Golu Devta Temple: उत्तराखंड के इस मंदिर में चिट्ठी लिखने से पूरी होती है मनोकामना
Chitai Golu Devta Temple Travel Guide: देवभूमि उत्तराखंड में कई सारे देवी देवताओं का निवास है। चलिए आज हम आपको यहां के एक प्रसिद्ध मंदिर के बारे में बताते हैं।
Chitai Golu Devta Temple Travel Guide: उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से पहचाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर कई सारे धार्मिक स्थल मौजूद हैं, जिनके प्रति लोगों के मन में गहरी आस्था है। इन सभी मंदिरों को न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों में भी बहुत पहचान मिली है। ऐसा ही एक मंदिर उत्तराखंड की बिनसर में मौजूद है जिसे गोलू देवता मंदिर के नाम से पहचाना जाता है। इसे न्याय के देवता का मंदिर भी कहा जाता है।
चितई गोलू देवता मंदिर का इतिहास (History of Chitai Golu Devta Temple)
चितई गोलू देवता मंदिर, भारत के उत्तराखंड के बिनसर में अल्मोडा शहर के पास स्थित, एक पवित्र मंदिर है जो गोलू देवता या भगवान गोलू को समर्पित है, जिन्हें न्याय का देवता और कुमाऊं क्षेत्र का देवता माना जाता है। उनकी मां कालिंका को दो अन्य स्थानीय देवताओं की बहन माना जाता है: हरिश्चंद देवज्युन (चंदों के राजा हरीश की दिव्य आत्मा) और सेम देवज्युन। दोनों देवताओं को भगवान गोलू के चाचा भी माना जाता है। गोलू देवता को गौर भैरव (शिव) का अवतार माना जाता है और पूरे क्षेत्र में उनकी पूजा की जाती है। भक्तों द्वारा अत्यधिक आस्था के साथ उन्हें न्याय का देवता माना जाता है।
चितई गोलू देवता मंदिर में दूर दूर से आते हैं लोग (People come From Far Away Places To Chitai Golu Devta Temple.)
यह एक ऐसा मंदिर है जहां पर घूमने के लिए दूर-दूर से लोगपहुंचते हैं। यहां आने वाले भक्त चिट्ठी में अपनी इच्छा लिखते हैं और घंटे के साथ इस मंदिर में बांधकर चले जाते हैं। यहां पर हर समय भक्तों की भीड़ लगी रहती है और आपको हमेशा घंटे की गूंज सुनाई देगी। यहां के भेद और आवास को देखकर इस बात का अंदाज सॉफ्टवेयर पर लगाया जा सकता है कि लोगों को गोलू देवता पर कितना विश्वास है।
कैसे पहुंचे मंदिर चितई गोलू देवता मंदिर (How to Reach Temple Chitai Golu Devta Mandir)
अगर आप बिनसर जा रहे हैं तो यहां से 1 से 2 घंटे में आप इस मंदिर तक पहुंच सकते हैं। दिल्ली से इसकी दूरी 400 किलोमीटर पड़ती है। बिनसर से आपको गाड़ी, बस और प्राइवेट के पास आने से मिल जाएगी। स्वयं के वहां से भी यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। अगर आप थोड़ा जल्दी निकलेंगे तो जाम से बच सकेंगे।
यहां लगती है लाइन (There is a line here)
मंदिर में जाने के लिए हर किसी को सुबह का समय अच्छा लगता है। यही कारण है कि सुबह 6:00 से 10:00 बजे तक यहां पर काफी भीड़ रहती है। इस समय यहां भक्तों की लाइन देखने को मिलती है और रोड पर भी लंबा जाम लग जाता है। अगर आप अच्छी तरह से गोलू देवता के दर्शन करना चाहते हैं तो आप शाम 4:00 बजे से 5:00 के बीच यहां पर जा सकते हैं। उससे कुछ समय पहले यहां पर कपाट बंद रहते हैं।
नहीं लगती वीआईपी लाइन (VIP Line is Not Available)
यह एक ऐसा तीर्थ स्थल है जहां सभी श्रद्धालुओं को सामान दर्शन होते हैं। यहां पर किसी भी तरह की विप लाइन नहीं लगती सभी भक्त एक ही लाइन में लगकर दर्शन करते हैं। भक्त अपनी इच्छा चिट्ठी में लिखकर घंटी में बांधकर यहां से चले जाते हैं और परिक्रमा करके अपने दर्शन पूरे करते हैं।