Gorakhpur mein Ghumne Ki Jagah: गोरखपुर में जरूर जाएं घूमने की इन जगहों पर, खूब आएगा मजा

Gorakhpur mein Ghumne Ki Jagah: आइए आपको गोरखपुर और गोरखपुर से नजदीक तक की उन मशहूर घूमने की जगहों के बारे में बताते हैं, जहां आप दोस्तों, फैमिली के साथ आराम से घूम सकते हैं।

Report :  Vidushi Mishra
Update: 2022-07-04 07:15 GMT

गोरखपुर में घूमने की जगहें (फोटो-सोशल मीडिया)

Gorakhpur mein Ghumne Ki Jagah: रोजमर्रा की दौड़ती-भागती जिंदगी में से अगर आप उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर को घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो यहां पर प्राकृतिक सौंदर्य,  एतिहासिक विरासत का खूबसूरत मेल मिलेगा। इस छोटे से शहर गोरखपुर में कई धार्मिक स्पॉट भी हैं जहां आपके मन को काफी सुकून भी मिलेगा।

आइए आपको गोरखपुर और गोरखपुर से नजदीक तक की उन मशहूर घूमने की जगहों के बारे में बताते हैं, जहां आप दोस्तों, फैमिली के साथ आराम से घूम सकते हैं। इनमें से कुछ जगहें ऐसी हैं जहां पर समय बीतता जाएगा, लेकिन आपको पता ही नहीं चलेगा। 

गोरखनाथ मंदिर

गोरखपुर में सबसे पहले हम बात करते हैं गोरखनाथ मंदिर की। ये शहर बाबा गोरक्षनाथ की धरती होने के साथ ही नाथ पंथ का मुख्यालय भी है। इस स्थान को नाथ योगी सम्प्रदाय के महान प्रवर्तक ने अपनी अलौकिक आध्यामिक गरिमा से पवित्र किया था। इस मंदिर में मकर संक्रांति के अवसर पर दूर-दूर से भक्त खिचड़ी चढ़ाने आते हैं। 

इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि ज्वालादेवी के स्थान से परिभ्रमण करते हुए 'गुरु गोरखनाथ' ने आकर भगवती राप्ती के तटवर्ती क्षेत्र में तपस्या की थी। उसके बाद उसी स्थान पर अपनी दिव्य समाधि लगाई थी। जहां गोरखनाथ मंदिर बना है।

मंदिर में दर्शन का समय- सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक

रामगढ़ताल

गोरखपुर शहर की मशहूर घूमने की जगहों में रामगढ़ताल का नाम सबसे ऊपर रहता है। 1700 एकड़ के क्षेत्र में फैला रामगढ़ताल प्रकृति का बहुत सुंदर और मनोरम एहसास कराता है। इस समय रामगढ़ताल पूर्वांचल का मरीन ड्राइव बन चुका है। इस ताल की खूबसूरती को देखने के लिए दूर-दूराज से लोग आते हैं। जैसे ही शाम होती हैं, वैसे ही यहां पर लाइट एंड साउंड शो शुरू हो जाता है। जोकि पर्यटकों को काफी पसंद आता है। यहां पर नौकायन और वाटर स्पोर्ट्स होने सैलानियों की भीड़ हर शाम लगी रहती है।

गीता प्रेस

गीता प्रेस हिंदू धार्मिक ग्रंथों और पुस्तकों को प्रकाशित करने का सबसे प्रमुख केंद्र है। सन् 1923 में जया दयाल गोयंदका और घनश्याम दास जालान ने इस गीता प्रेस की नींव रखी थी। धार्मिक ग्रंथों जैसे पवित्र गीता और इसकी व्याख्याओं, पवित्र महाकाव्य रामायण, महाभारत, पुराण, उपनिषद, विभिन्न संतों और गुरुओं की रचनाओं को गीता प्रेस में ही प्रकाशित किया। साथ ही इन सभी ग्रंथों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद भी किया गया है।

दूर-दूर से पर्यटक गीता प्रेस में आते हैं यहांं हिंदू धर्म की सभी धार्मिक पुस्तकें, ग्रंथ आदि देखते हैं और उनको खरीद भी सकते हैं।

कुसम्ही वन

कुसम्ही गोरखपुर में घना जंगल है। यह जंगल गोरखपुर रेलवे स्टेशन से करीब 9 किलोमीटर की दूर है। यहां घने जंगल के बीच प्रसिद्ध बुढ़िया माई मंदिर है। ये मंदिर इतना प्रसिद्ध और ख्याति प्राप्त है कि इस मंदिर में दूर-दूर से लोग आते हैं।

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ भी इस मंदिर में अक्सर पूजा-पाठ करने जाते हैं। साथ ही ये मंदिर प्राकृतिक छटाओं से भरा है जिसकी वजह से यहां काफी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं।

इसी जंगल के अंदर ही विनोद वन पार्क और एक छोटा चिड़ियाघर भी है। जोकि घूमने की बहुत सुंदर जगह है।

राजकीय बौद्ध संग्रहालय

गोरखपुर में रामगढ़ ताल क्षेत्र में मौजूद राजकीय बौद्ध संग्रहालय है। जोकि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इस ऐतिहासिक संग्रहालय की स्थापना सन् 1987 में विविध तत्वों के संरक्षण के लिए की गई थी।

इस संग्रहालय में पाषाण काल से लेकर मध्य काल तक की पुरातात्विक वस्तुएं हैं। जिनमें पत्थर की वस्तुओं, कांस्य की मूर्तियां, धातु की वस्तुएं, टेराकोटा, मिट्टी के बर्तन, पांडुलिपियां, हाथी दांत, लघु चित्र, पंचमार्क सिक्के, धन्यवाद और कई अन्य चीजें प्रदर्शित हैं। जोकि इतिहास को पन्नों से रूबरू होने का सुनहरा अवसर देती हैं।

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