Pilibhit Famous Places: पीलीभीत को कहा जाता है बांसुरी की नगरी अपने सुन्दर मंदिरों के लिए भी जाना जाता है ये शहर
Pilibhit Famous Places: पीलीभीत में बड़े पैमाने पर बांसुरी का उत्पादन होने के कारण इसे बासुरी नगरी अथवा बांसुरी की भूमि भी कहा जाता है।
Pilibhit Famous Places: पीलीभीत उत्तर प्रदेश में घने जंगल से घिरा एक अनोखा छोटा सा शहर है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता, वन्यजीव अभ्यारण्य और सांस्कृतिक विरासत के साथ, पीलीभीत उन आगंतुकों को आकर्षित करता है जो अपनी यात्रा के अनुभवों में प्रकृति और इतिहास का मिश्रण चाहते हैं। यह जिला उत्तर प्रदेश के आर्थिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। पीलीभीत राजधानी लखनऊ से लगभग 280 किमी दूर है और रोड तथा रेल से अच्छी तरह कनेक्टेड है।
पीलीभीत को कहा जाता है बांसुरी की नगरी
पीलीभीत में बड़े पैमाने पर बांसुरी का उत्पादन होने के कारण इसे बासुरी नगरी अथवा बांसुरी की भूमि भी कहा जाता है। अपनी सुरम्य सुंदरता और सुंदर नक्काशी के साथ कुशलता से बनाए गए कई मंदिरों वाला यह शहर खुद को तरोताजा और आराम देने के लिए एक आदर्श सप्ताहांत अवकाश है। यह शहर ऐसे स्थानों से भरा हुआ है जो पर्यटकों को आकर्षित करेंगे और उन्हें एक आदर्श छुट्टियाँ प्रदान करेंगे। खूबसूरत महलों से लेकर प्राचीन मंदिरों और मस्जिदों तक इस जगह का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व आपको आश्चर्यचकित कर देगा।
पीलीभीत में घूमने के लिए पांच शानदार जगहें
पीलीभीत टाइगर रिजर्व- 2008 में स्थापित, यह रिज़र्व अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है, जिसमें बंगाल बाघों की बढ़ती आबादी भी शामिल है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व हिमालय की तलहटी के तराई क्षेत्र में स्थित है। यह उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, लखीमपुर खीरी और बहराईच जिलों के कुछ हिस्सों तक फैला हुआ है। बंगाल टाइगर के अलावा, यह तेंदुए जैसी प्रजातियों का भी घर है। रिज़र्व में विभिन्न हिरण प्रजातियाँ, जंगली सूअर, हाथी, लंगूर, स्लॉथ भालू और कई पक्षी प्रजातियाँ भी हैं। इस अभ्यारण्य का उत्तरी क्षेत्र पहाड़ों और हरे-भरे पेड़ों से घिरा हुआ है, जबकि दक्षिणी क्षेत्र दो नदियों खरका और सारदा से घिरा हुआ है।
चूका बीच- चूका बीच पीलीभीत से लगभग 60 किमी की दूरी पर है। यह शहर की भीड़-भाड़ से दूर सरदार सरोवर बांध और शारदा नहर के बीच स्थित है। यह उत्तर प्रदेश का एकमात्र बीच है। चूका बीच तटरेखा लगभग 17 किमी लंबी है। यह हरे-भरे जंगलों के बीच स्थित है। समुद्र तट से घिरा यह क्षेत्र राज्य सरकार द्वारा संरक्षित है और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसे पिकनिक स्थल में बदल दिया गया है। यह क्षेत्र धार्मिक स्थलों के लिए भी जाना जाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि चूका बीच पर हमेशा शांति और स्थिरता बनी रहती है।
छटवी पादशाही गुरुद्वारा- 400 वर्षों से ज्यादा पुराना छटवी पादशाही गुरुद्वारा पीलीभीत के पकड़ड़िया क्षेत्र में स्थित है। यह गुरुद्वारा सिखों के छठे गुरु, गुरु श्री हर गोविंदजी को समर्पित है। इसका निर्माण गुरु गोविंद सिंहजी की देखरेख में किया गया था, जो नानकमत्ता की यात्रा के दौरान इस स्थान की सुंदरता और शांति से रूबरू हुए थे। सफेद संगमरमर वाले इस गुरुद्वारे की वास्तुकला शानदार है और इसे अवश्य देखना चाहिए। बता दें कि पीलीभीत में सिख समुदाय की संख्या बहुत ज्यादा है।
देवहा-घाघरा संगम- प्रयागराज ही नहीं पीलीभीत में भी एक संगम है। दो नदियों के प्राचीन संगम को देखने के लिए यह जगह घूमने लायक है। यह वह स्थान है जहाँ दो पवित्र नदियाँ हैं- देवहा और घाघरा आपस में मिल जाते हैं। इस स्थान को सभी जाति और पंथ के लोग पवित्र मानते हैं। यहाँ संगम में स्थान करना बहुत पवित्र माना जाता है। यह स्थान आपके घूमने और संगम में स्थान करने के लिए जरूर जाएँ।
जयसंतरी देवी मंदिर- पीलीभीत शहर से मात्र 5 किमी की दूरी पर स्थित, जयसंतरी देवी मंदिर लोगों के बीच एक धार्मिक स्थान है। 150 साल पुराने इस मंदिर का निर्माण अद्भुत है। हालाँकि 2008 में आई बाढ़ ने इसके कुछ हिस्से को नष्ट कर दिया है, फिर भी यह एक वास्तुशिल्प चमत्कार बना हुआ है। इस मंदिर में नवरात्रि के दौरान होने वाला उत्सव देखने लायक होता है।