Varanasi Famous Mithai: बनारस में मलाई पूरी का स्वाद आपने लिया क्या?

Varanasi Famous Malaipuri: बनारस का स्ट्रीट फूड खाने के शौकीन लोगों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है, मीठा पसंद करने वाले के लिए यहां एक बहुत ही खास चीज है..

Update:2024-08-30 16:15 IST

Varanasi Famous Malaipuri Unique Sweet Dish (Pic Credit-Social Media)

Malaipuri Unique Sweet Dish In Varanasi: वाराणसी के स्ट्रीट फूड की चर्चा तो पूरे विश्व में होती है। लेकिन यहां की पारंपरिक मिठाइयों के बारे में बहुत कम ही लोग जानते है। ठंड में मलइयो का स्वाद आपने तो लिया ही होगा, लेकिन एक और मिठाई है जिसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते है, चलिए आपको बताते है इस खास डिश के बारे में। 

बनारस में आपको मलाई पूरी खाने को मिलती है, यह मलाई पूरी बहुत ही हल्की मीठी, स्वादिष्ट और मुलायम होती है। यदि आप भी इस मलाई पूरी का स्वाद लेना चाहते है तो बनारस जाइए तो इस जगह पर जाना बिल्कुल मिस मत करिएगा....

लोकेशन: चौखंबा, मेन शॉप , वाराणसी 

मलाई की पूड़ी(Varanasi Famous Malaipuri)

यह बनारस की एक बेहद मशहूर और लजीज़ मिठाई है, जो यहाँ की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है। इसे यहां पर पारंपरिक मिठाई के तौर पर जाना जाता है। मलाई की पूड़ी का इतिहास काशी के ठेठ बनारसी व्यंजनों से जुड़ा है, और इसे विशेष रूप से बनारस के लोकल मेलों, त्योहारों और विवाह समारोहों में खास तौर पर परोसा जाता है।



इतिहास और उत्पत्ति(History Of Malaipuri)

कहा जाता है कि मलाई की पूड़ी की शुरुआत बनारस के पुराने परिवारों से हुई, जहां मलाई (गाढ़े दूध की मलाई) को पूरी के साथ मिलाकर एक अनोखा व्यंजन तैयार किया गया। इसकी मिठास और नरमाई इसे अन्य मिठाइयों से अलग बनाती है। यह व्यंजन विशेष रूप से गर्मियों में परोसा जाता है क्योंकि मलाई को ठंडा करके परोसा जाता है, जिससे यह स्वादिष्ट और ताजगी देने वाला बन जाता है।

बनारस और मलाई पूरी

1. मिठास का अनोखा संगम: मलाई की पूड़ी में चीनी की बजाय गुड़ का भी प्रयोग किया जाता है, जिससे यह और भी स्वादिष्ट हो जाती है।



2. लोकप्रियता: बनारस के दशाश्वमेध घाट के पास के दुकानों में यह मिठाई सबसे अधिक बिकती है और यहां आने वाले पर्यटकों के लिए इसे ट्राई करना एक बेहतरीन अनुभव माना जाता है।

3.मलाई का सीक्रेट: इसकी मलाई इतनी मुलायम होती है कि मुंह में जाते ही पिघल जाती है। इसका सीक्रेट इसके धीमी आंच पर बनने वाली मलाई में छिपा होता है, जो इसे खास बनाता है।

4. बिना पंखे के बैठकर दूध को खूब खौलाया जाता है, जिससे परतदर परत मलाई पड़ती है फिर इसे धीरे धीरे हटाकर किनारे एक के ऊपर एक रखकर मोती लेयर तैयार करते है। जिससे मलाई की मोटी परत बनती है। इसमें गुड़ का मिठास और केसर का स्वाद इसके स्वाद में चार चांद लगाता है।



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