अमेरिकी गोरियों ने गांव की छोरियों के साथ खेली कबड्डी, जानीं यहां की संस्कृति

अमेरिका के विभिन्न शहरों से 16 छात्राओं का दल शुक्रवार (10 मार्च) को बहराइच पहुंचा है। यह दल देहात संस्था के साथ सेंक्चुरी क्षेत्र में स्थित गांवों में लोगों के रहन-सहन का अध्ययन करने के लिए भ्रमण कर रहा हैं।

Update: 2017-03-10 09:31 GMT

बहराइच : अमेरिका के विभिन्न शहरों से 16 छात्राओं का दल शुक्रवार (10 मार्च) को बहराइच पहुंचा है। यह दल देहात संस्था के साथ सेंक्चुरी क्षेत्र में स्थित गांवों में लोगों के रहन-सहन का अध्ययन करने के लिए भ्रमण कर रहा हैं।

छात्राओं ने नई बस्ती गांव में पहुंचकर बाल अधिकार मंच की स्थिति जानी। छात्राओं ने शिक्षा व्यवस्था को नजदीक से देखा। इसके बाद थारू गांव लोहरा पहुंचकर थारू सभ्यता और संस्कृति से परिचित हुईं। यह दल 5 दिन तक बहराइच के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण करेगा।

प्रोफेसरों की अगुवाई में विदेशी छात्राएं पहुंची

देहात संस्था के मुख्य कार्यकारी डॉ. जीतेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि अमेरिका के न्यूयार्क, न्यूजर्सी, कैलीफोर्निया और अटलांटा विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत 16 सदस्यीय छात्राओं का दल बहराइच पहुंचा है। दल की अगुवाई अमेरिकन स्टडी सेंटर दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. अजीम ए खान, गौतम मेढ़, अर्चना मेढ़ और भाना सिंह कर रही हैं। इन प्रोफेसरों की अगुवाई में छात्राएं बहराइच पहुंची।

अमेरिकन छात्राओं से किए सवाल-जवाब

पहले दिन इन सभी ने वनाच्छादित मिहींपुरवा विकास खंड के नईबस्ती गांव पहुंचकर देहात संस्था की ओर से किए जा रहे कार्यों का अध्ययन किया। बाल अधिकार मंच के पदाधिकारियों से मुलाकात कर उनसे संवाद स्थापित किया। शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन आदि सेवाओं की स्थिति जानी। अमेरिका में बाल अधिकार की स्थिति कैसी है, इस मुद्दे पर मंच के पदाधिकारियों और छात्रों ने अमेरिकन छात्राओं से दुभाषिए के माध्यम से सवाल जवाब किए।

खेला कबड्डी

इसके बाद कबड्डी का खेल का तौर तरीका अमेरिकन छात्राओं ने बातचीत में जाना। फिर बाल अधिकार मंच और अमेरिकन छात्राओं के बीच कबड्डी का आयोजन हुआ। इसके बाद छात्राओं का दल लोहरा गांव पहुंचा। यहां पर थारू जनजाति के परिवारों से मुलाकात कर थारू सभ्यता और संस्कृति को सभी ने नजदीक से देखा।

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