First Underground Museum: हुमायूं के मकबरे के नीचे बना अंडरग्राउंड म्यूजियम, यहां देखें 25 सालों का इतिहास

First Underground Museum In Delhi: दिल्ली में मौजूद हुमायूं के मकबरे के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि यहां पर अंडरग्राउंड म्यूजियम कैसा बना है।

Update: 2024-08-04 09:25 GMT

First Underground Museum In Delhi (Photos - Social Media)

First Underground Museum In Delhi: भारत के पहले अंडरग्राउंड म्यूजियम का उद्घाटन 29 जुलाई को नई दिल्ली की हुमायूं के मकबरे परिसर में कर दिया गया है। अगर आप ऐतिहासिक धरोहर देखने की शौकीन है तो आपको इस म्यूजियम का दीदार करने के लिए जरूर जाना चाहिए। यहां पर आपको 700 से ज्यादा कलाकृतियां 5 बड़ी गैलरी में देखने को मिलेगी। यहां आप वह कलाकृति भी देख सकेंगे जो खुदाई के दौरान निकली थी। हुमायूँ का मकबरा इमारत परिसर मुगल वास्तुकला से प्रेरित मकबरा स्मारक है। यह नई दिल्ली के दीनापनाह अर्थात् पुराने किले के निकट निज़ामुद्दीन पूर्व क्षेत्र में मथुरा मार्ग के निकट स्थित है। गुलाम वंश के समय में यह भूमि किलोकरी किले में हुआ करती थी और नसीरुद्दीन के पुत्र तत्कालीन सुल्तान केकूबाद की राजधानी हुआ करती थी।

देखें म्यूजियम में 2500 सालों का इतिहास 

यहां पर आप 25 साल में दिल्ली में बसे 7 शहरों का इतिहास देख सकते हैं। उसे दौरान की विभिन्न कलाओं और ऐतिहासिक संस्कृतियों को आप एक ही छत के नीचे देख सकेंगे। पुराने जमाने की बावली से प्रेरित होकर इस म्यूजियम को बनाया गया है। चलिए आपको इसके बारे में जानकारी देते हैं। 


कुछ घंटों के लिए खोला जाएगा म्यूजियम 

अंडरग्राउंड म्यूजियम पूरे दिन में सिर्फ तीन या चार घंटे के लिए ही खोला जाएगा। 1 अगस्त से आम लोगों के लिए एंट्री शुरू कर दी गई है। म्यूजियम में जाने के लिए 50-50 रुपए के तीन अलग-अलग एंट्री टिकट लेने होंगे। हालांकि इन तीनों स्थलों के लिए जॉइंट टिकट भी मिलेगा जिसकी कीमत 110 रुपए है। इस म्यूजियम में हुमायूं से लेकर सूफी संत निजामुद्दीन और उनके शिष्य और कवि अमीर खुसरो के बारे में जानकारी मिलेगी।

म्यूजियम में हैं खुदाई की वस्तुएं 

हुमायूं का मकबरा परिसर में लगभग 300 एकड़ क्षेत्र में पिछले 25 साल में खुदाई से मिली वस्तुओं को इस म्यूजियम में प्रदर्शित किया गया है। हुमायूं का मकबरा नई दिल्ली के प्रमुख ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। इसे 16वीं शताब्दी के मध्य में मुगल सम्राट हुमायूं की पत्नी महारानी बेगा बेगम ने बनवाया था।


100 सीट वाला ऑडिटोरियम 

इस म्यूजियम इस सो स्वीट वाला ऑडिटोरियम भी बनाया गया है। जिसमें अस्थाई गैलरी, कैफे के लिए स्थान l, मीटिंग रूम और लाइब्रेरी के साथ सर्विस ब्लॉक बनाए गए हैं। इस म्यूजियम का निर्माण 2015 में शुरू हुआ था और यह 9 सालों में बनकर तैयार हुआ है।

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