Historic Qutub Minar Complex: कौन है कुतुब मीनार परिसर का मालिक, खुद को बता रहे तोमर राजा का वंशज
Historic Qutub Minar Complex: कुतुबमीनार को लेकर बड़ा अजीबो-गरीबों मामला सामने आया है। यहां पर स्व-घोषित 'तोमर राजा के वंशज' ने उस भूमि के स्वामित्व का दावा किया है।
Historic Qutub Minar Complex: कुतुबमीनार को लेकर बड़ा अजीबो-गरीबों मामला सामने आया है। जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को 'तोमर राजा के वंशज' का बताया है साथ ही उस भूमि के स्वामित्व का दावा किया है, जिस पर कुतुब मीनार है, जो दिल्ली में भारत के सबसे प्रमुख स्मारकों में से एक है।
इस बारे में दायर की अपनी याचिका में कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह ने कहा है कि ऐतिहासिक कुतुब मीनार आज जिस जमीन और परिसर में है, वह उनके परिवार की है। उन्होंने कहा कि जमीन बेसवान परिवार और राजा रोहिणी रमन के उत्तराधिकारी धवज प्रसाद सिंह और राजा नंद राम के वंशज हैं, जिनकी मृत्यु 1695 में हुई थी।
उन्होंने यह भी प्रतिवाद किया कि सरकार को कुतुब के आसपास की भूमि के बारे में निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है। हालांकि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह के दावे का विरोध किया है। बुधवार को एएसआई ने उनसे पूछा कि उन्होंने पिछले 150 साल से कुछ क्यों नहीं कहा।
एएसआई ने कहा, "वह किसी सुबह उठते हैं और बिना किसी आधार के वकील के रूप में इस अदालत में आते हैं।"
शाही आवेदक ने आगे कहा कि 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद, सरकार ने न तो कोई संधि की, न ही कोई विलय, या शासक परिवार के साथ कोई समझौता किया।
मंदिर के जीर्णोद्धार को लेकर चल रहे विवाद के बीच यह मुद्दा उठा, जहां कथित तौर पर यहां भगवान नरसिंह की कुछ मूर्तियों की खोज के बाद हिंदू और जैन कुतुब मीनार परिसर के अंदर पूजा के अधिकार की मांग कर रहे हैं।
फिलहाल अदालत इस मामले पर 13 सितंबर को फिर से सुनवाई करेगी।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि जब इस तरह का दावा किया गया है। इससे पहले सुल्ताना बेगम नाम की एक महिला ने प्रसिद्ध लाल किले पर कब्जा करने का दावा किया था। उसने अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर के परपोते की पत्नी होने का दावा किया और इसलिए ऐतिहासिक संरचना पर उसका अधिकार है। अदालत ने देरी के आधार पर उसकी याचिका खारिज कर दी।