Lucknow Lord Shiva Temple : लखनऊ के इस महादेव में मंदिर में नाव के सहारे होते हैं दर्शन, पुराना है इतिहास
Lucknow Lord Shiva Temple : लखनऊ के गोमतीेश्वर महादेव मंदिर की बात कर रहे हैं। यहां पर महादेव का इकलौता ऐसा मंदिर है। इस मंदिर में शिव भक्त दर्शन करने के लिए नाव से आते हैं।
Lucknow Lord Shiva Temple : लखनऊ में एक ऐसा मंदिर है, जहां पर जाने के लिए हमें नाव का सहारा लेना पड़ता है। दरअसल, यह लखनऊ के गोमतीेश्वर महादेव मंदिर की बात कर रहे हैं। यहां पर महादेव का इकलौता ऐसा मंदिर है। इस मंदिर में शिव भक्त दर्शन करने के लिए नाव से आते हैं। इस मंदिर की स्थापना वर्ष 1932 में की गई थी। पहले यह मंदिर किनारे पर था लेकिन जब बाढ़ आई तब मंदिर पानी के बीच में चला गया। अब यहां पर दर्शन करने के लिए भक्तों को नाव का सहारा लेना पड़ता है।
90 वर्ष पुराना मंदिर
यूपी की राजधानी लखनऊ में ऐसी कई अद्भुत इमारतें और मंदिर हैं, जिनका अपना एक गौरवशाली इतिहास है. लेकिन, यहां पर महादेव का इकलौता ऐसा मंदिर है जो गोमती नदी के बीच में स्थित है. इस मंदिर में शिवभक्त दर्शन करने के लिए नाव से आते हैं. करीब 90 वर्ष पुराने इस शिव मंदिर का नाम गोमेश्वर महादेव मंदिर है. खास बात यह है यहाँ पे जाने के लिये आपको नाव का सहारा लेना पड़ेगा
इतिहास
लखनऊ में गोमती नदी पर स्थित महादेव के गोमेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना वर्ष 1932 में की गई थी. पहले यह मंदिर किनारे पर था, लेकिन जब बाढ़ आई तब मंदिर नदी के बीचों-बीच चला गया. अब यहां पर दर्शन करने के लिए भक्तों को नाव का सहारा लेना पड़ता है. सबसे पहले मंदिर में पहुंचने के लिए उपासना स्थल पहुंचना होगा जो कि मनकामेश्वर मंदिर से थोड़ा पहले है. इस स्थल पर पहुंचने के बाद जैसे ही नीचे उतरेंगे तो थोड़ा अंदर जाने पर मंदिर नजर आ जायेगा. सच मानिये यहाँ आकार आपको एक अलग सा सकूं मिलेगा क्यूंकि चारो और हरे भरे पेड़, सुन्दर बतखे और चारो और गोमती नदी है तो आप बिलकुल प्रकृति से रूबरू हो जायेंगे अच्छा यह शिव मंदिर अति प्राचीन है क्यूंकि मुख्य मन्दिर में मंदिर का स्थापना वर्ष 1932 है और इसके लगे में ही एक बरामदा सा है जहाँ आप हवन इत्यादि भी कर सकते है एवं इसी बरामदे में अन्य देवी देवताओ की भी मूर्तियाँ है, आप उन सभी के दर्शन कर सकते हैं।
लोकेशन
लोकेशन की बात करते हैं सबसे पहले आपको उपासना स्थल पहुंचना होगा जो कि मनकामेश्वर मंदिर से थोड़ा पहले है। इसके बाद जैसे ही नीचे उतरेंगे थोड़ा अंदर जाने पर मंदिर नजर आ जाएगा। सच मानिए यहां पर आकर आपको एक अलग सा सुकून मिलेगा। इसके चारों ओर गोमती नदी है।