Dussehra Mela in Sitapur: सीतापुर का दशहरा मेला होता है बेहद भव्य, 250 वर्षों से हो रहा रामलीला का आयोजन
Dussehra Mela in Sitapur: सीतापुर में दशहरे का मेला सालों से लगता आ रहा है वहीँ यहाँ 250 सालों से रामलीला का भी आयोजन हो रहा है।
Dusshera Mela in Sitapur: सीतापुर का दशहरा मेला काफी भव्य होता है यहाँ आपको कई तरह की स्टाल्स मिलती हैं साथ ही रावण दहन भी बेहद भव्य तरीके से किया जाता है। वहीँ इस बार ये मेला और भी ज़्यादा भव्य होने वाला है। आइये जानते हैं क्या-क्या ख़ास होगा इस मेले में और इस बार लोगों के आकर्षण के लिए क्या क्या चीज़ें हैं यहाँ ख़ास।
सीतापुर का दशहरा मेला होता है बेहद भव्य
लखनऊ से सटे सीतापुर में रावण दहन और दशहरा मेला देखने भारी संख्या में लोग आते हैं। इस मेले में पहले रामलीला का आयोजन किया जाता है उसके बाद रावण दहन और मेले की शुरुआत होती है। सीतापुर के मछरेहटा में काफी भव्य मेला रहता है जिसका आयोजन 250 वर्षों से किया जा रहा है। यहाँ पर झाकियां भी निकलीं जातीं हैं जिसको देख लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
यहाँ होने वाली रामलीला का आयोजन इस साल 8 अक्टूबर से होगा जो 13 अक्टूबर तक चलेगा। मेले के साथ साथ लोग रामलीला भी देखना खूब पसंद करते हैं। यहाँ दशहरे के दिन से रामलीला शुरू होती है और लगभग 5 दिनों तक चलती है। इसके साथ ही साथ यहाँ 250 सालों से रामलीला का आयोजन हो रहा है। इतना ही नहीं रावण का पुतला यहाँ लगभग 16 फ़ीट ऊँचा बनाया जायेगा। जिसमे 20 से 25 हज़ार का खर्च आता है।
रावण के पुतले को कुन्दौली गांव के मौर्य लोग सालों से बनाते आये हैं और इस बार भी यही लोग रावण के इस पुतले को बना रहे हैं। वहीँ इस क्षेत्र का मेले में काफी ज़्यादा सहयोग होता है। रामायण के कई महत्वपूर्ण हिस्सों को कलाकारों द्वारा बेहद खूबसूरत अंदाज़ में दर्शाया जाता है। जो लोगों को मंत्रमुग्ध कर जाता है। यहाँ श्री राम की बाल लीला से लेकर तड़का वध,नारद मोह से लेकर धनुष भंग तक और पुष्प वाटिका से लेकर परशुराम संवाद तक, साथ ही सीता स्वयंवर से लेकर सीता हरण तक और समुद्र पर नल व नील द्वारा सेतु बनाकर श्री राम, लक्षमण, हनुमान, सभी वानर और भालू सहित सभी का लंका पहुंचना और पहुंचकर रावण मेघनाद और कुम्भकरण का वध सभी दृश्यों को बेहद खूबसूरती से दिखाया जाता है।