Shamshaan Ghaat Vale Ganpati Ji: उज्जैन में शमशान में विराजित हैं दस भुजाधारी गणेश

Shamshaan Ghaat Vale Ganpati Ji: उज्जैन में श्री गणेश का एक ऐसा मंदिर है जो 10 भूजाधारी है। ऐसा मंदिर विश्व में कहीं भी नहीं है।

Update: 2024-05-06 07:45 GMT

Shamshaan Ghaat Vale Ganpati Ji (Photos - Social Media)

Shamshaan Ghaat Vale Ganpati Ji : भगवान श्री गणेश लोगों के दुख हरने वाले और उनके जीवन में सुखलाने वाले देवता माने जाते हैं। हिंदू धर्म में उन्हें प्रथम पूज्य कहा गया है और उनकी पूजन के बिना किसी अन्य देवता की पूजन संपन्न नहीं होती है क्योंकि सबसे पहले उन्हें ही पूजा जाता है। भगवान गणेश को एक दंत दयावंत या फिर चार भुजा धारी के नाम से पहचाना जाता है लेकिन आज हम आपको धार्मिक नगरी उज्जैन में मौजूद एक ऐसे गणेश मंदिर के बारे में बताते हैं जो 10 भुजा धारी हैं और शमशान में विराजित हैं। यह विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर भगवान गणेश के हाथों में लड्डू नहीं है बल्कि 10 अलग-अलग विद्या है और इस मंदिर से लाखों लोगों की आस्था जुडी हुई है।

एक तरफ जहां शमशान घाट पर महिलाओं का जाना वर्जित माना जाता है लेकिन 10 भुजा धारी गणेश के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में महिलाओं को यहां आते हुए देखा जाता है। यह विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है जो तांत्रिक गणेश के नाम से पहचाना जाता है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं। ऐसा कहा जाता है की पांच बुधवार की मन्नत लेकर अगर श्रद्धालु यहां पर आते हैं तो उनकी सारी मनोकामना पूरी हो जाती है। इस मंदिर में हर बुधवार को अलग-अलग तरह के श्रृंगार किए जाते हैं। देश विदेश में जितने मंदिर है वहां भगवान गणेश के हाथों में लड्डू नजर आते हैं लेकिन यहां पर 10 हाथों में से एक में भी लड्डू नहीं है बल्कि करताल शंकर वीणा और आदि विधाएं मौजूद है।

ऐसी मांगते हैं मन्नत

इस मंदिर में भगवान गणेश से मन्नत मांगते समय रक्षा सूत्र बांधा जाता है। जब लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है तो वह रक्षा स्तोत्र खोलकर भगवान के चरणों में नतमस्तक होते हैं। सिर्फ उज्जैन ही नहीं बल्कि देशभर के श्रद्धालु यहां पर दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।

Shamshaan Ghaat Vale Ganpati Ji


बनाया जाता है स्वस्तिक

10 भुजा धारी गणेश मंदिर में महिलाएं अपनी मनाता के लिए उल्टा स्वास्तिक बनाती हैं। जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है तो वह यहां पर सीधा स्वास्तिक बनाकर भगवान को प्रणाम करती हैं। यहां पर अपनी श्रद्धा के अनुसार लोग भगवान को फूल प्रसाद भी अर्पित करते हैं।

Tags:    

Similar News