YouTubers Village: ये गांव है यूट्यूबर्स का, हर घर में है एक यूट्यूबर

Village Of Youtubers: आज हम एक ऐसे गाँव की बात करेंगे जो 'यूट्यूबर्स का गांव' के नाम से जाना जाता है।

Written By :  Akshita
Update: 2023-10-08 05:08 GMT

Youtubers सांकेतिक फोटो (साभार- सोशल मीडिया)

Village Of Youtubers: भारत गाँव से मिलकर बना देश है। आज भी यहाँ शहर से ज़्यादा गाँव है। गाँवों में अब डिजिटल इंडिया (Digital India) का प्रवेश भी देखने को मिल रहा है। मोबाइल, इंटरनेट गाँव के लिए भी अब अभिन्न अंग बन चुके हैं। आज हम एक ऐसे ही गाँव की बात करेंगे जो ना सिर्फ यूट्यूब (YouTube) देखते हैं बल्कि खुद का यूट्यूब चैनल चलाते हैं। यह गांव 'यूट्यूबर्स का गांव' के नाम से जाना जाता है।

यह गाँव छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) राज्य के रायपुर ज़िले (Raipur) से 45 किलो मीटर की दूरी पर है। इस गाँव का नाम 'तुलसी' (Tulsi) है। इस गाँव को यूट्यूबर्स का गाँव (Village Of Youtubers) इसलिए बोलते हैं क्योंकि इस गांव में आपको 5 साल से लेकर 85 साल तक के यूट्यूबर्स मिल जाएंगे। आप यहाँ की गली, खेतों में हर जगह लोगों को एक्टिंग करते, हाथों में कैमरा लिए या फ़ोन लिए देख पाएंगे।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

हर घर में एक यूट्यूबर

पूरे गाँव वालों के लिए यूट्यूब कमाई का ज़रिया बन चुका है। इसके साथ साथ लोग खेती किसानी भी करते हैं। जहां यह राज्य नक्सलवाद और जनजाति के लिए जाना जाता है। वहीं इस राज्य में एक गाँव ऐसा भी है जिसका पूरे देश में नाम हो गया है। छत्तीसगढ़ राज्य के लिए यह गर्व की बात है। इस गाँव की आबादी करीब 4000 है और इसमें से 1000 लोग अपना स्वयं का यूटूब चलाते हैं। यहां हर घर में यूट्यूबर्स रहते हैं। यहाँ के हर आयु वर्ग के लोग विडियोज बनाते हैं। चाहे 85 साल की नानी हो या 5 साल का पोता।

कमाई का जरिया बना यूट्यूब

सबसे पहले यूट्यूब चैनल दो दोस्त जय और ज्ञानेंद्र ने शुरू किया था। इन्होंने 2016 में यूट्यूब शुरू किया था। इस काम में गांव वालों ने उनका काफी सहयोग किया। धीरे-धीरे गांव के लोग उनके वीडियोज में एक्टिंग करने लगे। शुरुआत में मज़े के लिए चैनल बनया गया था पर बाद में कमाई का ज़रिया बन गया।

इसी यूट्यूब से होने वाली कमाई के पैसों से वो चैनल के लिए जरूरी सामान खरीदते हैं। गांव के सभी यूट्यूबर्स वीडियो बनाने में एक दूसरे की मदद करते हैं। समय को कैसे मैनेज किया जाए। यहाँ के गाँव वालों से सीखा जा सकता है। जो दिन भर खेतों में काम करते हैं और रात में अगले वीडियो के लिए स्क्रिप्ट तैयार करते हैं।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

सरपंच भी करते हैं क्रिएटर्स का भरपूर सहयोग

गाँव के सरपंच भी इस काम में मदद करते हैं। वे वीडियो की शूटिंग के लिए अपना घर और अन्य जगह देते हैं। यदि शूटिंग के लिए बाहर जाना हो तो सरपंच गाड़ी और भोजन तक की व्यवस्था करते हैं। तुलसी गांव के कुछ क्रिएटर्स के काफी फॉलोअर्स भी हैं और उनके वीडियोज को छत्तीसगढ़ में काफी पसंद किया जाता है।

रायपुर कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने गाँव की विशिष्टता के बारे में जानने के बाद, तुलसी गाँव का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने गाँव वालों से वीडियो बनाते समय आ रही समस्या और उपकरणों की कमी के बारे में जाना। समस्याओं को हल करने के लिए एक कदम के रूप में और उन्हें प्रेरित करने के लिए, जिला प्रशासन की तरफ से 'हमार फ्लिक्स' नामक स्टूडियो की स्थापना की है। इससे यूट्यूबर्स को लाभ हो रहा है।अब रचनाकार वीडियो को एडिटिंग और अपलोड करने का काम इसी स्टूडियो से करते हैं।

किसी भी वीडियो बनाने के लिए सभी गाँव वाले एक दूसरे की मदद करते हैं। इसके लिए गाँव के लोग गांव के चौपाल में मीटिंग करते हैं। स्टोरी आइडिया पर सभी मिल जुलकर वीडियो को बेहतर बनाने के लिए चर्चा करते हैं। इसमें यह भी तय कर लिए जाता है कि किस वीडियो में कौन व्यक्ति क्या एक्टिंग करेगा।

यह गाँव इतना फ़ेमस हो चुका है कि पिछले दिनों फिल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने मिसेज फलानी सीरियल की शूटिंग गाँव के कलाकारों के साथ की थी। जिसमें उन्होंने गांव के युवाओं की खूब प्रशंसा की थी। हॉलीवुड के कलाकार भी इस गांव में शूटिंग करने आते हैं। यह गांव यूट्यूबर्स का हब बन चुका है।

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