Kedarnath New Route: केदारनाथ यात्रा होगी आसान, 11km कम हो जाएगी दूरी, ऐसा होगा नया मार्ग
Kedarnath Dham New Route: केदारनाथ धाम यात्रा भारत के प्रमुख धार्मिक यात्राओं में से एक है।लाखों श्रद्धालु केदारनाथ धाम आते हैं और यहां भगवान शिव के केदारनाथ रूप का दर्शन करते हैं।
Kedarnath Dham New Route: केदारनाथ धाम यात्रा भारत के प्रमुख धार्मिक यात्राओं में से एक है। हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ धाम आते हैं और यहां भगवान शिव के केदारनाथ रूप का दर्शन करते हैं। यहां पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को काफी कठिन रास्ते होकर गुजरना पड़ता है। लेकिन श्रद्धालुओं को केदारनाथ धाम पहुंचने के लिए अब थोड़ी कम दूरी तय करनी पड़ेगी।
दरअसल उत्तराखंड सरकार ने केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ा फैसले लेते हुए दूसरे रूट की तैयारी शुरू कर दी है। जिसके बाद केदारनाथ पहुंचने के लिए अब 11 km की दूरी कम हो जाएगी। बता दें उत्तराखंड के प्रसिद्ध केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन की ओर से वैकल्पिक मार्ग (दूसरा रूट) की योजना पर काम तेज कर दिया गया है।
बता दें उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) जिले के अधिकारी केदारनाथ धाम मंदिर तक पहुंचने के लिए दूसरे रूट (Kedarnath Dham Second Route) की योजना बना रहे हैं। जिसके बाद इससे समय की बचत होगी और ट्रेकिंग की दूरी लगभग 11 किलोमीटर कम हो जाएगी। इस साल (2022) करीब 15.6 लाख तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ धाम का दर्शन किया। जानकारी के लिए बता दें कि यह अब तक दर्ज की गई सबसे अधिक संख्या है। इसके पहले साल 2016 में मंदिर में 3.1 लाख आए थे। जो साल 2017 में यह संख्या बढ़कर 4.7 लाख हो गई। इसलिए अब श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते वैकल्पिक ट्रैक मार्ग पर काम तेज किया गया है।
दरअसल केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को गौरीकुंड से केदारनाथ (Gaurikund to Kedarnath Temple) तक 18 किलोमीटर का ट्रैक मार्ग लेना पड़ता है। साथ ही श्रद्धालु सोनप्रयाग में अपने वाहन पार्क करते हैं और सार्वजनिक वाहनों से गौरीकुंड तक पहुंचते हैं। लेकिन अब नए योजना के अनुसार, गौरीकुंड से रामबाड़ा (Gaurikund to Rambada) होते हुए चौमासी तक एक तरफा सड़क बनाई जाएगी। जिससे तीर्थयात्रियों को मंदिर तक पहुंचने के लिए 7 किलोमीटर की चढ़ाई करनी होगी। बता दें गौरीकुंड से 6.5 किलोमीटर दूर रामबाड़ा साल 2013 की बाढ़ के दौरान नष्ट हो गया था। अब गौरीकुंड, रामबाड़ा और चौमासी को जोड़ने के लिए एक नए मार्ग (Kedarnath Temple New Second Route) की योजना बनाई जा रही है। जिसके बाद एक बार सड़क बन जाने के बाद तीर्थयात्री चौमासी और कालीमठ के रास्ते गुप्तकाशी तक पहुंच सकते हैं। इससे दूरी के साथ-साथ समय की भी बचत होगी।
इसके अलावा केदारनाथ यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को रामबाड़ा और छोटी लिनचोली मार्ग (Lincholi Road) लेने की भी सुविधा मिल जाएगी। जिसके कारण इससे तीर्थ की यात्रा की दूरी 7 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। यह पहली बार सड़क बनाने की योजना नहीं है, इससे पहले भी सड़क बनाने की योजना तैयार की गई थी, लेकिन अधिकांश क्षेत्र वनों के दायरे में आने के कारण यह प्लान शुरू नहीं हो सकी।
आपको बता दें अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की हालिया केदारनाथ यात्रा के दौरान राज्य के भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे को उजागर किया था और एक अलग मार्ग की मांग उठाई थी। जिसके बाद अब नए मार्ग बनाने की योजना शुरू कर दी गई है। पीएम मोदी (PM Modi) ने अपनी केदारनाथ की यात्रा के दौरान 1268 करोड़ रुपये की 9.7 किलोमीटर लंबी केदारनाथ-गौरीकुंड रोपवे परियोजना की आधारशिला रखी थी।