जानें क्या है पाताल लोक, यहां कौन और कैसे लोग रहते हैं

Know what is Paatal Lok : ब्रह्मांड में भूलोक और स्वर्गलोक के जैसे ही पाताल लोक का भी अस्तित्व है। जानते हैं कहां है पाताल लोक और यहां कौन रहता है।

Update: 2024-05-17 11:53 GMT

Know what is Paatal Lok (Photos - Social Media)

Know what is Paatal Lok : हिंदू मान्यताओं के मुताबिक जिस तरह भू लोक और स्वर्गलोक का ब्रह्मांड में अस्तित्व है उसी तरह से पाताल लोक का भी अस्तित्व है। आज हम इसी पाताल लोक के बारे में जानने की कोशिश करेंगे कि ये आखिर में कहां पर है और कैसा दिखता है। हिंदू महाग्रंथों और पुराणों के मुताबिक ब्रह्मांड में तीन लोक हैं जिसे त्रैलोक्य कहा जाता है। इसे कृतक त्रैलोक्य, महर्लोक और अकृतक त्रैलोक्य कहा जाता है।

पृथ्वी के नीचे सात लोक

पृथ्वी के नीचे के सातों लोगों के नाम हैं ये अतल, वितल, सुतल, रसातल, तलातल, महातल और पाताल। विष्णु पुरान के मुताबिक पूरे भूलोक का क्षेत्रफल 0 करोड़ योजन है और इसकी उंचाई 70 सहस्त्र योजन है। और इसी के नीचे ये सातों लोक बसे हैं।

पाताल लोक


 


क्या है पाताल लोक

पुराणों में पाताल लोक से जुड़ी कई कहानियों का वर्णन मिलता है। पुराणों के अनुसार भूलोक यानि पृथ्वी के नीचे सात लोग स्थित है जिनमें सबसे निचला हिस्सा पाताल लोक कहलाता है। कहा जाता है कि इक बार देवी पार्वती की कान की बाली गलती से पाताल लोक में गिर गई थी उन्होंने काफी इसे ढूंढ़ने की कोशिश की लेकिन उन्हें इसका पता नहीं चला। भूलोक के नीचे रहने वाले शेषनाग को जब इसका पता लगा तो उन्होंने क्रोधित होकर पाताल लोक से ही जोर की फुफकार मारी और पृथ्वी के अंदर से गर्म जल की फुहार निकल पड़ी और इसी जल के साथ मणि (कान की बाली) भी बाहर आ गई।

पाताल लोक


 

पाताल में कौन रहता है

हिंदू धर्म के मुताबिक, पाताल लोक में नाग, दैत्य, दानव, यक्ष, असुर, और मत्स्य कन्याएं रहती हैं. पाताल लोक को नागलोक का मध्य भाग माना जाता है. यहां के राजा वासुकि नाग को माना जाता है, जिन्हें भगवान शंकर अपने गले में धारण करते हैं. पाताल लोक में कई तरह के नाग रहते हैं, जिनमें कहुक, तक्षक, कालिया, सुषेण, शंड्‍ड, कुलिक, महाशंड्ड, श्वेत, धनन्जय, धृतराष्ट्र, शंखचूड़, कम्बल, अक्षतर, और देवदत्त शामिल हैं. इन नागों के सिर की मणियां सूर्य जितना प्रकाश करती हैं, जिससे पाताल लोक में अंधेरा नहीं रहता. पाताल लोक में हिमालय जैसे अरूणनयन पर्वत भी मौजूद हैं.

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