Masan Holi 2024: आइये देखें वाराणसी में चिता की भस्म वाली होली, शमशान में होता है आयोजन

Masan Holi 2024 Date: भारत के हर इलाके में त्योहारों को अलग तरीके से मनाने की परंपरा है। होली का त्योहार जहां रंग, गुलाल के साथ मनाया जाता है।

Update:2024-03-21 15:41 IST

Masan Holi 2024 (Photos - Social Media) 

Masan Holi 2024: देश भर में 25 मार्च को होली का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके लिए लोगों में अलग उत्साह देखने को मिल रहा है। बाजार रंग अबीर गुलाल और पिचकारियों से सज कर तैयार हो चुके हैं। ग्राहक भारी संख्या में इसे खरीदने पहुंच रहे हैं। जैसा कि हम सभी बचपन से सुनते आ रहे हैं कि सभी प्रदेश में अलग-अलग तरह से होली मनाई जाती है। कहीं पर लठमार होली खेली जाती है। तो कहीं पर फूलों की वर्षा होती है। तो कहीं पर कीचड़ वाली होली खेली जाती है। एक जगह ऐसी भी है जहां चिता की राख से होली खेलने की परंपरा है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको मसाने की होली खेलने की परंपरा के बारे में विस्तार से बताएंगे जो बहुत ही अलग तरह की होली होती है। जो बनारस में खेली जाती है। बता दें कि आज काशी में चिता भस्म की होली खेली जा रही है आईए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

प्रसिद्ध है मसान की होली

मसान की होली को लेकर ऐसा कहा जाता है कि रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शिव माता पार्वती का गौना कराकर काशी ले आए थे। तब उन्होंने सबके साथ मिलकर गुलाल से होली खेली थी। इस दौरान वह भूत प्रेत पिशाच जीव जंतु आदि के साथ गुलाल वाली होली नहीं खेल पाए थे। जिस कारण उन्होंने रंगभरी एकादशी के ठीक-एक दिन बाद शमशान घाट में मसान की होली खेली थी। तभी से यहां पर चिता की भस्म से होली खेलने की परंपरा निभाई जाती है।

Masan Holi 2024

मणिकर्णिका घाट पर होती है होली

बता दें कि यह होली खास तौर पर वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर मनाई जाती है। जो एक प्रसिद्ध शमशान घाट है। यहां पर सुबह से ही लोगों की भीड़ देखी जाती है। साधु और शिव भक्त यहां पर शिव की पूजा और आराधना में लगे हुए नजर आते हैं। चिता की भस्म से होली खेलने के बाद यहां पर नृत्य का आयोजन भी किया जाता है। लोग तरह-तरह के वेशभूषा धारण कर नाचते गाते हैं और होली का पावन त्यौहार मनाते हैं। इस उत्सव को मृत्यु नहीं बल्कि मोक्ष प्राप्ति का मार्ग बताया जाता है।

Masan Holi 2024


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