Duniya Ki Ajab Gajab Jagah: इस देश में जन्म लेना और मरना दोनों है गुनाह, डिप्रेशन आइलैंड के नाम से मशहूर

Ajab Gajab Desh Depression Island: स्वालबार्ड अपनी ठंडी जलवायु, बर्फीले परिदृश्य, ध्रुवीय वन्यजीवन और अनोखी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। इस द्वीपसमूह के बारे में कई चौंकाने वाली बातें हैं, जो आपको इस आर्टिकल में जानने को मिलेंगी।;

Written By :  Akshita Pidiha
Update:2025-02-02 11:33 IST

Ajab Gajab Desh Depression Island (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Ajab Gajab Desh Depression Island: स्वालबार्ड, नॉर्वे के आधिपत्य में स्थित एक आर्कटिक द्वीपसमूह है, जो उत्तरी ध्रुव और मुख्य भूमि नॉर्वे के बीच बसा हुआ है। यह स्थान अपनी ठंडी जलवायु, बर्फीले परिदृश्य, ध्रुवीय वन्यजीवन और अनोखी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। स्वालबार्ड का मुख्य द्वीप स्पिट्सबर्गेन (Spitsbergen) है, जो द्वीपसमूह का सबसे बड़ा और सबसे अधिक आबादी वाला क्षेत्र है। इस द्वीपसमूह का प्रशासनिक केंद्र लॉन्गइयरब्येन (Longyearbyen) है, जो दुनिया के सबसे उत्तरी शहरों में से एक माना जाता है।

स्वालबार्ड उत्तरी ध्रुव के करीब स्थित होने के कारण अत्यंत ठंडा क्षेत्र है। यहां की जलवायु आर्कटिक टुंड्रा प्रकार की होती है, जहां सालभर बर्फ जमी रहती है और सर्दियों में तापमान -30 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। गर्मियों के दौरान यहां का तापमान 0 से 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है।

यहां ध्रुवीय दिन और ध्रुवीय रात का प्रभाव देखा जाता है। गर्मियों के दौरान मई से अगस्त तक सूरज कभी नहीं डूबता, जबकि सर्दियों में अक्टूबर से फरवरी तक सूरज बिल्कुल नहीं निकलता। स्वालबार्ड 60 फीसदी से अधिक हिमाच्छादित क्षेत्र से घिरा हुआ है। यहां सालभर बर्फ जमी रहती है।

स्वालबार्ड का इतिहास (Svalbard History In Hindi)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

स्वालबार्ड का इतिहास 12वीं शताब्दी से शुरू होता है, जब इसे यूरोपीय नाविकों ने खोजा। 1596 में डच नाविक विलेम बारेंट्स ने इस द्वीपसमूह की खोज की और इसे स्पिट्सबर्गेन (Spitzbergen) नाम दिया। 17वीं और 18वीं शताब्दी के दौरान यहां मुख्य रूप से व्हेल का शिकार किया जाता था। कई यूरोपीय देशों के शिकारी और व्यापारी यहां आते थे।19वीं शताब्दी में इस समय स्वालबार्ड में खनन कार्य शुरू हुआ और कोयला खनन की गतिविधियाँ तेज़ हो गईं।1920 में स्वालबार्ड संधि (Svalbard Treaty) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें नॉर्वे को इस क्षेत्र पर संप्रभुता प्रदान की गई। हालांकि, इस संधि के तहत कई अन्य देशों को भी यहां व्यापारिक और खनन कार्य करने का अधिकार दिया गया।

आधिकारिक शासन और स्वालबार्ड संधि

स्वालबार्ड को आधिकारिक रूप से नॉर्वे के शासन में रखा गया है। लेकिन 1920 की स्वालबार्ड संधि के अनुसार, 40 से अधिक देशों को यहां व्यापार और खनन करने का अधिकार प्राप्त है।यहां कोई पूर्णतः स्वतंत्र सरकार नहीं है, बल्कि नॉर्वे का गवर्नर (Sysselmann) इस क्षेत्र का प्रशासन देखता है। स्वालबार्ड की एक अनोखी बात यह है कि यहां किसी भी देश के नागरिक को रहने की अनुमति है, यदि वे खुद को आर्थिक रूप से सहारा देने में सक्षम हैं।

स्वालबार्ड की अर्थव्यवस्था (Svalbard Economy)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

स्वालबार्ड की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से निम्नलिखित उद्योगों पर निर्भर है:

खनन उद्योग– कोयला खनन यहां का सबसे प्रमुख आर्थिक स्रोत रहा है। कई दशकों तक यह क्षेत्र खनन कार्यों के लिए प्रसिद्ध था, हालांकि हाल के वर्षों में इस उद्योग में गिरावट आई है।

पर्यटन– स्वालबार्ड में ध्रुवीय भालू, हिमाच्छादित पहाड़, ग्लेशियर, बर्फ की गुफाएँ और उत्तरी रोशनी (Aurora Borealis) जैसे आकर्षण पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं।

वैज्ञानिक अनुसंधान– यह क्षेत्र आर्कटिक अनुसंधान और जलवायु परिवर्तन के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है।

मत्स्य उद्योग– मछली पकड़ना और समुद्री जीवों से संबंधित व्यापार भी यहाँ की अर्थव्यवस्था का एक हिस्सा है।

प्राकृतिक जीवन और वन्यजीव (Svalbard Natural And Wildlife)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

स्वालबार्ड अपने समृद्ध वन्यजीवों के लिए जाना जाता है। यहाँ कुछ प्रमुख वन्यजीव निम्नलिखित हैं:

ध्रुवीय भालू (Polar Bear)– यह क्षेत्र दुनिया के सबसे अधिक ध्रुवीय भालुओं की आबादी के लिए जाना जाता है।

आर्कटिक लोमड़ी (Arctic Fox)– यह छोटी लेकिन तेज़ लोमड़ी कठोर ठंड में जीवित रहती है।

वालरस और सील (Walrus and Seals)– ये समुद्री जीव स्वालबार्ड के तटों पर देखे जा सकते हैं।

आर्कटिक रेनडियर (Arctic Reindeer)– स्वालबार्ड में एक विशेष प्रकार के रेनडियर पाए जाते हैं।

पक्षियों की विभिन्न प्रजातियाँ– यहाँ विभिन्न प्रकार के समुद्री और प्रवासी पक्षी पाए जाते हैं।

स्वालबार्ड में जीवन (Life In Svalbard)

स्वालबार्ड में रहने वाले लोगों की जीवनशैली विशेष रूप से कठोर जलवायु के अनुरूप होती है। अधिकांश लोग लॉन्गइयरब्येन में निवास करते हैं, जहाँ सुविधाएँ सीमित हैं। स्वालबार्ड में एक प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय है। लेकिन उच्च शिक्षा के लिए लोग नॉर्वे जाते हैं। लॉन्गइयरब्येन में एक अस्पताल है। लेकिन गंभीर मामलों में रोगियों को नॉर्वे भेजा जाता है। यहाँ की सड़कों की संख्या बहुत कम है, और यात्रा के लिए स्नोमोबाइल, नाव और विमानों का उपयोग किया जाता है।

विशेष आकर्षण

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट– यह दुनिया भर की फसलों के बीजों का एक भंडार है, जिसे आपदा के समय बीजों को संरक्षित रखने के लिए बनाया गया है।

उत्तरी रोशनी (Aurora Borealis)– यहाँ से अद्भुत नॉर्दर्न लाइट्स देखी जा सकती हैं।

आर्कटिक जंगलों की खोज– ग्लेशियर ट्रैकिंग और बर्फ की गुफाओं की यात्रा यहाँ लोकप्रिय हैं।

स्वालबार्ड की अनोखी इमिग्रेशन पॉलिसी (Svalbard Immigration Policy)

स्वालबार्ड की जिम्मेदारी नॉर्वे की सरकार के पास है। लेकिन यह अपनी विशेष इमिग्रेशन पॉलिसी के लिए प्रसिद्ध है। 1920 में हुई स्वालबार्ड संधि के तहत, किसी भी देश का नागरिक बिना वीजा या रेजिडेंस परमिट के यहां रह सकता है, काम कर सकता है और घूम सकता है। इस खुली नीति की वजह से स्वालबार्ड अपनी तरह का पहला क्षेत्र बन चुका है। यदि आप यहां जाना चाहते हैं, तो बस अपना सामान पैक करें और बिना किसी वीजा या परमिट के यहां पहुंच सकते हैं।

नॉर्वे के बिना स्वालबार्ड पहुंचना नामुमकिन

हालांकि स्वालबार्ड की नीति वीजा-फ्री है। लेकिन यहां आने के लिए पहले नॉर्वे जाना जरूरी है। यही सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि नॉर्वे शेंगेन क्षेत्र का हिस्सा है और इसमें प्रवेश के लिए शेंगेन वीजा की जरूरत होती है। यदि आपके पास नॉर्वे का वीजा है, तो वहां पहुंचने के बाद आप आसानी से स्वालबार्ड की यात्रा कर सकते हैं।

स्वालबार्ड की कठोर जलवायु (Svalbard Harsh Climate)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

स्वालबार्ड आर्कटिक सर्कल के पास स्थित है, इसलिए यहां का तापमान बेहद कम रहता है। सर्दियों में तापमान -20°C से नीचे चला जाता है और लंबे समय तक अंधेरा रहता है।गर्मियों में यहां 24 घंटे सूरज की रोशनी बनी रहती है।

रहने की दिक्कतें और महंगाई

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

स्वालबार्ड में घर मिलना बेहद मुश्किल है। अगर मिल भी जाए तो किराया काफी महंगा होता है। इसके अलावा, यहां चिकित्सा सुविधाएं भी सीमित हैं। यदि कोई गंभीर रूप से बीमार पड़ जाए, तो उसे इलाज के लिए नॉर्वे जाना पड़ता है।

स्वालबार्ड में मरना मना है!

स्वालबार्ड के सबसे अजीब नियमों में से एक यह है कि यहां किसी का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता। लॉन्गइयरब्येन में कोई कब्रिस्तान नहीं है। पिछले 70 वर्षों में यहां किसी को दफनाया नहीं गया है।

स्वालबार्ड में बच्चे जन्म नहीं लेते

यहां जन्म भी नहीं होते, क्योंकि स्वालबार्ड का अस्पताल बहुत छोटा है। उसमें प्रसव कराने की पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। गर्भवती महिलाओं को प्रसव की नियत तिथि से पहले ही नॉर्वे भेज दिया जाता है, ताकि वे वहां सुरक्षित रूप से बच्चे को जन्म दे सकें।

स्वालबार्ड को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जैसे कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण यहाँ के ग्लेशियर पिघल रहे हैं। खनन उद्योग के कमजोर होने से नॉर्वे सरकार को नए आर्थिक विकल्पों पर विचार करना पड़ रहा है। ध्रुवीय भालुओं और अन्य प्रजातियों के संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

स्वालबार्ड एक अनूठा और रहस्यमयी क्षेत्र है जो अपनी ठंडी जलवायु, अद्भुत प्राकृतिक नज़ारों और समृद्ध वन्यजीवन के लिए जाना जाता है। यहाँ जीवन कठिनाइयों से भरा है। लेकिन जो लोग इस जगह को अपना घर बनाते हैं, वे इसकी खूबसूरती और अनोखी विशेषताओं का आनंद उठाते हैं। यह क्षेत्र भविष्य में जलवायु परिवर्तन और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बना रहेगा।

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