लखनऊः सब के चहेते भालू राजन ने बुधवार को लखनऊ ज़ू में अपनी आखिरी सांस ली। नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान के उम्रदराज़ भालू राजन की बुधवार रात मौत हो गई। इससे ज़ू कर्मी के साथ साथ भालू को देखने आने वाले दर्शक भी उदास हो गए है। सात साल की उम्र में 1980 में राजन को लखनऊ ज़ू लाया गया था। इसके बाद राजन ने अपने जिंदगी के 36 साल यहां गुज़ारते हुए सबके दिलो में अपनी जगह बना ली।
आम तौर पर काले हिमालयन भालू की उम्र 35-40 होती है, लेकिन लखनऊ प्राणी उद्यान की अच्छी खुराक और बेहतर देख भाल के साथ यहां मिले प्यार की वजह से राजन अपनी उम्र से ज़्यादा जिया है। इसके अलावा भालू को बेहतर स्वास्थ और खुली हवा देने के लिए ज़ू में बनाया गया बाड़ा भी बहुत बड़ा है। इसका भी राजन की लंबी उम्र में योगदान है।
दी जाती थी बेहतर खुराक
ज़ू डायरेक्टर अनुपम गुप्ता के मुताबिक राजन को हर दिन की खुराक में तीन सौ ग्राम बेसन की रोटी, एक लीटर दूध, सात सौ ग्राम गुड़, दूध की खीर और दो किलो मौसमी फल शामिल थे, जिनको देने के लिए कीपर जब भी बाड़े के पास जाते थे, तो राजन अपनी पसंदीदा चीज़े खाने के लिए दौड़ कर आता था।
अब नही होगा राजन का दीदार
राजन के जाने के बाद अब हिमालयन काले भालू का बाड़ा खाली हो गया है। भालू के कीपर की माने तो राजन से उनका रिश्ता बहुत गहरा हो चूका था और अब राजन के जाने के बाद उन्हें राजन की कमी बहुत खलेगी। वही अपने गले के नीचे उभरी आकृति से अपनी पहचान बनाने वाले इस प्यारे भालू का दीदार ज़ू आने वाले दर्शक अब कभी नहीं कर पाएंगे।