कलयुग के श्रवण अखिलेशः बारिश में पिता को लगाया छाता तो कभी गिरने से बचाया

Update: 2016-10-26 11:13 GMT

लखनऊ: हे भगवान! "हमारे श्रवण जैसा ही पुत्र हो" हर मां-बाप की बस यही चाह रहती है। हजारों पुण्य कार्यों के फलस्वरूप इस रत्न की प्राप्ति होती है। वह अद्भुत संयोग ही रहा होगा जब समाजवादी कुनबे के सरदार मुलायम सिंह के घर सीएम अखिलेश का जन्म हुआ। कलयुग में अखिलेश खुद को हनुमान समझ अपने पिता की पूजा राम की तरह करते हैं। कभी बारिश के मौसम में वह उनके सर पर छाता लगा देते हैं तो कभी उन्हें गिरने से पहले ही संभाल लेते हैं। हर वक्त वह उनके साथ उनकी सेवा में रहते हैं।

सोशल मीडिया पर दो फोटोज वायरल हो रही हैं इसमें पहली फोटो में सीएम अखिलेश नेताजी को बारिश में बचाने के लिए छाता लगाकर उनके साथ चल रहे हैं वहीं दूसरी फोटो में सीएम अखिलेश नेताजी को गिरनेे पहले संभाल लेते हैं। अखिलेश की ये दो फोटोज बयां कर रहीं हैं कि वो अपने पिता से कितना प्‍यार करते हैं और वह नेताजी से कभी दूर नहीं रह सकते।

आंख से निकल आए आंसू

समाजवादी परिवार में चल रहे गृहयुद्ध के बीच मंगलवार को पिता के सामने संस्कारी पुत्र की आंखें नम हो गईं। अखिलेश अपने अधिकार अपने सम्मान के लिए पिता के सामने पहली बार तनकर खड़ा हुए और अपना कसूर पूछने लगेे। हालांकि यह उनका हक भी था क्‍योंकि मुलायम के बाद बड़े पुत्र होने के नाते वह नेताजी की सल्‍तनत के उत्‍तराधिकारी हैं। एमएलसी उदयराज ने इसी बात को लेकर नेताजी को पत्र भी लिखा था।

अखिलेश ने पिता से पूछा अखिर मेरा कसूर क्‍या है

मंगलवार को सपा कार्यालय में सीएम अखिलेश यादव बोलते हुए अचानक जज्बाती हो गए और रो पड़े थे। वह बार बार अपने पिता से पूछ रहे थे कि आखिर हमारा कसूर क्या है। साढ़े चार साल प्रदेश का नेतृत्व करने के बाद भी किसी भी विरोधी दल ने उनका विरोध नहीं किया लेकिन अब अपने लोग ही उनके दुश्मन हो गए हैंं। अखिलेश यादव ने कहा ''मेरे पिता मेरे आदर्श हैं मैं उनके रहते नई पार्टी क्यों बनाऊं।''

अब सवाल यह उठ रहा है कि सीएम अखिलेश को अपनी पुत्र भक्ति की परीक्षा क्‍यों देनी पड़ रही है। हर मोड़ पर पिता का साथ देने के बाद उन्‍हें जरूरत पड़ने पर पिता की बगावत क्‍यों झेलनी पड़ रही है। क्‍या बेटे से ज्‍यादा नेताजी को गैरों पर विश्‍वास हो गया है।

आगे की स्‍लाइड में देखें पिता को संभालते सीएम अखिलेश...

समर्थकों के दिल में हैं सीएम अखिलेश

अखिलेश की आंखों में आंसू देख मंगलवार को सपाई भी रुमाल निकालकर अपने आंसू पोंछते नजर आए। अखिलेश का यह भावुक भाषण वायरल हो गया और उनके तमाम समर्थकों तक पहुंचा। समर्थक अपने सीएम के इस भावुक भाषण को सुनकर रो पड़े। सपा प्रदेश मुख्यालय के बाहर बैठे आनंद भदौरिया व अन्य समर्थक मोबाइल पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का भाषण सुन भावुक हो गए।

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