Shakti Peeth Mandir: पाकिस्तान में है माता सती का शक्तिपीठ, इन जगहों पर भी विराजित है मंदिर
Shakti Peeth Mandir: भारत में खासकर के सनातन को मानने वाले लोगों में शक्तिपीठों का काफी महत्व माना गया है। आज हम आपको भारत के अलावा अन्य जगहों पर मौजूद शक्तिपीठों के बारे में बताते हैं।
Pakistan Mata Shakti Peeth: देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के अलग-अलग स्थान पर माता रानी के 51 शक्ति पीठ स्थापित हैं, जो अपने चमत्कार के लिए पहचाने जाते हैं। देवी के सभी स्थानों का अपना महत्व है और बड़ी संख्या में भक्त यहां पर पहुंचते हैं। नवरात्रि के मौके पर यहां आस्था का सैलाब उमड़ता है लेकिन इसके अलावा साल भर भक्तों का आना-जाना लगा रहता है। मान्यताओं के मुताबिक जहां-जहां माता सती के अंग के टुकड़े, उनके वस्त्र या आभूषण गिरे थे। वहां वहां शक्तिपीठ का उदय हुआ है। भारत के अलग-अलग स्थान पर शक्तिपीठ स्थापित है लेकिन 51 में से 9 शक्तिपीठ ऐसे भी है जो दूसरे देशों में मौजूद है। यह पाकिस्तान, तिब्बत, श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश में मौजूद है।
पाकिस्तान में माता का शक्तिपीठ
पड़ोसी देश पाकिस्तान में स्थित बलूचिस्तान हिंदू धर्म से काफी नजदीकी रखता है। यहां पर 51 शक्तिपीठों में से एक माता हिंगलाज का मंदिर मौजूद है। जब भगवान शिव माता सती के जलते हुए शरीर को लेकर जा रहे थे तब यहां पर माता का सिर गिरा था। उसी के बाद से यहां पर माता को हिंगलाज देवी के रूप में पूजा जाता है। नवरात्रि के मौके पर यहां रोजाना 10000 लोग दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। ऐसा बताया जाता है कि इस शक्तिपीठ पर भगवान श्री राम, परशुराम के पिता जमदग्नि, गुरु गोरखनाथ और गुरु नानक देव जी भी पहुंच चुके हैं। बलूचिस्तान में भगवान बुद्ध की सैकड़ो मूर्तियां मिली है जिससे यह साफ है कि यहां पर किसी समय बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग रहा करते थे।
बांग्लादेश में शक्तिपीठ
सुगंधा शक्तिपीठ - बांग्लादेश में सुगंध शक्तिपीठ मौजूद है और बताया जाता है कि यहां पर माता सती की नाग गिरी थी।
कर्तोयाघाट शक्तिपीठ - यह भी बांग्लादेश में मौजूद है और यहां पर माता सती का त्रिनेत्र गिरा था।
चट्टल शक्तिपीठ - माता की दाहिनी भुजा गिरने के बाद इस जगह को चट्टल शक्तिपीठ के नाम से पूजा जाने लगा।
यशोर शक्तिपीठ - यहां माता सती की बाई हथेली गिरी थी। यह जगह फिलहाल बांग्लादेश में खुलना जिले के जैसोर नामक नगर में मौजूद है।
तिब्बत और नेपाल
मानस शक्तिपीठ - तिब्बत में मानस शक्तिपीठ मौजूद है जो मानसरोवर के तट पर स्थित है। यहां पर माता की दाहिनी हथेली गिरी थी। मनसा देवी भगवान शिव की मानस पुत्री के रूप में पूजी जाती हैं।
गण्डकी शक्तिपीठ - नेपाल में गण्डकी शक्तिपीठ शक्तिपीठ और गुहेश्वरी शक्तिपीठ मौजूद है। गंडिका शक्तिपीठ में माता सती का दक्षिण गढ़ यानी कपोल गिरा था और दूसरे शक्तिपीठ में माता सती के दोनों घुटने गिरे थे।