Rajaji Tiger Reserve: पर्यटकों की पहली पसंद, राजाजी टाइगर रिजर्व चढ़ा कोरोना की भेंट, नहीं हुई कमाई
एक सीजन में लाखों रुपये की कमाई करने वाली चीला रेंज में वर्ष 2020-21 में महज दो लाख 299 रुपये की आमदनी हुई। इस दौरान यहां 8023 भारतीय व 765 विदेशी मेहमान घूमने आए।
Rajaji Tiger Reserve: कोरोना महामारी के कारण पर्यटन उद्योग ठप पड़ा हुआ है। पिछले लगभग दो साल से पर्यटन उद्योग को करोड़ों का नुकसान हुआ है। कुछ ऐसा ही राजाजी टाइगर रिजर्व का पर्यटन सीजन भी कोरोना काल की भेंट चढ़ गया। बता दें कि एशियाई हाथियों के लिए मशहूर राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला, मोतीचूर रेंज व गौहरी रेंज पर्यटकों की पहली पसंद है। यहां जंगल सफारी के अलावा गौहरी रेंज में चौरासी कुटी जैसे विश्व प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल भी हैं जो कि राजाजी टाइगर रिजर्व के राजस्व में खासा योगदान देते हैं।
बता दें कि राजाजी टाइगर रिजर्व जैव विविधता, प्राकृतिक सुंदरता का एक सजीव उदहारण है यह विभिन्न तरह के वन्य जीवों की दुनिया से संपन्न है। पार्क में हाथी, गुलदार, हिरन, चीतल, सांभर, मोर के अलावा कई उन वन्य जीवों व पक्षियों को भी देखा जा सकता है, जो लुप्त होती प्रजाति की श्रेणी में हैं। मुख्य रूप से हाथी संरक्षण के लिए प्रसिद्ध राजाजी पार्क में अब टाइगर भी अच्छी खासी संख्या में मौजूद हैं। इस विविधता को करीब से देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं।
राजाजी पार्क का पर्यटन सीजन 15 नवम्बर से 15 जून
राजाजी पार्क का पर्यटन सीजन 15 नवम्बर से शुरू होकर 15 जून तक रहता है। इस दौरान राजाजी पार्क की चीला, मोतीचूर व हरिद्वार रेंज पर्यटकों के लिए खोली जाती है, जबकि गौहरी रेंज स्थित विश्व प्रसिद्ध चौरासी कुटी साल भर पर्यटकों के लिए खुली रहती है। इस बार 15 नवम्बर 2020 को जब पार्क के गेट खुले तब काफी संख्या में पर्यटक राजाजी में पहुंचे।
मार्च से लेकर जून तक पर्यटन का पीक सीजन होता है
नए वर्ष में भी पर्यटकों की संख्या अच्छी खासी रही। मार्च से लेकर जून तक पर्यटन का पीक सीजन होता है, लेकिन इस दौरान कोरोना संक्रमण से पर्यटन गतिविधियां ठप हो गई। खतरे को देखते हुए 16 अप्रैल से राजाजी पार्क में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई। अब कोरोना संक्रमण से राहत मिली, लेकिन तब तक पर्यटक सीजन खत्म हो गया। हालांकि बुधवार से चौरासी कुटी में फिर से पर्यटकों की आवाजाही शुरू होने से पार्क प्रशासन को कुछ कमाई होने की उम्मीद जगी है।
इन सालों में हुई इतनी कमाई
मोतीचूर रेंज की बात करें तो यहां 2018-19 में 5939 पर्यटकों से 12 लाख 27 हजार 100 रुपये की आमदनी हुई। वहीं 2019-20 में आए 2330 पर्यटको से तीन लाख 17 हजार 900 रुपये का राजस्व मिला। इस वर्ष में कोरोना संक्रमण के चलते 17 मार्च 2020 को पार्क में पर्यटन गतिविधियां रोक दी गई थी। वहीं 15 नवंबर 2021 को मोतीचूर रेंज के गेट पर्यटकों के लिए खोले तो गए मगर, यहां टाइगर ट्रांसलोकेशन की वजह से महीने भर बाद ही बंद कर दिया गया। इस दौरान मोतीचूर में सिर्फ एक लाख 15 हजार की आमदनी हुई।
एक सीजन में लाखों रुपये की कमाई करने वाली चीला रेंज पर कोरोना की मार
एक सीजन में लाखों रुपये की कमाई करने वाली चीला रेंज में वर्ष 2020-21 में महज दो लाख 299 रुपये की आमदनी हुई। इस दौरान यहां 8023 भारतीय व 765 विदेशी मेहमान घूमने आए। रेंज अधिकारी अनिल पैन्यूली ने बताया कि पर्यटक सीजन की शुरुआत अच्छी हुई थी, लेकिन कोरोनाकाल की वजह से सब डूब गया। उन्होंने बताया कि चीला रेंज में प्रतिदिन 50 हजार रुपये से अधिक इनकम होती रही है। वहीं इस कारोबार से जुड़े जिप्सी चालक, कैंटीन संचालक आदि भी हजारों रुपए कमाते हैं।
मोतीचूर रेंज में भी पर्यटक गतिविधियां शुरू की जानी चाहिए
जिप्सी संचालकों व नेचर गाइड ने राजाजी पार्क की साल भर पर्यटन गतिविधियां शुरू करने की मांग की है। जिप्सी समिति के सचिव शशि शर्मा ने बताया कि कार्बेट की तर्ज पर चीला व मोतीचूर रेंज में भी पर्यटक गतिविधियां शुरू की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना काल की वजह से जिप्सी संचालक बेहद आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। राजाजी पार्क को उनकी समस्याओं का संज्ञान लेना चाहिए। अभी बरसात नहीं है, लिहाजा मोतीचूर व चीला रेंज को फिलहाल कुछ समय तक के लिए खोला जा सकता है।