Famous Ganesha Temple In India: ये हैं देश के प्रसिद्ध गणपति मंदिर, यहां पूरी होती है मांगी गई हर मुराद

Famous Ganesha Temple In India: पार्वती नंदन गणपति के देश में कई मंद‍िर हैं। ज‍िनकी महिमा है। कहीं गणपति के आगे नतमस्‍तक होने से ही मुरादें पूरी हो जाती हैं तो कहीं माफी मांगने भर से ही गणेशजी मन की सारी मुरादें पूरी कर देते हैं।

Update: 2024-09-08 08:11 GMT

Famous Ganesha Temple In India (Photos - Social Media)

Famous Ganesha Temple In India : विघ्नहर्ता, मंगलमूर्ति, गजानन, गणपति, गणेश जैसे नामों से प्रसिद्ध भगवान शिव और माता पार्वती के छोटे पुत्र गणेश जी की पूजा बुधवार को की जाती है। इस दिन विधि विधान से गणेश जी की पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, उनके कष्ट दूर होते हैं। हमारे देश में भगवान गणेश के ऐसे प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनके दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। आज हम आपको पुरे देश भर स्थित फेमस गणेश जी के मंदिर के बारे में बताते हैंI जहाँ के दर्शन मात्र से भक्तो की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैI 

सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई (Siddhivinayak Temple, Mumbai)

भगवान गणेश के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर है। यह गणेश जी के सबसे बड़े मंदिरों में भी शामिल हैं। सिद्धिविनायक मंदिर दुनियाभर में प्रसिद्ध है। भारत ही नहीं विदेशों से भी लोग यहां आते हैं। मंदिर का निर्माण 1801 में हुआ था। अक्सर नेता, उद्योगपति और सेलिब्रिटीज यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मान्यता है कि सिद्धिविनायक मंदिर में सच्चे मन में मुराद मांगने वालों की मन्नत पूरी होती है।


रणथंभौर गणेश मंदिर, राजस्थान (Ranthambore Ganesh Temple, Rajasthan)

राजस्थान में गणेश जी का विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। मंदिर का इतिहास 100 साल पुराना बताया जाता है। रणथंभौर के गणेश मंदिर के दर्शन के लिए देश विदेश से भक्त आते हैं। इस मंदिर में भगवान गणेश के त्रिनेत्र स्वरूप की पूजा होती है। राजा हम्मीरदेव ने गणेश की मूर्ति की पूजा की। किंवदंती के अनुसार भगवान राम ने जिस स्वयंभू मूर्ति की पूजा की थी उसी मूर्ति को हम्मीरदेव ने यहाँ पर प्रकट किया। भगवान राम ने लंका कूच करते समय इसी गणेश का अभिषेक कर पूजन किया था। अत: त्रेतायुग में यह प्रतिमा रणथम्भौर में स्वयंभू रूप में स्थापित हुई और लुप्त हो गई।


चिंतामण गणेश मंदिर, उज्जैन (Chintaman Ganesh Temple, Ujjain)

गौरी पुत्र गणेश का एक प्रसिद्ध मंदिर महाकाल की नगरी उज्जैन में भी है। महाकालेश्वर के दर्शन के लिए आने वाले भक्त गणपति जी के दर्शन के लिए चिंतामण गणेश मंदिर आ सकते हैं। मंदिर के गर्भगृह में भगवान गणेश की तीन प्रतिमाएं स्थापित हैं। इनमें से पहली चिंतामण, दूसरी इच्छामन और तीसरा सिद्धिविनायक गणेश प्रतिमा हैं। चिंतामन गणेश भारत के मध्य प्रदेश के उज्जैन में भगवान गणेश का सबसे बड़ा मंदिर है। यह मंदिर फतेहाबाद रेलवे लाइन पर क्षिप्रा नदी के पार बनाया गया है, और उज्जैन शहर से लगभग 7 किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। इस मंदिर में स्थापित गणेश प्रतिमा को स्वयंभू माना जाता है।


खजराना गणेश मंदिर, इंदौर (Khajrana Ganesh Temple, Indore)

गणेश उत्सव के दौरान मध्य प्रदेश में स्थित गणपति मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते हैं। यहां इंदौर के खजराना में गणेश जी का मंदिर है। यह स्वयंभू मंदिर है। इसे देश के सबसे धनी गणेश मंदिरों में भी गिना जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर में भक्त मन्नत मांगते हैं और मुराद पूरी होने पर गणेश प्रतिमा की पीठ पर उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं। यहां गणेश प्रतिमा तीन फीट ऊंची है। इस मंदिर का निर्माण अहिल्या बाई होल्कर द्वारा किया गया था। इस मंदिर में मुख्य मूर्ति भगवान गणपति की है, जो केवल सिन्दूर द्वारा निर्मित है।


डोडा गणपति मंदिर, बेंगलुरु (Dodda Ganapati Temple, Bangalore)

दक्षिण भारत प्राकृतिक नजारों के साथ ही धार्मिक स्थलों के लिए लोकप्रिय है। यहां कई बड़े मंदिर हैं, जिसमें भगवान गणेश का डोडा गणपति मंदिर भी शामिल है। बेंगलुरु में स्थित इस मंदिर में गणेश जी की प्रतिमा बहुत विशाल है। नाम से ही स्पष्ट है डोडा मतलब बड़ा। नाम के अनुरूप मंदिर में गणेश जी की 18 फीट ऊंची और 16 फीट चौड़ी प्रतिमा है। यह प्रतिमा काले ग्रेनाइट के पत्थर पर उकेर कर तैयार की गई है।


कनिपकम विनायक मंदिर, चित्तूर (Kanipakam Vinayaka Temple, Chittoor)

यह विनायक मंदिर आंध्र प्रदेश में चित्तूर जिले में कनिपकम में स्थित है। कुलोथुंग चोला ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। बाद में 14वीं सदी के प्रारंभ में विजयनगर साम्राज्य के शासकों ने इस मंदिर का विस्तार कराया। भगवान गणेश की पूजा अर्चना के लिए लाखों की संख्या में भक्त आते हैं। अधिकतर भक्त ब्रह्मोत्सवम फेस्टिवल के दौरान गणेश चतुर्थी को विनायक के दर्शन के लिए आते हैं।

 

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