण उत्पन्न होता है।

नाम का विकास और तुर्की प्रभाव

मध्यकाल में तुर्कों ने इस सागर को ‘काला सागर’ नाम दिया। ऐतिहासिक दस्तावेज़ों के अनुसार, ओटोमन साम्राज्य के दौरान इसे ‘बहर-ए सियाह’ या ‘कराडेनिज़’ कहा जाता था, जिसका अर्थ तुर्की भाषा में ‘काला सागर’ है।सर्दियों में आने वाले तूफ़ानों के कारण समुद्र का पानी गहरे रंग का दिखाई देता है। इसी वजह से नाविक इसे ‘ब्लैक सी’ कहने लगे।समुद्र के पानी में डूबने वाली वस्तुओं पर समय के साथ एक काली गाद की परत जम जाती है। यह भी नामकरण के पीछे का एक संभावित कारण हो सकता है।

काला सागर की संरचना और रहस्य

काला सागर की सबसे अनूठी विशेषता इसका एनोक्सिक (ऑक्सीजन रहित) जल स्तर है।

एनोक्सिक क्षेत्र: काला सागर का लगभग 90 फीसदी पानी ऑक्सीजन रहित है। यह स्थिति समुद्र के निचले हिस्सों में पाई जाती है, जहां हाइड्रोजन सल्फाइड की प्रचुरता है। यह एनोक्सिक परत इसे दुनिया के अन्य सागरों से अलग बनाती है।


जीवाश्म संरक्षण: ऑक्सीजन की कमी के कारण यहां जीवाश्म और प्राचीन वस्तुएं असाधारण रूप से अच्छी स्थिति में संरक्षित रहती हैं। यह स्थिति समुद्र विज्ञानियों और पुरातत्वविदों के लिए एक खजाना है।

जल का स्थिरता स्तर: सतह का पानी हल्का और मीठा होता है, जबकि गहराई में पानी भारी और नमकीन होता है। इन दोनों स्तरों के बीच मिश्रण नहीं होता, जिससे इसकी संरचना अद्वितीय होती है।

जैव विविधता

काला सागर की जैव विविधता अद्वितीय और विशिष्ट है। हालांकि इसकी एनोक्सिक स्थिति के कारण निचले हिस्सों में जीवन संभव नहीं है। लेकिन सतह के पास और तटीय क्षेत्रों में यह समृद्ध है।यहाँ की प्रमुख प्रजातियों में ब्लूफिश, स्टर्जन, एंकोवीज़, और डॉल्फिन्स शामिल हैं। स्टर्जन मछली यहाँ अत्यधिक महत्व रखती है, क्योंकि इससे कैवियार प्राप्त होता है।काला सागर के तटीय क्षेत्रों में समुद्री घास और शैवाल प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।यह सागर प्रवासी पक्षियों का महत्वपूर्ण ठिकाना है। यहाँ के दलदली क्षेत्र कई दुर्लभ पक्षियों के लिए निवास स्थान प्रदान करते हैं।

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व

काला सागर का ऐतिहासिक महत्व भी कम नहीं है। यह प्राचीन काल से व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का केंद्र रहा है।प्राचीन समय में यह सिल्क रोड और अन्य व्यापार मार्गों का एक प्रमुख केंद्र था। इसके माध्यम से यूरोप और एशिया के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संपर्क स्थापित हुआ।काला सागर का क्षेत्र अनेक साम्राज्यों के संघर्ष का केंद्र रहा है, जैसे कि बीजान्टिन साम्राज्य, ऑटोमन साम्राज्य, और रूस।यह सागर ग्रीक पौराणिक कथाओं से भी जुड़ा है। जेसन और आर्गोनॉट्स की कहानी, जिसमें वह गोल्डन फ्लीस की खोज में निकले थे, काला सागर क्षेत्र में ही घटित हुई थी।


पर्यावरणीय चुनौतियां-औद्योगिक कचरे और कृषि अपशिष्ट के कारण यह सागर प्रदूषित हो रहा है। नाइट्रेट्स और फॉस्फेट्स की अधिकता से यहाँ यूट्रोफिकेशन की समस्या बढ़ रही है।अत्यधिक मत्स्य शिकार के कारण मछलियों की आबादी पर बुरा प्रभाव पड़ा है।तापमान में वृद्धि और समुद्री जल स्तर के बढ़ने से काला सागर का पारिस्थितिक तंत्र प्रभावित हो रहा है।

पर्यटन और आर्थिक महत्व

पर्यटन स्थल: यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में क्रिमियन प्रायद्वीप, सोची, वार्ना और इस्तांबुल शामिल हैं। यह क्षेत्र अपने समुद्र तटों, स्वास्थ्य रिसॉर्ट्स, और ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है।


आर्थिक गतिविधियां: काला सागर मछली पालन, जहाजरानी, और तेल और गैस उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र है। यह क्षेत्र कृषि उत्पादों और ऊर्जा संसाधनों के परिवहन के लिए भी महत्वपूर्ण है।

काला सागर से जुड़े प्रमुख रहस्य

नूह की बाढ़ का सिद्धांत: वैज्ञानिक मानते हैं कि काला सागर की उत्पत्ति लगभग 7,000 वर्ष पूर्व हुई थी, जब भूमध्य सागर का पानी एक भयंकर बाढ़ के रूप में इस क्षेत्र में प्रवाहित हुआ। इसे ‘नूह की बाढ़’ के रूप में जोड़ा जाता है।

प्राचीन सभ्यताएं: यहाँ डूबे हुए शहरों और जहाजों के अवशेष मिलते हैं, जो प्राचीन सभ्यताओं और उनके व्यापारिक मार्गों का प्रमाण देते हैं।’

भूतिया जहाज

काला सागर में ‘भूतिया जहाज’ एक रोचक और रहस्यमय विषय है। समुद्र की ऑक्सीजन रहित गहराइयों में दर्जनों प्राचीन जहाज आज भी लगभग पूरी तरह संरक्षित अवस्था में पाए गए हैं। यह स्थिति इस तथ्य के कारण संभव हुई है कि काला सागर के निचले स्तर में हाइड्रोजन सल्फाइड की अधिकता और ऑक्सीजन की कमी है।

प्राचीन जहाजों के अवशेष: यहाँ ऐसे जहाज मिले हैं जो 2,000 से 3,000 वर्ष पुराने हो सकते हैं। ये जहाज लकड़ी, धातु और अन्य सामग्रियों से बने होते हैंऔर सामान्य समुद्री परिस्थितियों में इन्हें सड़ना चाहिए था।

पुरातत्वीय महत्व: इन जहाजों पर पाए गए सामान, जैसे मिट्टी के बर्तन, हथियार और सिक्के, हमें प्राचीन व्यापार मार्गों, संस्कृति, और सभ्यताओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करते हैं।

रहस्यमय कहानियां: भूतिया जहाजों के बारे में कई लोक कथाएं और कहानियां प्रचलित हैं, जिनमें समुद्री यात्रियों की आत्माओं और इन जहाजों की संरचना के पीछे की अदृश्य शक्तियों का उल्लेख होता है।


वैज्ञानिक खोजें: समुद्री पुरातत्वविद और शोधकर्ता काला सागर के गहरे पानी में इन जहाजों की खोज के लिए आधुनिक तकनीकों, जैसे सोनार और सबमरीन का उपयोग करते हैं।

काला सागर केवल एक जल निकाय नहीं, बल्कि प्राकृतिक, ऐतिहासिक, और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इसकी अनूठी संरचना, जैव विविधता और ऐतिहासिक महत्व इसे दुनिया के सबसे रोचक स्थलों में से एक बनाते हैं। हालांकि, इसे बचाने और इसके पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए समर्पित प्रयासों की आवश्यकता है। काला सागर के रहस्य और सुंदरता, विज्ञान और इतिहास के लिए अनंत प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।

काला सागर की कुछ प्रमुख खाड़ियां इसकी भौगोलिक विविधता और रणनीतिक महत्व को दर्शाती हैं। इनमें यूक्रेन की कार्किनिट खाड़ी, नीप्रोव्स्की खाड़ी और नीस्ट्रोव्स्की खाड़ी शामिल हैं। इसके अलावा, तुर्की की सिनोप खाड़ी और सैमसन खाड़ी, तथा बुल्गारिया की बर्गास खाड़ी भी काला सागर का हिस्सा हैं। ये खाड़ियां प्राकृतिक सुंदरता और आर्थिक महत्व का प्रतीक हैं।

ऐतिहासिक संदर्भों से पता चलता है कि काला सागर को वर्तमान नाम दिए जाने से पहले इसे ‘अप्रजनन योग्य सागर’ कहा जाता था। इसका कारण मुख्यतः इसके तटों पर जंगली जनजातियों की उपस्थिति थी, जो इसे बाहरी लोगों के लिए दुर्गम बनाती थीं।

जब यूनानियों ने इस क्षेत्र पर अधिकार कर लिया, तो उन्होंने इसका नाम बदलकर ‘मेहमान नवाज़ सागर’ रख दिया। इससे यह स्पष्ट होता है कि समय के साथ इसके महत्व और धारणा में बदलाव आया। प्रारंभिक दस्तावेज़ों में इसे अक्सर सिर्फ ‘समुद्र’ के नाम से संदर्भित किया गया।


काला सागर में समुद्री जीवों की विविधता इसे अद्वितीय बनाती है। यहाँ लगभग 750 प्रजातियों के फाइटोप्लांकटन पाए जाते हैं। इसके साथ ही 80 प्रजातियों के जूप्लांकटन, जिसमें जेलीफिश भी शामिल हैं, इस सागर की जैविक विविधता को बढ़ाते हैं।

काला सागर पूर्वी यूरोपीय देशों को वैश्विक बाजारों से जोड़ने वाला एक प्रमुख शिपिंग मार्ग है। यहाँ के ऐतिहासिक बंदरगाह, जैसे ओडेसा और इलीचिवस्क, माल ढुलाई के लिए महत्वपूर्ण केंद्र हैं।

काला सागर का जल स्तर हमेशा स्थिर रहता है क्योंकि यहाँ उच्च या निम्न ज्वार नहीं आते। इस वजह से समुद्र की सतह शांत और स्थिर रहती है। यह विशेषता इसे अन्य महासागरों और सागरों से अलग बनाती है।

2017 तक काला सागर क्षेत्र में 20 से अधिक कुएं मौजूद थे। हालांकि, इनमें से अधिकांश अभी भी काफी हद तक अज्ञात हैं। समुद्र के कुछ हिस्सों में तलछट और पोषक तत्वों से भरपूर पानी के कारण यह माना जाता है कि काला सागर में तेल और प्राकृतिक गैस के बड़े अप्रयुक्त भंडार हो सकते हैं।

काला सागर की विशेषताओं के कारण यह सवाल अक्सर उठता है कि क्या इसमें तैरना संभव है। इसकी स्थिर और शांत सतह इसे तैराकी के लिए सुरक्षित और सुखद बनाती है।

काला सागर की खाड़ियां, जैव विविधता, और इसका ऐतिहासिक महत्व इसे न केवल एक भौगोलिक धरोहर बनाते हैं, बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण बनाते हैं। इसके रहस्य और विशेषताएं विज्ञान और पर्यावरण अध्ययन के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं।

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