Moksh Prapti Ki Jagah: ये हैं भारत के 7 मोक्ष प्राप्ति तीर्थस्थल, इन शहरों की यात्रा करने से इंसान को मिलता है मोक्ष
Moksh Prapti Ki Jagah Kaha Hai: भारत विविध परंपराओं और संस्कृति से भरा हुआ एक खूबसूरत देश है। चलिए आज हम आपके यहां के मोक्षप्राप्ति तीर्थ स्थलों के बारे में बताते हैं।
Moksh Prapti Ki Jagah Kaha Hai: भारत आध्यात्मिकता से भरा हुआ देश है। हिंदू धर्म में मनुष्य के जीवन का अंतिम लक्ष्य एवं पुरूषार्थ की बात करें तो मोक्ष को माना जाता है। ऐसे में देश में कुछ ऐसे शहर हैं जिसे मोक्ष का नगर कहा जाता है। हालांकि देश में इन शहरों को लेकर अलग-अलग धार्मिक मान्यताएं भी है। सनातन धर्म के अनुसार इन स्थानों का दर्शन से मात्र मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। आज आपको ऐसे ही स्थानों के बारे में बताने जा रहें, जिन्हें शास्त्रों में भी मान्यता दी गई है।
अयोघ्या
सूर्यवंश का राज्य और भगवान राम का जन्मस्थान अयोध्या भारतीय मान्यताओं के अनुसार अत्ययंत पवित्र माना जाता है। हालांकि अयोध्या हाल के वर्षों में काफी विवादों में रहा है। उत्तर प्रदेश में सरयू नदी के तट पर स्थित यह शहर बेहद पौराणिक माना जाता है। सनातन के कई धार्मिक और साहित्यिक ग्रंथों में इस शहर का उल्लेख किया गया है। वहीं प्रभुराम के मंदिर निर्माण के बाद इसकी आस्था और भी बढ़ जाती है। यह हिंदुओं के लिए प्रमुख पवित्र स्थानों में से एक है और सप्त पुरी यात्रा का हिस्सा है।
बनारस
बनारस या वाराणसी काशी यह शहर दुनिया के सबसे पुराने नगरों में से एक है। साथ ही यह हिंदुओं के लिए एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक अगर इस स्थान पर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। पवित्र गंगा के तट पर स्थित यह शहर अपने सौदर्यता के लिए भी जाना जाता है। साथ ही यह सप्त पुरी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कई आक्रमणकारियों के हमले के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर (12 ज्योतिर्लिंगों में से एक) आज भी यह विराजमान है। साथ में यह शहर भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है।
मथुरा
भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा सनातन धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है। इस शहर को भी देश के सबसे पुराने शहरों में से एक माना जाता है। बता दें कई मंदिर हैं और यह वृंदावन और गोवर्धन जैसे पवित्र स्थान इसके पास है। मान्यताओं के अनुसार कृष्ण ने अपना बचपन इन्हीं जगहों पर बिताया था। साथ ही श्री कृष्ण जन्मभूमि केशव देव मंदिर, बिड़ला मंदिर और कई अन्य मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है।
हरिद्वार
गंगा नदी के किनारे बसा यह शहर देश के पवित्र शहरों में से एक है। देवभूमि उत्तराखंड में स्थित यहां हर 12 साल में कुंभ मेला (गंगा नदी में अनुष्ठान स्नान) लगाया जाता है। बता दें यह शहर कैलाश पर्वत तक पहुंचने के लिए चार धाम यात्रा का प्रारंभिक बिंदु भी है। बिहार के गया को पित्रों का विसर्जन के लिए भी जाना जाता है।
महाकाल उज्जैन
गुप्त वंश के महान सम्राट विक्रम की राजधानी उज्जैन सबसे प्राचीन शहरों के नाम से जाना जाता है । मध्य प्रदेश में स्थित यह शहर मंदिरों के नगर के नाम पर जाना जाता है। यह पर महाकाल ज्योर्तिलिंग के अलावा बाबा काल भैरव सहित कई प्राचीन मंदिर विराज मान है। हिंदू ग्रथों की माने तो इस शहर की उत्पत्ति समुद्र मंथन (देवताओं और राक्षसों के बीच लड़ाई की एक कथा) के दौरान हुई थी। चार नगर जहां प्रति 12 वर्ष में कुंभ का मेला लगता है। उसमें से एक है।