Ujjain Tourist Place: घूमना चाहते हैं धार्मिक नगरी उज्जैन, इन जगहों का जरूर करें दीदार

Ujjain Tourist Place : उज्जैन मध्य प्रदेश नहीं बल्कि दुनिया भर की सबसे प्रसिद्ध धार्मिक नगरियों में से एक है। अगर आप भी कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आपको उज्जैन की कुछ जगहों का दीदार जरूर करना चाहिए।

Update:2023-12-06 08:15 IST

Ujjain Tourist Place

Ujjain Tourist Place: बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन को विश्व भर में धार्मिक नगरी के रूप में पहचाना जाता है। यहां 12 ज्योतिर्लिंगों में से एकमात्र दक्षिण मुखी ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर विराजित हैं। बाबा के दर्शन करने के लिए दुनिया भर से भक्तों की भीड़ यहां उमड़ती हैं। बाबा महाकाल के पावन मंदिर के अलावा उज्जैन में ऐसी कई जगह मौजूद है जहां बड़ी संख्या में पर्यटकों की भीड़ देखी जाती है। उज्जैन एक ऐसी धार्मिक नगरी है जहां पर साल भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। यहां पर अधिकतर स्थान धार्मिक है जिन पर बड़ी संख्या में धर्म प्रेमी पहुंचते हैं। अगर आप कहीं घूमने फिरने का प्लान बना रहे हैं और उज्जैन जाना चाहते हैं तो आज हम आपके यहां के कुछ प्रमुख पर्यटक स्थलों की जानकारी देते हैं।

महाकाल मंदिर

उज्जैन आने वाले हर भक्त का सबसे पहले विचार महाकाल मंदिर जाने का ही होता है। महाकाल उज्जैन की पहचान हैं और हर कोई एक बार उनके दर्शन जरूर करना चाहता है। कालों के काल बाबा महाकाल के नाम से प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर के दर्शन करने के लिए रोज नहीं लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है। पहले जहां यहां पर भक्तों के लिए सिर्फ मंदिर था वहीं अब महाकाल लोक का निर्माण भी हो चुका है। यह जगह अब भक्तों के मुख्य आकर्षण की वजह बन गई है। 900 मीटर से भी लंबा रुद्र सागर झील से घिरा हुआ यह महाकाल लोग 108 स्तंभ और 200 मूर्तियां से सजाया गया है। यहां पर हर मूर्ति भगवान शिव की कोई ना कोई कहानी कहती है।

हरसिद्धि

रुद्र सागर की झील के पास महाकाल मंदिर के पीछे माता हरसिद्धि का मंदिर भी मौजूद है। यह जगह 51 शक्ति पीठ में से एक है। शिव पुराण के वर्णन के मुताबिक माता सती के अंग जहां पर गिरे थे वहां पर शक्तिपीठों का निर्माण हुआ है। जहां पर हरसिद्धि मंदिर मौजूद है वहां माता की कोहनी गिरी थी। माता और सिद्धि उज्जैन के राजा रहे विक्रमादित्य की आराध्य देवी थी। इस मंदिर में दो बहुत पुराने दीप स्तंभ मौजूद हैं जो मराठा काल के हैं। इन पर आज भी जब ज्योति प्रज्वलित की जाती है तो यह नजारा हर किसी को हैरान कर देता है।

चिंतामण गणेश

भगवान गणेश को समर्पित यह मंदिर भक्तों के बीच खास जगह रखता है। इस मंदिर का निर्माण 11वीं और 12वीं शताब्दी के दौरान किया गया था। भगवान गणेश का यह सबसे बड़ा मंदिर लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध है और अपनी सारी मनोकामना लेकर लोग यही पहुंचते हैं।

रामघाट

मोक्षदायिनी मां शिप्रा का ये तट भक्तों के बीच काफी प्रसिद्ध है। महाकाल स्नान करने के साथ-साथ लोग शिप्रा में डुबकी लगाने अवश्य पहुंचते हैं। अधिकतर लोग रामघाट ही आते हैं और यहां कल कल बहती मोक्षदायिनी मां शिप्रा का आशीर्वाद लेते हैं। यहां रोजाना शाम 8:00 बजे आरती होती है और इस समय श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जाती है।

सांदीपनि आश्रम

बाबा महाकाल की नगरी होने के साथ-साथ उज्जैन श्री कृष्ण की शिक्षस्थली भी है। यहां पर भगवान श्री कृष्ण ने अपने बड़े भाई बलराम और दोस्त सुदामा के साथ महर्षि सांदीपनि से शिक्षा हासिल की थी। इस आश्रम के पास एक पत्थर मौजूद है जिस पर 1 से 100 तक के अंक लिखे हुए दिखाई देते हैं। ऐसा कहा जाता है कि स्वयं गुरु शांति बनी में इसे लिखा था।

गोपाल मंदिर

उज्जैन का गोपाल मंदिर शहर के बीचों-बीच महाकाल मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इस मंदिर को द्वारकाधीश मंदिर के रूप में भी पहचाना जाता है। छत्री चौक के बिल्कुल सामने स्थित मंदिर महाकालेश्वर के बाद शहर का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की चांदी से मढ़ी हुई दो फीट ऊंची संगमरमर की मूर्ति है।

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