Chhattisgarh Famous Place: हर मनोकामना पूरी करता है छत्तीसगढ़ का यह बरगद का पेड़, 500 साल से है मौजूद

Chhattisgarh Famous Tourist Place: हिंदू धर्म में देवी देवताओं के साथ पेड़ पौधों का भी काफी महत्व माना गया है। चलिए आज हम आपको छत्तीसगढ़ के 500 साल पुराने बरगद के पेड़ के बारे में बताते हैं।

Update: 2024-09-08 12:07 GMT

Chhattisgarh Famous Temple : छत्तीसगढ़ भारत का एक बहुत ही खूबसूरत राज्य है, जिसे अपनी प्राकृतिक सुंदरता की वजह से पहचाना जाता है। छत्तीसगढ़ में घूमने फिरने के लिए एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थल मौजूद है, जहां पर पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलती है। यहां पर मानसून के समय प्रकृति के नजारे काफी मनमोहक हो जाते हैं। प्राकृतिक स्थान के अलावा छत्तीसगढ़ में बहुत से धार्मिक स्थल भी मौजूद है। यहां आदिशक्ति मां सर्व मंगला के मंदिर परिसर में बरगद का एक विशाल पेड़ मौजूद है, जो 500 साल पुराना बताया जाता है। जानकारी के मुताबिक हसदेव नदी के तट के किनारे पर मौजूद इस बरगद के पेड़ के नीचे हाथी विश्राम किया करते थे और इसकी डाल पर मोरों का बसेरा हुआ करता था। लोग अपनी मन्नत पूरी करने के लिए यहां पर आते हैं।

बरगद के पेड़ पूजा की का विशेष महत्व 

हिंदू धर्म में प्रकृति की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। जल, अग्नि, वायु समेत पेड़ पौधों की भी अलग-अलग महत्व की वजह से पूजा की जाती है। आस्था एक ऐसी चीज है, जो जिस चीज से जुड़ जाती है उसे देवता बना देती है। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में मौजूद इस बरगद के पेड़ को भी उसी तरह पूजा जाता है।

Chhattisgarh Famous Temple 

मन्नत पूरी करता है 500 साल पुराना पेड़ 

आदिशक्ति मां सर्व मंगला के मंदिर परिसर में बरगद का यह विशाल पेड़ मौजूद है, जो 500 साल पुराना बताया जाता है। इस पेड़ को मन्नते पूरी करने वाला माना जाता है और लोग यहां रक्षा सूत्र बांधकर मन्नत मांगते हैं। कहां जाता है कि ऐसा करने से मन्नतें पूरी होती है। नवरात्रि के दिनों में यहां लोग माता के दर्शन करने के बाद पेड़ में रक्षा सूत्र बांधते हैं।

Chhattisgarh Famous Temple 

मां की महिमा विदेशों तक, जलती है ज्योति 

चैत्र नवरात्र के मद्देनजर यहां हजारों की संख्या में सर्व मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित होती हैI  इस साल भी ज्योति जलवाने को लेकर तैयारियां पूरी हो गई हैं. विदेशों से भी यहां मनोकामना ज्योति कलश जलवाए जाते हैंI  

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