Famous Places in Meerut: रामायण और महाभारत काल से जुड़ा है मेरठ का इतिहास, यहां के ये 10 जगहें विदेशों में भी फेमस

Famous places in Meerut: भारत के उत्तर प्रदेश में बसा मेरठ यूं तो भले ही सरकारी पर्यटन के नक्शे पर नहीं हो, लेकिन घूमने के लिए जितनी जगहें यहां हैं उतने शायद आसपास में मिले।

Report :  Anupma Raj
Update:2022-11-20 15:32 IST
Famous places in Meerut (Image: Social Media)

Famous places in Meerut: भारत के उत्तर प्रदेश में बसा मेरठ यूं तो भले ही सरकारी पर्यटन के नक्शे पर नहीं हो, लेकिन घूमने के लिए जितनी जगहें यहां हैं उतने शायद आसपास में मिले। इस शहर का इतिहास काफी पुराना है। यहां घूमने के लिए कई जगहें हैं जो विदेशों में भी फेमस है। तो आइए जानते हैं मेरठ का इतिहास और घूमने के लिए यहां के 5 बेस्ट जगहें:

मेरठ का इतिहास

दरअसल ऐसा माना जाता है कि मेरठ को त्रेता युग में मय नामक असुर ने बस आया था, और उस समय इस नगर का नाम मयराष्ट्र हुआ करता था। बता दें हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार रावण की पत्नी मन्दोदरी इसी मयासुर की पुत्री थी।

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वहीं महाभारत में भी इसका जिक्र देखने को मिलता है, महाभारत के अनुसार पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ का निर्माण इसी राक्षस ने किया था। 1857 की क्रांति के लिए मेरठ मशहूर रहा है। तो आइए जानते हैं मेरठ में स्थित 5 बेस्ट प्लेस के बारे में:

औघड़नाथ मंदिर

मेरठ के बाबा औघड़नाथ मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित है। यहां हर साल महा शिवरात्रि के दिन लाखों की संख्या में शिवभक्त भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यहां पर प्राचीन काल से भगवान शिव जी की आराधना होती है। इस मन्दिर की स्थापना का कोई निश्चित समय नहीं मालूम है। जानकारी के लिए बता दें कि यह औघड़नाथ शिव मन्दिर एक प्राचीन सिद्धिपीठ मन्दिर है, जो कि अन्नतकाल से भक्तों की मनोकामनायें पूर्ण करने वाले औघड़दानी शिव के स्वरूप विराजमान हैं। दरअसल मेरठ के दर्शनीय स्थल में यह ओघड़नाथ शिव मंदिर काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि इस मंदिर को खाली पलटन के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि मंगल पांडे और उनके साथियों का 1857 की क्रांति का आगाज का जन्म स्थल यही काली पलटन का मंदिर माना जाता है।

मनसा देवी मंदिर

दरअसल लोगो का मानना है की मनसा देवी की पूजा अर्चना करने से देवी अपने भक्तो की इच्छाओ को पूरा करती है। बता दें मेरठ मेडिकल कॉलेज के पास मनसा देवी स्थित हैं, यहा भक्तो की नवरात्रि के दिनो में बहुत भीड़ होती है। यह मंदिर मां देवी दुर्गा को समर्पित एक सिद्धपीठ स्थान है।

सुरज कुंड पार्क

सन 1714 में एक व्यापारी, लॉर जवाहर लाल ने इस सूरज कुंड का निर्माण किया था। मेरठ के प्रमुख दर्शनीय स्थल में सुरज कुंड पार्क भी शामिल है। यहां पार्क के बीच में एक झील भी है। हर साल यहां दशहरा के त्यौहार पर एक मेले का भी आयोजन किया जाता है। दरअसल कई प्राचीन मंदिरों से सूरज कुंड घिरा है। यहां मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा बनाया गया प्रसिद्ध बाबा मनोहर नाथ का मन्दिर भी शामिल है।

बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर

ऐसा माना जाता है कि मेरठ में स्थित बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना 1820 में मराठा शासकों द्वारा की गई थी। इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर में शिवलिंग को सुरक्षित करने के लिए उसके ऊपर ब्रेज़ेन का कलश चढ़ाया गया है। वहीं इसी मंदिर के निकट एक भव्य संस्कृत महा विद्यालय भी स्थित है। 

मिया की दरगाह

मिया का दरगाह का निर्माण कुतुबदीन ऐबक ने साल 1194 में करवाया था। बता दें इस दरगाह पर हर साल उर्स का आयोजन किया जाता हैं। दरअसल यह प्राचीन दरगाह हैं, जो मेरठ से यह कुछ दूरी पर स्थित हैं। यहां इसके पास में ही माता चंडी देवी का मंदिर भी बना हुआ हैं,आप इस जगह पर भी घूम सकते हैं।

पांडव मंदिर

यह सरधना तहसील में काली और हिंडन नदियों के मध्य स्थित है। यह महाभारत कालीन मंदिर है। बता दें पांडवों ने इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की थी। इसके पीछे की कहानी यह है कि हस्तिनापुर से लाक्षा गृह जाते समय इसी स्थान पर उन्हें स्वप्न में शिवजी ने मंदिर की स्थापना का संदेश दिया था, तब पांडवों ने इस मंदिर स्थापित किया था। आज भी यहां प्रमुख त्यौहार मनाए जाते हैं। यहां ठहरने के लिए धर्मशाला की व्यवस्था है। वहीं पास में स्थित चर्च में माता मरियम की चमत्कारी तस्वीर है।  

हस्तिनापुर 

48 किमी दूर हस्तिनापुर कुरु जनपद की राजधानी और हस्तिनापुर जैन धर्म की नगरी मानी जाती है। यहां मशहूर आदि तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का पारणा स्थल है। तीर्थकरों में शांतिनाथ, कुन्थुनाथ और अरहनाथ का जन्म, दीक्षा और कैवल्य ज्ञान प्राप्त यहीं हुआ। यहां उल्टा खेड़ा नाम से मशहूर विदुर का टीला भी है, जिसमें मृदभाण्ड के अलावा मुगलकाल के अवशेष मिलते हैं। इसके अलावा जैन मंदिर, प्राचीन पांडेश्वर मंदिर, द्रोपदेश्वर मंदिर और कर्ण मंदिर भी देखने लायक हैं।

गांधी बाग

मेरठ में स्थित गांधी बाग ब्रिटिश काल से ही मशहूर है। हर्बल पौधों के अलावा यहां 100 साल पुराने कई वृक्ष आज भी वैसे ही खड़े हैं। यहां म्यूजिकल फाउंटेन, स्टेडियम भी है। 

ऐतिहासिक संग्रहालय

मेरठ स्थित ऐतिहासिक संग्रहालय भी दर्शनीय स्थल है। इस संग्रहालय में बरनावा से मिली सूर्यमूर्ति, मिट्टी की मुद्राएं, टेराकोटा मोहरें, पाषाण कालीन गहने, कॉपर का टुकड़ा, मुगलकालीन पॉटर, प्राचीन सिक्के, हड्डी से बने आभूषण देखने मिलेंगे।


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