Duniya Ka Sabse Bada Jangal: दुनिया का सबसे बड़ा जंगल आज क्यों खतरे में है? आइये जानते है इसके कारण
Duniya Ka Sabse Bada Jangal: धरती का फेफड़ा के तौर पहचाने जाने वाला अमेज़न जंगल पृथ्वी पर संतुलन बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन वर्त्तमान समय में इसका अस्तित्व खतरे में है।;
Amazon Rain Forest(Photo Credit - Social Media)
Duniya Ka Sabse Bada Jangal: जंगल पृथ्वी का प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे न केवल ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं, बल्कि कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित कर जलवायु संतुलन बनाए रखते हैं। दुनिया में कांगो वर्षावन, ताइगा वन और डैनट्री वर्षावन जैसे कई घने जंगल मौजूद हैं, लेकिन यदि सबसे बड़े और महत्वपूर्ण जंगल की बात करें, तो अमेज़न वर्षावन(Amazon Rain Forest) का नाम सबसे पहले आता है।
पृथ्वी के फेफड़े रूप में पहचाने जाने वाला यह जंगल दुनिया के लगभग 20% ऑक्सीजन का उत्पादन करता है और यह दक्षिण अमेरिका के नौ देशों में फैला हुआ है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह भारत से कई गुना बड़ा है और जैव विविधता के मामले में यह पृथ्वी का सबसे समृद्ध वर्षावन है। जो लाखों प्रजातियों के पेड़-पौधों, जानवरों और कीड़ों का घर है। हालांकि, वनों की अंधाधुंध कटाई, जलवायु परिवर्तन और मानवीय गतिविधियों के कारण अमेज़न पर संकट गहराता जा रहा है। यदि इस अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित नहीं किया गया, तो इसका असर न केवल स्थानीय जीव-जंतुओं पर पड़ेगा, बल्कि संपूर्ण पृथ्वी के पर्यावरणीय संतुलन पर भी गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
इस लेख में हम अमेज़न जंगल के इतिहास, इसके विस्तार, मानव गतिविधियों से होने वाले नुकसान और इसके पर्यावरणीय प्रभावों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
अमेज़न का इतिहास – History Of Amazon
पुरातात्त्विक साक्ष्यों के अनुसार, अमेज़न क्षेत्र में मानव बस्तियों की शुरुआत कम से कम 11,200 वर्ष पहले हुई थी। इसके बाद, लगभग 1250 ईस्वी तक जंगल के किनारों पर प्राचीन बस्तियों का विकास हुआ।प्रसिद्ध पुरातत्वविद बेट्टी मेगर्स ने अपने पुस्तक अमेजन : मैन एंड कल्चर इन काउंटर-फिट पैराडाइज (Amazonia: Man and Culture in a Counterfeit Paradise ) में अमेजन की मिट्टी को कृषि के लिए उपयुक्त नहीं बताया है ।लेकिन हाल के अध्ययनों से पता चला है कि यह क्षेत्र पहले घनी आबादी वाला था। 1542 में फ्रांसिस्को डी ओरेलाना पहले यूरोपीय यात्री थे जिन्होंने अमेज़न नदी की पूरी लंबाई तय की। बाद में, ब्रिटिश खोजकर्ता पर्सी फॉसेट ने भी अमेज़न में एक खोई हुई सभ्यता की खोज की, जिसे उन्होंने सिटी ऑफ झेड (City of Z ) नाम दिया।1970 के बाद से, कई जियोग्लिफ्स (विशाल आकार की भू-आकृतियाँ) खोजे गए हैं, जो बताते हैं कि यह जंगल 11,000 वर्षों से मानव सभ्यता द्वारा प्रभावित होता आया है।
दुनिया का सबसे बड़ा जंगल – Biggest forest in the world
दक्षिण अमेरिका में स्तिथ अमेज़न का क्षेत्रफल 55 लाख वर्ग किलोमीटर इतना है जो आकर में भारत जैसे बड़े क्षेत्रफल वाले देश से भी बड़ा है। यह जंगल दुनिया के नौ देशों में फैला हुआ है, जिसमें ब्राजील का सबसे बड़ा हिस्सा(58.4%)शामिल है। इसके अलावा,पेरू(12.8%),बोलीविया(7.7%), कोलंबिया(7.1%), वेनेजुएला(6.1%), गुयाना(3.1%), सूरीनाम(2.5%), फ्रेंच गयाना(1.4%) और इक्वाडोर(1%) में भी इसका कुछ हिस्सा मौजूद है। यह जलग्रहण क्षेत्र पूरे दक्षिण अमेरिका में फैले अमेज़न वर्षावन का मुख्य क्षेत्र है और जैव विविधता का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है।
ऑक्सीजन प्रदाता अमेज़न जंगल - Oxygen provider forest
अमेज़न जंगल का महत्व केवल इसके विशाल आकार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पृथ्वी के पर्यावरणीय संतुलन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसे 'धरती का फेफड़ा' भी कहा जाता है, क्योंकि यह जंगल दुनिया के लगभग 20% ऑक्सीजन का उत्पादन करता है। इसका मतलब यह है कि अमेज़न जंगल से जितनी ऑक्सीजन मिलती है, वह पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन का एक बड़ा हिस्सा होती है, जिससे हवा में संतुलन बना रहता है और जीवन संभव हो पाता है।
इसके अलावा, अमेज़न वर्षा वन कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण रखने में मदद मिलती है। यह जंगल जलवायु को स्थिर रखने के लिए आवश्यक वर्षा चक्र का हिस्सा है, और यह पानी के भंडारण, जल स्रोतों के संरक्षण, और मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए भी अहम है।
अमेज़न वर्षावन: पृथ्वी पर जीवन का सबसे बड़ा भंडार - The Largest Reservoir of Life on Earth
अमेज़न वर्षावन पृथ्वी का सबसे जैव विविधता से भरपूर क्षेत्र है, जो दुनिया की सभी ज्ञात प्रजातियों का दसवां हिस्सा अपने भीतर समेटे हुए है। यहाँ पर 2.5 मिलियन से अधिक कीट प्रजातियाँ, लाखों पौधे, और 2,000 से अधिक पक्षी और स्तनधारी प्रजातियाँ पाई जाती हैं। वैज्ञानिकों ने अब तक 40,000 पौधों की प्रजातियाँ, 2,200 मछलियाँ, 1,294 पक्षी, 427 स्तनधारी, 428 उभयचर और 378 सरीसृप प्रजातियाँ यहाँ वैज्ञानिक रूप से वर्गीकृत की हैं। इसके अतिरिक्त, इस जंगल में कई ऐसे पौधे भी पाए जाते हैं जिनसे दवाएँ बनाई जाती हैं।
यह वर्षावन दुनिया में पौधों की जैव विविधता का सबसे बड़ा भंडार है, जहाँ एक चौथाई वर्ग किलोमीटर (62 एकड़) में 1,100 से अधिक पेड़ प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यहाँ की हर एक हेक्टेयर में 1 अरब से अधिक अविकसित जीव रहते हैं। अमेज़न में पाए जाने वाली कुछ खतरनाक प्रजातियाँ, जैसे कि काले काइमैन, जगुआर, कोगुआर, एनाकोंडा और पिरान्हा, इसे और भी रहस्यमय और खतरनाक बनाती हैं। इसकी अद्वितीय जैव विविधता के कारण ही इसे पृथ्वी पर जीवन का सबसे बड़ा भंडार कहा जाता है।
क्यों खतरे में है दुनिया का सबसे बड़ा जंगल?
इन दिनों बढ़ते मानवीय हस्तक्षेप की वजह से अमेज़न का अस्तित्व संकट में आ गया है। इसके विनाश के पीछे कई मानवीय और प्राकृतिक कारण हैं| जिनमें प्रमुख निम्नलिखित हैं :
• वनों की अंधाधुंध कटाई:- अमेज़न जंगल का सबसे बड़ा खतरा वनों की तेजी से हो रही कटाई है। कृषि, पशुपालन, और लकड़ी के व्यापार के लिए हर साल हजारों हेक्टेयर जंगल काट दिए जाते हैं। 2019 में ब्राज़ील के अमेज़न वर्षावन की सुरक्षा में कटौती के कारण बड़े पैमाने पर वनों की कटाई हुई। ब्राज़ील के नेशनल इंस्टीट्यूट फ़ॉर स्पेस रिसर्च (INPE) के अनुसार, 2020 के पहले तीन महीनों में वनों की कटाई 2019 की समान अवधि की तुलना में 50% से अधिक बढ़ गई।
• आग:- अमेज़न जंगल में हर साल लगने वाली आग भी एक बड़ा खतरा है। कई बार किसान और उद्योगपति कृषि भूमि बढ़ाने के लिए जानबूझकर जंगलों में आग लगाते हैं, जिससे बड़े स्तर पर पेड़-पौधे जलकर नष्ट हो जाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमेजन के जंगल में आग लगने की घटनाओं में करीब 83 फीसद तक बढ़ोतरी हुई है।
• जलवायु परिवर्तन :- साथ ही, जलवायु परिवर्तन के कारण जंगलों में सूखा बढ़ रहा है, जिससे जंगल की प्राकृतिक पुनरुत्पत्ति की क्षमता प्रभावित हो रही है।
• खनन और औद्योगीकरण :- अमेज़न क्षेत्र में सोना, तेल और अन्य खनिज संसाधनों के खनन के लिए जंगलों को काटा जा रहा है। खनन के कारण न केवल पेड़ नष्ट हो रहे हैं, बल्कि रासायनिक अपशिष्टों से नदियाँ भी प्रदूषित हो रही हैं।
• अवैध शिकार और जैव विविधता का संकट :- अमेज़न जंगल जैव विविधता से भरपूर है, लेकिन यहां अवैध शिकार और जीवों की तस्करी तेजी से बढ़ रही है। कई दुर्लभ प्रजातियाँ विलुप्त होने की कगार पर हैं।
• स्थानीय जनजातियों पर प्रभाव :- अमेज़न में रहने वाली स्थानीय जनजातियाँ और उनके पारंपरिक जीवन-यापन के तरीके भी खतरे में हैं। जंगलों के कटने और औद्योगीकरण के बढ़ते प्रभाव के कारण उनकी आजीविका और संस्कृति धीरे-धीरे नष्ट होती जा रही है।
अमेज़न को बचाने के उपाय
• वनों की कटाई पर रोक :- अमेज़न जंगल को बचाने के लिए सबसे पहले वनों की अंधाधुंध कटाई को रोकना जरूरी है।
• पुनर्वनीकरण को बढ़ावा :- जंगल को बचाने के लिए नए पेड़ लगाने की आवश्यकता है। बड़े पैमाने पर पुनर्वनीकरण अभियान चलाकर कटाई वाले क्षेत्रों में नए पेड़ लगाए जा सकते हैं।
• आग और जलवायु परिवर्तन की रोकथाम:- अमेज़न जंगल में लगने वाली आग पर नियंत्रण के लिए निगरानी प्रणाली और कठोर सुरक्षा उपाय अपनाने चाहिए। जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करना और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाना आवश्यक है।
• सतत खनन और उद्योग नीति :- खनन और औद्योगीकरण को नियंत्रित करने के लिए सरकारों को सख्त कानून लागू करने चाहिए।
• जैव विविधता और वन्यजीव संरक्षण:- अवैध शिकार और वन्यजीव तस्करी को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए।
• स्थानीय जनजातियों के अधिकारों की रक्षा:- अमेज़न जंगल में रहने वाली स्थानीय जनजातियों को उनके अधिकार देने चाहिए और उनके पारंपरिक जीवन-यापन के तरीकों की रक्षा करनी चाहिए।
• जागरूकता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग:- अमेज़न वर्षा वन केवल दक्षिण अमेरिका के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है। वैश्विक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने, पर्यावरण संरक्षण संगठनों को समर्थन देने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना होगा।
अमेज़न को लेकर वैज्ञानिकों के दावे
• वैज्ञानिकों के अनुसार, अमेज़न वर्षावन तेजी से विनाश की ओर बढ़ रहा है, और यदि यही स्थिति बनी रही, तो 2064 तक यह जंगल पूरी तरह खत्म हो सकता है।
• यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के भूगोल विज्ञानी रोबर्ट वॉकर ने दशकों के शोध और हालिया आंकड़ों का विश्लेषण कर यह निष्कर्ष निकाला है कि अमेज़न धीरे-धीरे एक सूखा मैदान बन सकता है, जहां हरी-भरी वनस्पति खत्म हो जाएगी और जंगल सवाना क्षेत्र में बदल सकता है, जिसमें सिर्फ घास और छोटे पौधे होंगे।
• डिस्कवर मैगजीन में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 2004 से 2012 के बीच वनों की कटाई में थोड़ी कमी देखी गई थी, लेकिन 2020 में ब्राज़ील के अमेज़न जंगलों में पूरे दशक में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए। केवल 2020 के पहले चार महीनों में ही 1,202 वर्ग किमी जंगल नष्ट कर दिया गया। 2020 की एक रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि अब तक अमेज़न के 11% हिस्से में वनों की कटाई हो चुकी है, जबकि 17% हिस्सा खतरे में है।
• पेड़ों की कटाई से अमेज़न का नमी चक्र प्रभावित हो रहा है, जिससे क्षेत्र का मौसम असंतुलित हो रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, पश्चिमी अमेज़न बेसिन में सामान्य से अधिक वर्षा हो रही है, जहां 1982 से हर साल 7 इंच अतिरिक्त बारिश रिकॉर्ड की जा रही है। दूसरी ओर, पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में वनों की कटाई के कारण सूखा बढ़ रहा है। इन क्षेत्रों में शुष्क मौसम हर साल एक दिन बढ़ रहा है, जिससे सूखे इलाके और ज्यादा शुष्क हो रहे हैं और नमी वाले क्षेत्र अधिक गीले होते जा रहे हैं।
• अगर वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित नहीं किया गया, तो अमेज़न का पारिस्थितिकी तंत्र नष्ट हो सकता है, जिससे न केवल इस क्षेत्र की जैव विविधता प्रभावित होगी, बल्कि पूरी पृथ्वी के पर्यावरणीय संतुलन पर भी गंभीर असर पड़ेगा।