Mongolia History Wikipedia: इस देश की लगभग पूरी आबादी है एक ही शहर में, यहाँ इंसानों से ज्यादा है घोड़े

Mongolia History Wikipedia in Hindi: इस देश में 1.6 मिलियन किलोमीटर जमीन पड़ी हुई है। यानि कि हर व्यक्ति के हिसाब से 2 किलोमीटर ।चंगेज खान जो एक जाने-माने योद्धा थे

Written By :  AKshita Pidiha
Update:2024-11-09 13:05 IST

Mongolia History Wikipedia in Hindi

Mongolia History Wikipedia: मंगोलिया जिसे हम चंगेज खान का देश कहते हैं । वहीं चंगेज खान जिसका नाम कभी न हारने वाले राजाओं में शामिल है । एक समय था जब यह देश प्रशांत महासागर से लेकर केसपीयन सागर तक और रूस से लेकर तिब्बत तक फैला हुआ था । उस समय यह सेंट्रल एशिया का सबसे बड़ा देश हुआ करता था। लेकिन आज यह दुनिया का ऐसा देश है जो कि लगभग 99 प्रतिशत खाली है । पूरी जनसंख्या सिर्फ और सिर्फ एक ही शहर में बसती है । आखिर इसके पीछे का कारण क्या है?इसे विस्तार से समझते हैं ।

यह देश चारों तरफ से जमीन से लॉक है। इतने बड़े क्षेत्र में फैले होने के बाबजूद भी आपको यहाँ समुद्र का किनारा नहीं मिलेगा।यह सच अद्भुत बात है कि जमीन की कमी ना होने का बाद भी यहाँ पर लोगों की कमी हैं।यह देश पूर्व और मध्य एशिया में बसा है । वर्तमान की बात की जाए तो यहाँ लगभग 30 लाख लोग ही रहते हैं । इस देश की राजधानी उलन बाटोर है, जहां अधिकाश जनसंख्या रहती है ।

देश में जमीन का है अधिकांश हिस्सा

इस देश में 1.6 मिलियन किलोमीटर जमीन पड़ी हुई है। यानि कि हर व्यक्ति के हिसाब से 2 किलोमीटर ।चंगेज खान जो एक जाने-माने योद्धा थे, उन्होंने इस देश को खड़ा किया था। सन् 1206 में चंगेज खान द्वारा मंगोल साम्राज्य की स्थापना की गई।


लेकिन युआन राजवंश के पतन के बाद 16 वीं और 17 वीं शताब्दी में मंगोलिया तिब्बती बौद्ध धर्म के प्रभाव में आया। 17 वीं सदी के अंत में मंगोलिया के अधिकतर भागों मे किंग राजवंश ने कब्जा कर लिया । 1911 में इस राजवंश का भी पतन हो गया, जिसके बाद मंगोलिया स्वतंत्र हुआ । पर स्वतंत्रता को स्थापित करने में 1921 तक का समय लग गया । उसके बाद भी इस देश को अंतराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिली। आखिर में 1945 तक अंतरराष्ट्रीय मान्यता हासिल हुई।

मंगोलिया खाली होने का एतिहासिक कारण

इतिहासकार बताते हैं कि 17वी शताब्दी के करीब मंगोलिया बुद्ध धर्म के प्रभाव में आ गया था । और इस धर्म का अनुपालन करने का निश्चय किया । जिसके बाद से ही मंगोली राजाओं ने किसी भी प्रकार का युद्ध लड़ने से इनकार कर दिया और शांति स्थापित करने की कोशिश की ।


तब से ही हर एक परिवार के तीन मर्द में से एक मर्द साधु बन जाता था और वो सारी जिदंगी शादी नहीं करता है , जिस वजह से काफी पीढ़ी और परिवार आगे बढ़े नहीं । हालांकि इससे बचने के लिए सोवियत यूनियन ने कई नियम बनाए थे जिसमे कपल को घर देने , पैसे देने जैसी सुविधा भी थी । लेकिन उन्हे इसमें अच्छी सफलता नहीं मिली। बुद्ध धर्म आज भी इतना फैला हुआ है कि कई मर्द आज भी यहाँ शादी करना ही नहीं चाहते हैं।जिसकी वजह से भी यहाँ की जनसंख्या में बढ़ोत्तरी देखने को नहीं मिल रही है ।

एतिहासिक कारणों के अलावा भूगोलिक कारण भी हैं –

इतने बड़े देश मे समुद्र की कोई सीमा नहीं है । यह उत्तर मे रूस तो दक्षिण मे चीन से घिरा हुआ है । जिस वजह से इसके चारों तरफ हमें रेगिस्तान दिखाई देता है। यहाँ की जलवायु शुष्क है , चारों तरह उच्ची पहाड़ी चट्टानें हैं । जिससे यहाँ अधिक लंबी सर्दी होती है । इसके दक्षिण और पश्चिम भागों और उत्तरी भागों की ज्यादातर हालत यही है ।


इसलिए इन तीनों माउंटेन के बीच के भाग में ही जीवन जिया जाता है । इसी भाग मे इसकी राजधानी उलन बाटोर है जहां शिक्षा , कृषि , मेडिकल ,आईटी क्षेत्र ,सरकारी मंत्रालय स्थित हैं । हालांकि यह पूरे देश का सिर्फ एक चौथाई हिस्सा है । यहाँ का अधिकतम तापमान -2 डिग्री तक ही गिरता है जिसमे आम इंसान रह सकता है ।

उलन बाटोर है सबसे ठंडा

इस देश की राजधानी उलन बाटोर की बात करें तो ये दुनिया की सबसे ठंडी राजधानी है। सर्दियों में वहां आइसक्रीम कागज के बॉक्स में रखकर बेची जाती है ताकि खाने लायक बनी रहे।


यहां पर जनवरी के महीने में तापमान -36 से -40 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है।

आश्चर्य करने योग्य बातें -

1.दुनिया का सबसे छोटा शेयर बाजार उलनबाटोर में है।

2.दुनिया में घोड़े की सबसे बड़ी प्रतिमा भी इसी शहर में है, जिस पर बैठे हुए चंगेज खान की प्रतिमा है। यह प्रतिमा 131 फुट ऊंची है।

3.यहाँ इंसानों से ज्यादा आबादी घोड़ों की है । यहाँ के लोगों का जीवन बिन घोड़ों के संभव नहीं हैं । हालांकि यहाँ जंगली घोड़े भी देखने को मिलते हैं जो दुनिया में और कहीं नहीँ हैं ।

4.मंगोलिया दुनिया का 19वां सबसे बड़ा देश है। मंगोलिया ज़्यादातर मैदानों, रेगिस्तानों और पहाड़ों से बना है ।

5.कहा जाता है यहाँ के लोग मिलनसार होते हैं । कम आबादी वाले इस शहर के घरों मे घंटिया नहीं होती है,ताकि कोई भी अंदर आ सके । इनके घर टेंट की तरह दिखाई देते हैं। जिसे युर्ट कहते हैं ।यदि कोई भी इनके घर पहुँच जाए तो ये अच्छे-अच्छे भोजनों से आपका स्वागत करते हैं ।

6.यहाँ पर पालतू गाय और भैंस नहीं पाई जाती है । इसलिए आपको सिर्फ घोड़े का ही फर्मनटिड दूध मिलेगा , जिससे यहाँ के लोग तरह तरह के खाद्य पदार्थ बनाते हैं । इसे एराग कहते हैं ।

7.यहाँ पर आपको दो कूबड़ वाले ऊंट और हिम तेंदुआ मिल जाएगा ।ये प्रायः लुप्त जीव है पर आपको मंगोलिया मे दोनों आसानी से दिख जाएंगें ।

यहाँ की जलवायु शुष्क है साथ ही यहाँ बारिश भी कम होती है । इस वजह से इसे नीले आसमान की भूमि भी कहा जाता है । साल ले 365 दिन में से 250 दिन आपको सूरज दिखेगा ही पर उच्च ऊंचाई और महाद्वीपीय जलवायु के कारण आपको तेज गर्मी का अनुभव नहीं होगा ।यहाँ की सर्दिया लंबी होती है । जून जुलाई तक भी आप आसानी से अच्छी ठंड को महसूस कर सकते हैं ।

मंगोलिया का अपना ओलंपिक है ।

मंगोलिया जैसे देश भले ही ओलंपिक का हिस्सा ना हो पर इस देश ने स्वयं अपना ओलंपिक बना किया है । इसमे मुख्य रूप से तीरंदाजी, घुड़सवारी और कुश्ती शामिल हैं ।


इस पूरे उत्सव को मंगोलिया के लोग नादम उत्सव के नाम से मनाते हैं । नादम उत्सव को बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है । इस उत्सव में नृत्य और संगीत भी प्रतियोगिता का हिस्सा होते हैं ।

एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेगिस्तान

यहाँ गोबी रेगिस्तान है जो एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेगिस्तान है। वहीं यह दुनिया का भी छठवाँ बड़ा रेगिस्तान है।


यह मंगोलिया के कुल भूमि क्षेत्र का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा घेरता है। इस रेगिस्तान को दुनिया में डायनासोर के जीवाश्मों का सबसे बड़ा स्थल भी माना जाता है।

जुद के कारण लोग कर रहे पलायन

लंबे अरसे से जुद की समस्या देखने को मिल रही है । जुद का मतलब है लंबी और तेज ठंडी जिसकी वजह से आर्थिक और भोजन का संकट हो जाता है ।जिसके कारण लोग पलायन करने को मजबूर है। सर्दी इतनी लंबी और ज्यादा होती है कि कई मवेशी मर जाते हैं।

भारत की लोकप्रियता

भारत के दीवाने आपको दुनिया में हर जगह मिल जाएंगें । यही वजह है कि इस कम आबादी वाले शहर में भी हिन्दी फिल्मों की लोकप्रियता बढ़ गई है। ‘महाभारत' धारावाहिक को मंगोलियाई भाषा में डब करके वहां टीवी पर भी प्रसारित किया जा चुका है। हालांकि वहां रहने वाले भारतीयों की संख्या बहुत ही कम है। 30 लाख की आबादी में लगभग दो सौ भारतीय हैं।

( लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं ।) 

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