Famous South Indian Sweets: ये पांच दक्षिण भारतीय मिठाई होते हैं बहुत स्वादिष्ट, आप भी चखें

Famous South Indian Sweets: मैसूरु की शाही रसोई से उत्पन्न, मैसूर पाक बेसन, घी और चीनी से बनी मुंह में पिघल जाने वाली मिठाई है। इसकी एक अनोखी बनावट होती है और इसे अक्सर कटे हुए मेवों से सजाया जाता है। यह कर्नाटक सहित सभी दक्षिण के राज्यों में बहुत पसदं किया जाता है।

Written By :  Preeti Mishra
Update:2023-10-10 08:45 IST

Famous South Indian Sweets (Image credit: social media)

Famous South Indian Sweets: दक्षिण भारत अपनी स्वादिष्ट मिठाइयों के लिए प्रसिद्ध है, जिनमें से प्रत्येक क्षेत्र की समृद्ध पाक विरासत को दर्शाती है। ये मिठाइयाँ दक्षिण भारतीय मिठाइयों की विविध और स्वादिष्ट दुनिया की एक झलक हैं। क्षेत्र के प्रत्येक राज्य की अपनी अनूठी विशिष्टताएँ हैं जो दक्षिण भारत की सांस्कृतिक विविधता और पाक विशेषज्ञता को दर्शाती हैं।

मैसूर पाक (Mysore Pak)

मैसूरु की शाही रसोई से उत्पन्न, मैसूर पाक बेसन, घी और चीनी से बनी मुंह में पिघल जाने वाली मिठाई है। इसकी एक अनोखी बनावट होती है और इसे अक्सर कटे हुए मेवों से सजाया जाता है। यह कर्नाटक सहित सभी दक्षिण के राज्यों में बहुत पसदं किया जाता है। अब तो यह मिठाई उत्तर भारत के भी कई शहरों में बिकती है और लोग इसके स्वाद का आनंद लेते हैं। दीवाली, शादियों और अन्य विशेष अवसरों के दौरान मैसूर पाक का आनंद एक उत्सव के रूप में लिया जाता है। इसका अनोखा स्वाद और बनावट इसे पूरे दक्षिण भारत और उसके बाहर एक लोकप्रिय मिठाई बनाती है।


ओबट्टू (Obattu)

ओबट्टू, जिसे पूरन पोली, होलीगे या बोबट्टू के नाम से भी जाना जाता है, एक पारंपरिक दक्षिण भारतीय फ्लैटब्रेड है जो अक्सर त्योहारों और विशेष अवसरों के दौरान बनाई जाती है। यह कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में लोकप्रिय है। आमतौर पर साबुत गेहूं के आटे, चना दाल, गुड़, कसा हुआ नारियल, इलायची और घी के साथ इसको बनाया जाता है। यह बहुत कुछ उत्तर भारत के दाल पूरी की तरह होता है। अंतर सिर्फ इतना होता है कि दाल पूरी नमकीन होती है तो वहीँ पूरन पोली थोड़ी मीठी। ओबट्टू अक्सर उगादी, गुड़ी पड़वा जैसे त्योहारों और अन्य विशेष अवसरों से जुड़ा होता है। यह उत्सव समारोह का प्रतीक है और इसे सद्भावना और खुशी के संकेत के रूप में तैयार किया जाता है।


अधिरसम (Adhirasam)

अधिरसम एक पारंपरिक दक्षिण भारतीय मिठाई है, जो विशेष रूप से तमिलनाडु और कर्नाटक में लोकप्रिय है। इसे अक्सर त्योहारों और खास मौकों पर बनाया जाता है. अधिरसम की बनावट अनोखी है और यह अपने समृद्ध स्वाद के लिए जाना जाता है। इसको बनाने के लिए कच्चा चावल, जसी भिगोकर और पीसकर बारीक पाउडर बना लिया जाता है, गुड़, इलायची पाउड, तिल और घी की जरुरत पड़ती है। अधिरसम एक पारंपरिक मिठाई है जिसे अक्सर दिवाली, पोंगल और अन्य विशेष अवसरों जैसे त्योहारों के दौरान तैयार किया जाता है।इसे समृद्धि का प्रतीक माना जाता है और अक्सर कुछ उत्सव अनुष्ठानों के दौरान इसे मंदिरों में चढ़ाया जाता है। अधिरसम की तैयारी विधि में क्षेत्रीय भिन्नताएं हैं और इसे विभिन्न राज्यों या समुदायों में अलग-अलग नामों से जाना जा सकता है।


पूथारेकुलु (Pootharekulu)

पूथारेकुलु, जिसे पेपर स्वीट के नाम से भी जाना जाता है, भारत के आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के अत्रेयापुरम शहर का एक पारंपरिक मीठा व्यंजन है। यह अपनी अनूठी और नाजुक तैयारी विधि के लिए प्रसिद्ध है। तेलुगु में "पूथरेकुलु" नाम का अनुवाद "कोटिंग शीट" या "कोटिंग का रोल" होता है, जो इसकी पतली, कागज जैसी परतों को दर्शाता है। इसे बनाने के लिए चावल स्टार्च शीट, घी, चीनी, पाउडर चीनी, परतों के बीच छिड़कने के लिए उपयोग किया जाता है, और इलायची पाउडर की जरुरत होती है। पूथारेकुलु एक श्रमसाध्य मिठाई है जिसमें चावल के स्टार्च की पतली परतें बनाने और उन्हें बिना तोड़े परत बनाने में कौशल और सटीकता की आवश्यकता होती है। पारदर्शी परतों, मीठी भराई और इलायची के स्वाद का संयोजन पुथारेकुलु को आंध्र के व्यंजनों में एक अनोखी और पसंदीदा मिठाई बनाता है।


जंगीरी (Jangiri)

जंगीरी साउथ इंडिया की एक तरह से जलेबी या इमरती है। दक्षिण भारत में यह एक लोकप्रिय और स्वादिष्ट मिठाई है। इसको बनाने के लिए उड़द दाल, चावल का आटा, चीनी, इलायची पाउडर, केसर और घी की जरुरत पड़ती है। जंगीरी एक उत्सवपूर्ण व्यंजन है जिसे हर उम्र के लोग पसंद करते हैं, और इसकी तैयारी के लिए उत्तम बनावट और स्वाद प्राप्त करने के लिए विशेषज्ञता के स्तर की आवश्यकता होती है। इसका रंग आमतौर पर संतरे के रंग का होता है।

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