Prayagraj Famous Place: प्रयागराज में इस जगह की कहानी रामायण से है संबंधित
Prayagraj Sacred Place: यहां पर हम आपको रामायण से जुड़ी एक अद्भुत कहानी संगम नगरी के एक कोने से बताने जा रहे है।
Prayagraj Famous Ram Janki Mandir Details: भगवान राम जब भारत की भूमि पर अवतरित हुए थे, तो उनके जन्म से भारत के उत्तर प्रदेश राज्य की अयोध्या भूमि पावन हो चुकी था। उसके पश्चात अपने जीवन के मूल लक्ष्य तक पहुंचने के दौरान वे जहां- जहां गए उस जगह पर एक कहानी बनी, उन सभी जगहों की मान्यता आज भी लोंगों के बीच मानी जाती है। यहां पर हम आपको रामायण से जुड़ी एक ऐसी ही जगह की कहानी बताने जा रहे है। यह जगह उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध संगम नगरी में है। एक ऐसा कुंड प्रयागराज के तालाब में स्थित है जहां पर बहुत ही बड़े- बड़े कछुऐ रहते है। ऐसी मान्यता है कि यह कछुए रामायण काल से यहां निवास करते है।
कहा है यह अद्भुत कुंड
प्रयागराज के एक बड़े तालाब में वर्तमान में बहुत ही बड़े बड़े कछुए है। ऐसा कहा जाता है कि ये कछुए भगवान राम जी के समय से इस सरोवर में विद्यमान में है। यह जगह है, कंबलास्तर तीर्थ के पास चाका ब्लॉक में सीओडी कैंटोनमेंट के पास एक बहुत ही प्रसिद्ध जगह है। यहा पर स्थित कुंड का नाम राम सागर कुंड है। जिसे कहा जाता है कि भगवान राम ने स्वंय इस कुंड का निर्माण किया था। इस कुंड के निर्माण के पीछे यह कथा है कि माता सीता को रात्रि विश्राम के दौरान प्यास लग गई थी जिसके बाद प्रभु राम जी ने अपने तपस्या और दृढ़ इच्छा शक्ति से यहां पर कुंड का निर्माण करने में सफल हो गए थे। यह कुंड तब से जस का तस है। इस कुंड का पानी कभी नहीं सूखा है। इस सरोवर में बहुत ही बड़े- बड़े और पुराने उम्रदराज कछुए निवास करते है।
सिर्फ इस समय ही मिलते है कछुए
सिर्फ शाम के समय में ही कुंड से कछुए बाहर निकलकर ब्रेड और रोटी खाने आते है। शाम के समय सभी कछुए कुंड के किनारे पर ही ऊपर की ओर तैरते रहते है। जिसके पश्चात् मुसाफिरों द्वारा एक आवाज लगाने पर रोटी और ब्रेड खान तुरंत दौड़ते हुए आते है।
कुंड के अलावा मंदिर भी है स्थित
इस जगह को लेकर यह मान्यता है कि यहां पर प्रभु श्रीराम वनवास के दौरान एक रात निवास किया था। जिसके बाद से यह जगह बहुत ही पवित्र मानी जाती है। इस जगह पर एक मंदिर नुमा संरचना में भगवान राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण के चरण पदा रखे गए है। यहां पर राम जानकी नाम से प्रसिद्ध एक मंदिर भी है। और तो और इसके निकट में एक बहुत ही मान्यता प्राप्त हनुमान मंदिर भी है। इस मंदिर में भगवान शिव भी विराजमान है। इस जगह की देख रेख महंत जी करते है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस स्थान की मान्यता पंचकोशी परिक्रमा के अंतर्गत भी आता है।