Teerthraj Machkund in Dholpur: धौलपुर के तीर्थराज मचकुंड पैनोरमा की हुई शुरुआत, यहां देखने को मिलेंगे ये नजारे

Tirtharaj Machkund Panorama Dholpur : राजस्थान के धौलपुर में बने पैनोरमा को दर्शकों के लिए एक बार फिर खोल दिया गया है। यहां पर वह बेहतरीन चित्रकलाकारी का आनंद ले सकते हैं।

Update:2024-08-01 18:25 IST

Tirtharaj Machkund Panorama Dholpur (Photos - Social Media)

Tirtharaj Machkund Panorama Dholpur :  राजस्थान धरहर संरक्षण और प्रोन्नति विभाग की ओर से तीर्थराज मचकुंड धौलपुर में पैनोरमा का निर्माण किया गया था। इसका उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सितंबर 2018 में कर दिया था। अब इस मचकुंड से जुड़ी गाथाओं को पर्यटकों के सामने लाया गया है। संत रैदास पैनोरमा के लिए 71 लाख का बजट तय हुआ था, लेकिन निर्माण में देरी व काम बढ़ने से यह 1.75 करोड़ में बना। वहीं, गोरा बादल पैनोरमा 1.45 करोड़ रुपए में बना। वैसे जिले में कुल 5 पैनोरमा बने हैं।

धौलपुर पेनोरमा मचकुंड में हैं ये चीजें (Dholpur Panorama Machkund Have This Things)

इस पेनोरमा में मचकुंड महाराज की प्रतिमा के साथ-साथ श्रीकृष्ण बलराम, युद्ध की रणनीति बनाते जरासंध व कालयवन, कंस के मरने के बाद कंस की पत्नियां अपने पिता जरासंध के पास मिलने पहुंचने, श्रीकृष्ण का पीछा करता कालयवन, ऋषि श्री शेशिरायन जी की शिवोपासना, कालयवन का पद प्रहार, रणछोड श्रीकृष्ण जी, देव सेना के सेनापति स्वामी कार्तिकेय जी, मचकुंड जी को नींद का वरदान देना, मचकुंड द्वारा देवताओं को रक्षा का वचन, महाराजा मुचुकुंद जी का गंधमादन गुफा में विश्राम सहित विभिन्न संघर्ष और वार्तालापों को दर्शाती हुई प्रतिमाएं हैं।

Tirtharaj Machkund Panorama Dholpur


समय और टिकट (Time & Stamp) 

यह पैनोरमा सुबह 8:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक और दोपहर 4:00 बजे से लेकर रात 8:00 बजे तक खुला रहता है। यहां अंदर जाने के लिए प्रति व्यक्ति का शुल्क ₹10 लगता है। बच्चो और विद्यार्थियों के लिए ₹5 का टिकट रखा गया है। दूर-दूर से पर्यटक यहां का चित्रकलाकारी का लुक उठाते दिखाई देते हैं। यह जगह काफी समय से बंद पड़ी थी लेकिन एक बार ऐसे फिर से खोल दिया गया है।

Tirtharaj Machkund Panorama Dholpur


पैनोरमा क्या होता है (What Is Panorama)

एक पैनोरमा किसी भी भौतिक स्थान का विस्तृत-कोण दृश्य या प्रतिनिधित्व है, चाहे वह पेंटिंग, ड्राइंग, फोटोग्राफी, फिल्म, भूकंपीय छवियों या 3डी मॉडलिंग में हो। यह शब्द 18वीं शताब्दी में अंग्रेजी चित्रकार रॉबर्ट बार्कर द्वारा एडिनबर्ग और लंदन के अपने मनोरम चित्रों का वर्णन करने के लिए गढ़ा गया था। 

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