Manikaran Sahib Gurudwara : हिमाचल की हसीन वादियों में बसा है मणिकरण साहिब गुरुद्वारा, यहां होगा जन्नत सा एहसास
Manikaran Sahib Gurudwara : हिमाचल भारत का एक खूबसूरत दिलाता है जो अपने अंदर असीम प्राकृतिक सुंदरता को समेटे हुए है। चलिए यहां के मणिकर्ण के बारे में जानते हैं।
Manikaran Sahib Gurudwara : भारत एक बहुत ही खूबसूरत देश है और यहां के उत्तराखंड और हिमाचल तो खासतौर से अपनी खूबसूरती के लिए पहचाने जाते हैं। आज हम आपको हिमाचल में बसे मणिकर्ण और वहां के गुरुद्वारे के बारे में बताते हैं। मणिकर्ण किसी भी मौसम में जाया जा सकता हैं। लेकिन जनवरी में यहां बर्फ गिर सकती है। तब ठंड कडा़के की रहती है। मार्च के बाद से मौसम थोड़ा अनुकूल होने लगता है। बारिश में इस क्षेत्र की यात्रा खतरनाक हो सकती है। जाने से पहले मौसम की जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।
मणिकर्ण भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में कुल्लू जिले के भुंतर से उत्तर पश्चिम में पार्वती घाटी में व्यास और पार्वती नदियों के मध्य बसा है, जो हिन्दुओं और सिक्खों का एक तीर्थस्थल है। यह समुद्र तल से 1760 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और कुल्लू से इसकी दूरी लगभग 45 किमी है। भुंतर में छोटे विमानों के लिए हवाई अड्डा भी है। भुंतर-मणिकर्ण सडक एकल मार्गीय (सिंगल रूट) है, पर है हरा-भरा व बहुत सुंदर। सर्पीले रास्ते में तिब्बती बस्तियां हैं।
क्यों है प्रसिद्ध
मणिकर्ण अपने गर्म पानी के चश्मों के लिए भी प्रसिद्ध है। देश-विदेश के लाखों प्रकृति प्रेमी पर्यटक यहाँ बार-बार आते है, विशेष रूप से ऐसे पर्यटक जो चर्म रोग या गठिया जैसे रोगों से परेशान हों यहां आकर स्वास्थ्य सुख पाते हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां उपलब्ध गंधकयुक्त गर्म पानी में कुछ दिन स्नान करने से ये बीमारियां ठीक हो जाती हैं। खौलते पानी के चश्मे मणिकर्ण का सबसे अचरज भरा और विशिष्ट आकर्षण हैं। प्रति वर्ष अनेक युवा स्कूटरों व मोटरसाइकिलों पर ही मणिकर्ण की यात्रा का रोमांचक अनुभव लेते हैं।
धार्मिक महत्व
मणिकर्ण में बहुत से मंदिर और एक गुरुद्वारा है। सिखों के धार्मिक स्थलों में यह स्थल विशेष स्थान रखता है। गुरुद्वारा मणिकर्ण साहिब गुरु नानकदेव की यहां की यात्रा की स्मृति में बना था। जनम सखी और ज्ञानी ज्ञान सिंह द्वारा लिखी तवारीख गुरु खालसा में इस बात का उल्लेख है कि गुरु नानक ने भाई मरदाना और पंच प्यारों के साथ यहां की यात्रा की थी। इसीलिए पंजाब से बडी़ संख्या में लोग यहां आते हैं। पूरे वर्ष यहां दोनों समय लंगर चलता रहता है।
यहाँ पर भगवान राम, भगवान कृष्ण, भगवान विष्णु और भगवान शिव के मंदिर हैं। हिंदू मान्यताओं में यहां का नाम इस घाटी में शिव के साथ विहार के दौरान पार्वती के कान की बाली खो जाने के कारण पडा़। एक मान्यता यह भी है कि मनु ने यहीं महाप्रलय के विनाश के बाद मानव की रचना की थी। यहां रघुनाथ मंदिर है। कहा जाता है कि कुल्लू के राजा ने अयोध्या से भगवान राम की मू्र्ति लाकर यहां स्थापित की थी। यहां शिवजी का भी एक पुराना मंदिर है। इस स्थान की विशेषता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुल्लू घाटी के अधिकतर देवता समय-समय पर अपनी सवारी के साथ यहां आते रहते हैं।
मणिकरण साहिब कैसे पहुँचें?
प्रमुख रेलवे स्टेशन पठानकोट में है जो 300 किमी दूर है। कोई भी व्यक्ति कुल्लू या मनाली से मणिकरण की यात्रा कर सकता है क्योंकि ये दोनों पर्यटन स्थल एक-दूसरे के बहुत करीब हैं। एक शहर से दूसरे शहर तक यात्रा करने के लिए कैब किराये पर ली जा सकती है। कसोल जाने वाले बहुत से लोग मणिकरण भी जाते हैं। मणिकरण कसोल से कुछ ही किलोमीटर दूर है और इन कस्बों को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर स्थानीय बसें आसानी से उपलब्ध हैं।
फ्लाइट से मणिकरण साहिब कैसे पहुंचे?
आप भुंतर हवाई अड्डे से कुल्लू मनाली के लिए उड़ान ले सकते हैं। हवाई अड्डे और मणिकरण, हिमाचल प्रदेश के बीच की दूरी 34.8 किमी है। भुंतर बस स्टॉप से एक स्थानीय बस में बैठें और आप 90 मिनट से भी कम समय में मणिकरण पहुंच जाएंगे। भुंतर से स्थानीय बसें आसानी से उपलब्ध हैं। निकटतम प्रमुख हवाई अड्डा चंडीगढ़ में है और भुंतर से लगभग 8 घंटे की दूरी पर है। चंडीगढ़ से भुंतर के लिए बसें और टैक्सियाँ आसानी से उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग से मणिकरण साहिब कैसे पहुँचें?
मणिकरण स्थानीय राज्य बसों के माध्यम से भुंतर से जुड़ा हुआ है। भुंतर शिमला, पठानकोट, चंडीगढ़ और नई दिल्ली जैसे सभी नजदीकी प्रमुख शहरों से अच्छी बसों से जुड़ा हुआ है। आस-पास के सभी क्षेत्रों से टैक्सियाँ भी आसानी से उपलब्ध हैं।
ट्रेन से मणिकरण साहिब कैसे पहुंचे?
मणिकर्ण में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है। निकटतम प्रमुख स्टेशन पठानकोट स्टेशन, पंजाब है जहां सक्रिय ट्रेनें जम्मू मेल, रवि एक्सप्रेस और धौलाधर एक्सप्रेस हैं। लगभग 300 किमी की दूरी के साथ, आपको सड़क मार्ग से पठानकोट से मणिकरण पहुंचने में लगभग 8 घंटे लगेंगे। पठानकोट से मणिकरण पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका टैक्सी बुक करना या बस से भुंतर तक जाना और फिर स्थानीय बस लेना है।