Gilahraj Hanuman Mandir: यहां हनुमान जी हैं गिलहरी रूप में, आइये जाने इसका रहस्य और कहानी
Aligarh Gilahraj Hanuman Mandir: वानरों को हमेशा से हनुमान का रूप माना गया है, लेकिन कभी आपने ऐसा सुना है कि हनुमान जी की पूजा गिलहरी रूप में की जाती है। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां भगवान हनुमान गिलहरी के रूप में हैं।
Aligarh Gilahraj Hanuman Mandir: हमारे देश में वानरों को हनुमान का रूप माना जाता है। वानरों को देखने पर उन्हें नमन भी किया जाता है। पर हमने ये अभी तक नहीं सुना है कि भारत में एक ऐसी जगह भी है, जहां पर भगवान श्रीराम भक्त हनुमान जी की गिलहरी रूप में पूजा की जाती है। यह बात आपको हैरान करेगी पर यह सच है। यह मंदिर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले (Aligarh) में है। यह मंदिर ‘गिलहराज महाराज’ (Gilharaj Hanuman Mandir) नाम से प्रसिद्ध है।
इस मंदिर के आसपास करीब 50 से ज़्यादा मंदिर हैं। लेकिन गिलहराज मंदिर (Gilharaj Temple) सबसे ज़्यादा फ़ेमस है। कहा जाता है इस प्रतीक की खोज सबसे पहले एक सिद्ध संत ‘श्री महेंद्रनाथ योगी जी महाराज’ ने की थी।
ऐसे हुआ मंदिर का निर्माण
मंदिर का निर्माण एक संप्रदाय के महंत ने कराया था। कहा जाता है कि उनके सपने में हनुमान जी आए। उन्होंने कहा कि वे अचल ताल (Achal Taal) में निवास करते हैं। जब महंत ने उस जगह जाकर खोजा तब वहाँ पर मिट्टी के ढेर पर बहुत गिलहरियां थीं। उसी मिट्टी के नीचे महंत जी को हनुमान जी मूर्ति मिली। यह मूर्ति गिलहरी के रूप में हनुमान जी की थी। कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण के भाई दाऊ जी ने यहां अचल ताल पर पूजा की थी।
वैसे तो हनुमानजी को एक दिन में एक चोला से ज्यादा नहीं चढ़ाया जाता है। लेकिन यहां बजरंगबली को रोजाना 50-60 चोले चढ़ाए जाते हैं। जो कि सबसे अलग बात है।
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41 दिन दर्शन करने से दूर होते हैं सभी कष्ट
दुनिया में इस तरह का सिर्फ़ एक ही मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि यहां 41 दिन लगातार दर्शन और पूजा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इस मंदिर में भारी संख्या में लोग दर्शन करने पहुँचते हैं।