चमत्कारी है मध्य प्रदेश के मैहर का शारदा धाम, एक बार जरूर करें दर्शन
Maa Sharda Temple Maihar: मध्य प्रदेश के सतना जिले के मैहर में शारदा माता का मंदिर है। इस मंदिर पर देश भर के हिंदू समुदाय के लोगों में आस्था है।
Maa Sharda Temple Maihar : पवित्र मां शारदा मंदिर मध्य प्रदेश के सतना जिले के ग्राम मैहर में स्थित है। यह स्थान सड़क और ट्रेन मार्ग से जुड़ा हुआ है। सतना जिला मुख्यालय से अनुमानित दूरी 40 किलोमीटर है मंदिर त्रिचूट पर्वत पर 600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। तीर्थस्थल तक पहुंचने के लिए 1001 सीढ़ियों पर चढ़ना है। मंदिर का प्रबंधन माँ शारदा प्रबंधक समिति द्वारा किया जाता है। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति ने देश भर से मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों और भक्तों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया है।
ऐसा है मंदिर
मैहर में शारदा माँ का प्रसिद्ध मन्दिर है जो नैसर्गिक रूप से समृद्ध कैमूर तथा विंध्य की पर्वत श्रेणियों की गोद में अठखेलियां करती तमसा के तट पर त्रिकूट पर्वत की पर्वत मालाओं के मध्य 600 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यह ऐतिहासिक मंदिर 108 शक्ति पीठों में से एक है। यह पीठ सतयुग के प्रमुख अवतार नृसिंह भगवान के नाम पर 'नरसिंह पीठ' के नाम से भी विख्यात है। ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर आल्हखण्ड के नायक आल्हा व ऊदल दोनों भाई मां शारदा के अनन्य उपासक थे। पर्वत की तलहटी में आल्हा का तालाब व अखाड़ा आज भी विद्यमान है। यहाँ प्रतिदिन हजारों दर्शनार्थी आते हैं किंतु वर्ष में दोनों नवरात्रों में यहां मेला लगता है जिसमें लाखों यात्री मैहर आते हैं। मां शारदा के बगल में प्रतिष्ठापित नरसिंहदेव जी की पाषाण मूर्ति आज से लगभग 1500 वर्ष पूर्व की है। देवी शारदा का यह प्रसिद्ध शक्तिपीठ स्थल देश के लाखों भक्तों के आस्था का केंद्र है माता का यह मंदिर धार्मिक तथा ऐतिहासिक है।
ऐसा है इतिहास
मैहर शक्तिपीठ श्री श्री माता सतीजी के हार का त्रिकुट पर्वत पर गिर जाने से मैहर (माई का हार) इस जगह का नाम पड़ा जो कालांतर में वह जगह मां शारदा के मन्दिर के रूप में प्रतिष्ठापित हुआ, और त्रिकुट पर्वत का पूरा क्षेत्र मैहर के नाम से प्रसिद्ध हुआ जहां धीरे धीरे मैहर शहर विस्तार किया वह कभी महिष्मति साम्राज्य के अंदर आता था बादमें प्रतिहार, पाल, गोंड, चंदेल, बघेल आदि राजाओं ने भी यहां माता के आशीर्वाद से राज्य किया, गौरतलब है की चंदेल राजाओं के महान सेनानायक आल्हा ऊदल माताजी के परम् भक्त थे कहते हैं माताजी आल्हा से साक्षात बात करती थी और आल्हा आज भी माताजी की पूजा करने आते हैं।
कैसे पहुंचे यहां
ट्रेन द्वारा - आम तौर पर सभी ट्रेनों में मैहर स्टेशन पर रोक नहीं होती है, लेकिन नवरात्र उत्सवों के दौरान ज्यादातर ट्रेनें मैहर पर रुकती हैं। सभी ट्रेनों के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन जंक्शन - सतना स्टेशन से मैहर स्टेशन की दूरी 36 किलोमीटर है मैहर स्टेशन से कटनी स्टेशन की दूरी 55 किलोमीटर है
सड़क मार्ग - मैहर शहर अच्छी तरह से राष्ट्रीय राजमार्ग 7 के साथ सड़क से जुड़ा हुआ है . आप आसानी से निकटतम प्रमुख शहरों से मैहर शहर के लिये नियमित बसें पा सकते हैं।