Chhattisgarh Famous Places: गर्मियों एम घूमें छत्तीसगढ़ का कश्मीर, प्राकृतिक सौंदर्य के बीच करें एडवेंचर
Kashmir Of Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में एक से बढ़कर एक स्थान मौजूद है जिन्हें अपने रहस्यों की वजह से पहचाना जाता है। चलिए आज ऐसे ही एक मंदिर के बारे में जानते हैं।
Kashmir Of Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बाहुल्य और नक्सल प्रभावित इलाका है लेकिन यहां की प्राकृतिक सुंदरता मन को मोह लेने वाली है। यहां पर एक से बढ़कर एक रोमांचक और रहस्यों से भरे हुए स्थान मौजूद हैं।।यहां का कोरबा जिला एक पहाड़ी इलाका है जो पूरी तरह से हरियाली से घिरा हुआ है। यहां का चैतुरगढ़ बहुत खूबसूरत है ये मैकाल पर्वत श्रेणी की सबसे ऊंची चोटी में से एक है। इसे छत्तीसगढ़ के कश्मीर के नाम से पहचाना जाता है।
प्रसिद्ध है मंदिर
कोरबा में कई सारे प्राकृतिक और धार्मिक स्थान मौजूद हैं।।उन्हीं स्थानों में से एक है महिषासुर मार्दिनी का मंदिर, जो छत्तीसगढ़ आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहां पर गर्मियों में भी तापमान कभी 30 डिग्री से ऊपर नहीं जाता है।
देखें ये चीजें
इस जगह पर ऐतिहासिक किला, माँ महिषासुर मर्दिनी मंदिर, शंकर खोल गुफा, चारों तरफ पर्वत ऊंची ऊंची पर्वत की चोटियां समृद्ध जैव विविधता से परिपूर्ण हरा भरा जंगल, झरने किसी का भी मन मोह सकते हैं। गर्मियों की छुट्टियों में घूमने के लिए ये एक परफेक्ट जगह है।
चट्टानों से बना है किला
चैतुरगढ़ का किला एक प्रमुख पर्यटक स्थल है जो पूरी तरह से चट्टानों से बना हुआ है। यह जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। इतिहासकारों की माने तो इसके लिए का निर्माण 1069 ईसवी में हुआ था। इसका निर्माण राजा पृथ्वी देव प्रथम ने करवाया था। यह देश का सबसे मजबूत प्राकृतिक किला है और इसमें अंदर आने के लिए तीन द्वार बने हुए हैं। उनके नाम से सिंह द्वार, ओम द्वारा और मेनका द्वारा है।
कैसे पहुंचे
अगर आप चैतुरगढ़ किले का दीदार करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको उबड़ खाबड़ रास्ते से गुजरना होगा। जो लोग प्रकृति के बीच घूमना पसंद करते हैं या जिन्हें ट्रैकिंग पसंद है उनके लिए यहां पर मजा दोगुना होने वाला है। यह मिला पांच वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और यहां पहुंचने के बाद आपको अद्भुत दृश्य दिखाई देंगे। यहां इतनी ऊंचाई पर पांच तालाब भी मौजूद है।
ऐसी है कथा
ऐसा कहा जाता है एक यात्रा के बाद जब राजा पृथ्वीदेव प्रथम यहां रुक कर विश्राम कर रहे थे तब देवी मां ने स्वप्न में आकर यहां मंदिर बनाने के लिए कहा था। लोगों की दूसरी मान्यता यह है कि महिषासुर का वध करने के बाद मां दुर्गा ने यहां थोड़ा विश्राम किया इसलिए इसे महिषासुर मर्दिनी मंत्री के नाम से जाना जाता है।