Etawah Pachnada Tourism: उत्तर प्रदेश में मौजूद है पांच नदियों का अनोखा संगम, इतिहास से है गहरा नाता
Etawah Pachnada Tourism: इलाहाबाद में होने वाली नदियों के संगम के बारे में हम सभी ने सुना है इसके अलावा ऐसी कई जगह है जहां पर नदियों का संगम होता है।
Etawah Pachnada Tourism: अगर आप देश हो दुनिया में पांच नदियों का इकलौता संगम देखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको उत्तर प्रदेश जाना होगा। आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश के इटावा के बीहड़ों में पंचनदा मौजूद है। यहां पर आप एक साथ पांच नदियों का संगम होते हुए देख सकते हैं। यह नजारा देखने में बहुत ही शानदार होता है और इसे देखने के लिए कहीं लोग यहां पर पहुंचते हैं। इटावा एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। यह क्षेत्र दिल्ली-कलकत्ता राष्ट्रीय राजमार्ग २ पर स्थित है। इटावा शहर, पश्चिमी मध्य उत्तर-प्रदेश राज्य के उत्तरी भारत में स्थित है। इटावा आगरा के दक्षिण-पूर्व में यमुना (जमुना) नदी के तट पर स्थित है। इस शहर में कई खड्ड हैं। जिनमें से एक पुराने शहर (दक्षिण) को शहर (उत्तर) से अलग करता है। पुल और तटबंध, दोनों हिस्सों को जोड़ते हैं।
कहां है नदियों का संगम
पांच नदियों का यह संगम इटावा जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर बिठौली गांव में मौजूद है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश और राजस्थान से लाखों श्रद्धालु यहां पर पहुंचते हैं।
कौन सी हैं पांच नदियां
विश्व में अक्सर दो नदियों का संगम देखने को मिलता है। तीन नदियों का संगम प्रयागराज में मौजूद है जिसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। लेकिन इटावा में यमुना, चंबल, सिंधु, कावेरी और पहुज नदी का संगम होता है।
नहीं मिली पहचान
यह जगह पांच नदियों का अद्भुत संगम स्थल है लेकिन धार्मिक और संस्कृत महत्व इस उतरा नहीं मिल पाया जितना प्रयागराज की त्रिवेणी संगम को मिला है। हालांकि इसका महत्व केवल धार्मिक नहीं बल्कि ऐतिहासिक भी है। ऐसा कहां जाता है कि महाभारत कालीन सभ्यता से जुड़ी हुई इस जगह पर पांडवों ने अज्ञातवास का कुछ समय बिताया था। यहां पर महाकालेश्वर मंदिर मौजूद है जो प्राचीन स्थल है। यहां साधु संतों का जमावड़ा लगा रहता है। इस मंदिर का इतिहास 800 ईसा पूर्व तक जाता है। मान्यताओं के मुताबिक भगवान विष्णु ने यहां माहेश्वरी की पूजा करके सुदर्शन चक्र प्राप्त किया था। यही कारण है कि साधु संत यहां पर दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।