Best street foods in Aligarh: अलीगढ की कचौड़ियाँ आखिर क्यों हैं इतनी मशहूर, इसके स्वाद के दीवाने हैं लोग
Best street foods of Aligarh: अलीगढ की उरद की दाल की भरी कचौड़ी के साथ छिलके वाले आलू की सब्जी और रायता जायके का इतना बेहतरीन कॉम्बिनेशन है कि स्थानीय और पर्यटक दोनों ही लोग इसके पूरी तरह से दीवाने हैं।
Best street foods in Aligarh: शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जिसे खस्ता करारी कचौडियों का स्वाद ना लुभाता हो ? ख़ास कर जब आप अलीगढ में हैं तो ये तलब और भी ज्यादा बढ़ जाती है। कचौडियों के शहर के नाम से फेमस अलीगढ की हर गली से बेहतरीन स्वाद की खुशबु आती है। या यूँ कहें कि कचौड़ी की उठती महक शहर के तमाम लोगों के कदम को रुकने नहीं देती। मसालेदार सब्जी और लजीज कचौड़ी का स्वाद सोचते ही जुबान पर पानी आ जाता है। हालाँकि यहाँ बहुत सी कचौडियों की दुकानें हैं लेकिन उनमें से कुछ बहुत ही ज्यादा अपने स्वाद के लिए फेमस है। अलीगढ की उरद की दाल की भरी कचौड़ी के साथ छिलके वाले आलू की सब्जी और रायता जायके का इतना बेहतरीन कॉम्बिनेशन है कि स्थानीय और पर्यटक दोनों ही लोग इसके पूरी तरह से दीवाने हैं। जो भी व्यक्ति एक बार इसका स्वाद चख लेता है वो इसके स्वाद का कायल हो जाता है।
गुरु ढाबा की मशहूर कचौड़ी
बता दें कि शहर के एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक लोग जी टी स्थित गुरु ढाबा सिर्फ स्वादिष्ट कचौडियों को खाने के लिए पहुंचते हैं। वर्षों से इनकी कचौड़ियों का स्वाद ले रहे लोगों की मानें तो गुरु ढाबा की कचौड़ियों का स्वाद एक बार जीभ पर चढ़ जाय तो फिर उतरता नहीं। साल के हर मौसम में यहाँ स्वाद के दीवानों की भीड़ लगी रहती है। यहाँ की कड़कदार कचौड़ी और चटकारे दार मसाले, स्वाद को और भी ज्यादा लाजवाब बना देते हैं। लेकिन बता दें यहां स्वाद के साथ ही सेहत का भी ख्याल रखा जाता है। शहर में इसी तरह की एक दर्जन से अधिक की दुकानें हैं, जो कचौड़ी के लिए प्रसिद्ध हैं। प्रतिदिन सुबह छह बजे से ही इन दुकानों पर कचौड़ी प्रेमियों की भीड़ देखी जा सकती है।
कमाल का जायका
अलीगढ़ के लोग चाहे, अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, जापान और सिंगापुर हों, मगर कचौड़ी का स्वाद उनके मुंह से उतारा नहीं। आज भी जब वो वापस आते हैं तो कचौड़ी खाए बिना नहीं रहते हैं। परदेस लौटते समय कचौड़ी लेकर जाना नहीं भूलते हैं। क्योंकि कचौड़ी के साथ जो सब्जी मिलती है उसका स्वाद सिर्फ शब्दों से बता पाना बेहद मुश्किल है कि वो कितनी बेहतरीन होती है।
मसालों की है खासियत
राम घाट स्थित मोती लाल ढाबा भी अपनी कचौड़ियों के लिए बेहद मशहूर है। यहाँ की सब्जी का स्वाद लोगों को दूर -दराज़ के इलाकों से खींच कर ले आता है। बता दें कि यहाँ पर शुद्धता का ख़ास ख्याल रखा जाता है। कचौडियों को शुद्ध देसी घी में ही तला जाता है जबकि सब्जी के लिए मसाले घर पर ही तैयार किए जाते हैं। इसके लिए खड़े मसाले को पहले खल्लर-मूसर में कूटा जाता है। फिर उसकी पिसाई होती है। उल्लेखनीय है कि मसाले में जरा भी मिलावट नहीं की जाती है। जो सब्जी का स्वाद कई गुना बढ़ा देता है।
बेसन के लड्डू
आमतौर पर कचौड़ी और सब्जी खाने के बाद बरबस ही कुछ मीठा खाने का मन करता है। ऐसे में अलीगढ के लगभग सभी कचौड़ियों की दुकानों पर ग्राहकों के लिए गर्मागर्म हलुआ , जलेबी और बेसन के लड्डू भी मिलते हैं। जो तीखापन कम करने में सहायक होते हैं। बता दें कि हलुआ, लड्डू और जलेबी को भी शुद्ध देसी घी में तैयार किया जाता है।
मैन बाजार स्थित ठाकुर ढाबा
मैन बाजार स्थित ठाकुर ढाबा का नाम भी कचौड़ी के स्वाद के लिए बेहद मशहूर है। एक बार जो यहां आता है वो बिना कचौड़ी खाए नहीं जाता है। यहां का रायता लाजवाब होता है। यहाँ पर सुबह से ही ग्राहकों की भीड़ शुरू हो जाती है। दोपहर तक इनकी कचौड़ी खत्म हो जाती है।
देशी घी का तड़का करता है कमाल
महावीरगंज स्थित दाऊजी मंदिर के निकट देशी घी की कचौड़ी भी लोगों को खूब भाति है। साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखते हुए यहाँ कचौड़ी के साथ सब्जी का स्वाद खूब पसंद किया जाता है। यहाँ पर सब्जी में गर्म घी की मिलावट स्वाद को और भी ज्यादा लाजवाब बनाने के साथ ही मसाला तेज होने पर घी उसे हल्का करने में भी सहायक होता है।
हरिओम की कचौड़ी
अलीगढ में शायद ही ऐसा कोई इंसान हो जिसने हरिओम कचौड़ी का स्वाद ना चखा हो । सबसे खास बात यह है कि यहाँ पर पत्ते पर सब्जी परोसी जाती है। उससे भी ज्यादा खासियत यह है कि लोग सब्जी खत्म होने के बाद भी लोग पत्ते चटकारे के साथ चाटते हैं।
गौरतलब है कि अलीगढ का पुराना शहर कचौड़ी का गढ़ माना जाता है। यहां पर कदम-कदम पर कचौड़ी का स्वाद और अंदाज देखने को मिल जाएगा। किसी गली से मसाले की तेज महक आएगी तो कहीं रायता में मिर्ची का तड़का लगता दिखेगा । इसके अलावा कहीं- कही तो दो तरह की सब्जी मिलती है। यहाँ पर जितनी दुकानें उतनी ही ज्यादा वैरायटी मिलती हैं। लेकिन नया शहर भी इससे बिलकुल अछूता नहीं है। सेंटर प्वाइंट चौराहे के निकट स्थित मूल चंद्र की कचौड़ी भी लाजवाब है। यहां पर भी पत्ते में सब्जी देने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। लोगों को यहां का रायता खूब भाता है।
बेजोड़ है स्वाद
अलीगढ़ के हर गली में आपको टेस्टी कचौड़ियों की दुकाने मिल जाएंगी। लोगों की लगी भीड़ आपको इन दुकानों की लोकप्रियता बता देगी। शुद्ध देशी घी का इस्तेमाल यहाँ की कचौड़ियों को एक अलग ही लेवल देता है। तो अगर आपके मन में भी इसे खाने की इच्छा जग गयी हो और आपका जीभ भी इसके अदभुत स्वाद को चखने को बेक़रार हो तो आ जाइये अलीगढ। और लीजिये मज़ा यहाँ की स्वादिष्ट कचौड़ियों का।