Vrindavan Nearest Travel Places: मथुरा-वृंदावन से लौटते वक्त इन 3 जगहों का जरूर करें दौरा, यादगार बन जाएगी ट्रिप

Vrindavan Nearest Travel Places: मथुरा और वृंदावन से वापस आते हुए आप इन तीन जगहों पर भी घूम सकते हैं, जो आपके ट्रिप को और भी यादगार बना देंगी।

Update:2024-07-21 15:00 IST

Vrindavan Nearest Travel Places (Photos - Social Media) 

Vrindavan Nearest Travel Places : भगवान श्री कृष्ण की लीला भूमि, मथुरा-वृंदावन, अपनी रंगीन गलियों, ऐतिहासिक मंदिरों और कृष्ण भक्ति की जीवंत धारा के लिए प्रसिद्ध है। होली के पर्व के दौरान तो मानो यह नगरी एक रंगीन कैनवास में बदल जाती है, जहां हर गली, हर चौक हर्षोल्लास से गूंज उठता है। भक्तों की आस्था का उन्माद, हवा में उड़ते रंगों का जादू और कृष्ण लीलाओं की यादें - मथुरा-वृंदावन की यात्रा एक ऐसा अनुभव है, जो आत्मा को छू लेती है और जिसे शब्दों में बयान कर पाना मुश्किल है।richa

लेकिन क्या आप जानते हैं कि मथुरा-वृंदावन की यात्रा सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है? श्री कृष्ण की नगरी के आसपास, इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य का खजाना समेटे हुए हैं अनगिनत रत्न। ये ऐसे अनछुए स्थान हैं, जो आपकी मथुरा-वृंदावन यात्रा को और भी यादगार बना देंगे। तो आइए, अब हम कृष्ण की लीला भूमि से निकलकर, उसके आसपास के उन खास ठिकानों की ओर चलें, जहां इतिहास की कहानियां फुसलाती हैं, प्रकृति अपनी खूबसूरती बिखेरती है और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है। मथुरा और वृंदावन भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि और लीलास्थली हैं। इन तीर्थस्थलों पर हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।

रमणरेती (Ramanreti)

मथुरा-वृंदावन की यात्रा के दौरान, यदि आप कुछ शांत और सुंदर स्थानों की तलाश में हैं, तो रमणरेती आपके लिए एकदम सही जगह है। यह एक विशाल परिसर है जो प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्भुत मिश्रण प्रस्तुत करता है। मथुरा से रमणरेती की दूरी मात्र 12 किलोमीटर है, और आप अपनी गाड़ी से आधे घंटे में ही यहां पहुंच सकते हैं। यमुना नदी का किनारा इस स्थान की खूबसूरती को और भी बढ़ा देता है। रमणरेती का इतिहास भगवान कृष्ण से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि यहां भगवान कृष्ण अपने मित्रों और गोपियों के साथ रासलीला करते थे। आजकल, रमणरेती एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यहां आप कई मंदिर, आश्रम और धार्मिक स्थल देख सकते हैं। इनमें रमण बिहारी मंदिर, श्री कृष्ण-बलराम मंदिर, राधा-गोविंद मंदिर और गोवर्धननाथ मंदिर प्रमुख हैं।

Ramanreti


भरतपुर शहर (Bharatpur City)

मथुरा के दर्शन के बाद, यदि आपके पास समय है, तो आप राजस्थान के भरतपुर शहर भी घूम सकते हैं। यह शहर मथुरा से मात्र 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और "राजस्थान का पूर्वी द्वार" के नाम से जाना जाता है। यहां आप इतिहास के झरोखों से झाँक सकते हैं। भव्य लोहागढ़ किले की मजबूती को निहार सकते हैं। गंगा मंदिर में शिव के आशीर्वाद ले सकते हैं। भरतपुर पैलेस की खूबसूरती का दीदार कर सकते हैं। इतना ही नहीं, प्रकृति प्रेमियों के लिए केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पक्षियों की कलरव से मन मोह लेगा, तो अगली बार मथुरा घूमने का प्लान बनाएं, तो अपने सफर में भरतपुर को भी शामिल कर लीजिएगा। ये छोटा सा शहर आपको बहुत कुछ यादगार चीजें देगा।

Bharatpur City


फ़तेहपुर सीकरी (Fatehpur Sikri)

अगर आप इतिहास के दीवाने हैं आपको इतिहास जानना अच्छा लगता है, तो मथुरा घूमने के साथ 10 किमी दूर फ़तेहपुर सीकरी ज़रूर जाएं। मुगलकालीन ये भव्य नगरी आपको मंत्रमुग्ध कर देगी। बुलंद दरवाजा की आकाश छूती ऊंचाई देखिए, दीवान-ए-खास में राजाओं के दरबार का नजारा लें। सूफी संत सलीम चिश्ती के मजार पर श्रद्धा अर्पित करें और अकबर के शासनकाल की कहानियों को इन ऐतिहासिक इमारतों से सुनें। दीवान-ए-खास में झांकें, जहां अकबर अपने दरबारियों से विचार-विमर्श करते थे। अनूप तालाब की शांत सुंदरता का आनंद लें, और सूफी संत सलीम चिश्ती के मजार पर श्रद्धा अर्पित करें, जिनके आशीर्वाद से माना जाता है कि अकबर को संतान रत्न की प्राप्ति हुई थी। फ़तेहपुर सीकरी सिर्फ स्मारक नहीं, बल्कि मुगलकालीन कला और शिल्पकला का एक जीवंत संग्रहालय है. तो अगली बार मथुरा की यात्रा पर, इतिहास के इस खजाने को देखने से चूकें ना।

Fatehpur Sikri

 

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