जयपुर: ज्यादातर महिलाएं मां बनने के बाद बच्चों के साथ समय बिताना महत्वपूर्ण मानती है। लेकिन इस बीच ख़ुद को भूल जाती है जो ठीक नहीं है। यदि मां तरोताज़ा रहेंगी तो परिवार भी ख़ुशहाल रहेगा। बच्चों की परवरिश के दौरान पूरा ध्यान केवल बच्चों पर लगाने के बजाय किसी शौक़ को पूरा करने की भी कोशिश करें। दोस्तों के साथ समय गुज़ारना हमेशा ही एक अच्छा विकल्प होता है।
यह भी पढ़ें....अगर आपके पास है ज्यादा काम तो आपको ना कहना भी आना चाहिए
*महिलाएं मां बनने के बाद अपने लिए कुछ ऐसे समय निकाल सकती है। कभी बच्चों के उठने के 15 मिनट पहले उठकर खिड़की पर बैठ जाएं या कॉफ़ी पीने का लुत्फ़ उठाएं। या फिर बाक़ी दिनों की तुलना में किसी दिन ज़्यादा देर तक नहाया या बबल बाथ का आनंद ले। यदि इनमें से कुछ कभी नहीं किया है तो अभी ही इन्हें आज़माएं. हर स्थिति में महिलाओं को ख़ुद को रिचार्ज करने के लिए केवल 15-मिनट के लिए सुकून के पल चाहिए होते हैं।
*वॉक करने के लिए या स्पा के लिए जाएं। बहाना चाहे जो चुनें, बाहर निकलना ज़रूरी है। पार्क में 30 मिनट का वॉक भी दिमाग़ को सुकून पहुंचाता है और ऊर्जावान महसूस कराता है। हरियाली को देखकर आंखों की थकान काफ़ी कम हो जाती है।
*पढ़ना पसंद करती हैं, लेकिन इसके लिए समय नहीं निकाल पाती हैं तो ऑडियोबुक डाउनलोड करें और डिनर बनाते समय इसे प्ले कर लें। बच्चों को स्कूल से लाने जा रही हों तब ड्राइव करते समय अपनी पसंदीदा म्यूज़िक को फ़ुल वॉल्यूम पर सुनकर आनंद उठाएं।
यह भी पढ़ें....TIPS: पुरानी सीडी में आएगी काम, अगर करेंगे ऐसे इस्तेमाल
*महिलाएं उठते के साथ ही इतने कामों में ख़ुद को व्यस्त रखती हैं कि एक पल भी ख़ाली होने पर उन्हें लगता है कि उन्होंने समय ख़राब कर दिया। लेकिन कई बार ऐसा करना बहुत ज़रूरी है। बिना टीवी, बिना फ़ोन, बिना बच्चों और सबसे महत्वपूर्ण है बिना किसी अफ़सोस के बिस्तर पर यूं ही लेटी रहें या यूं ही खिड़की पर बैठकर बाहर निहारें।
*अपने दिन का अंत ख़ूबसूरत और आरामदेह करें। खुद की पसंदीदा फ़ूड पकाएं या ऑर्डर करें या वाइन की ग्लास के साथ शांतिदायक संगीत सुनें। यह सब यदि संभव न हो तो अपने पति से कहें कि वे बैक मसाज कर दें या फिर अपनी पसंदीदा फ़िल्म या शो को देखने का ख़्याल भी बुरा नहीं है।
यह भी पढ़ें....ताला के बिना भी चाबियों का है इस्तेमाल, क्रिएटिविटी का दिखा सकते हैं कमाल