अगर लेते हैं नाक से गहरी सांस, तो औरों से तेज होगी आपकी याददाश्त

Update:2016-12-12 10:30 IST

नई दिल्ली: सांस लेना हर इंसान की जरुरत है। बिना सांस लिए तो वह एक मिनट भी ज़िंदा नहीं रह सकता है। पर कभी आपने सोचा है कि सांस लेने का भी एक तरीका होता है। आजकल हर इंसान सांस लेता है, लेकिन बस जीने के लिए। पर अगर हम आपसे कहें कि सही तरीके से सांस लेने से आपकी याददाश्त तेज हो सकती है। तो शायद ही आप यकीन करेंगे, लेकिन सच है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि जो लोग नाक से गहरी सांस लेते हैं, उनकी याददाश्त उन लोगों से ज्यादा तेज होती है, जो नॉर्मल तरीके से सांस लेते हैं। वैसे तो सांस लेने के तरीके पर लोग ख़ास ध्यान नहीं देते। पर नाक से ली जाने वाली गहरी सांस न केवल फेफड़ों के लिए बल्कि दिमाग के लिए यह इम्पोर्टेन्ट रोल निभाती है। एक स्टडी में साबित हुआ है कि गहरी सांस लेने वालों की याददाश्त तेज होती है।

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सांस लेने के तरीके के बारे में यह स्टडी नॉथवेस्ट यूनिवर्सिटी फीनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन में हुई है। यहां हुई रिसर्च के अनुसार गहरी सांस लेने से दिमागी ताकत बढ़ती है, जिससे याददाश्त तेज होती है। लेकिन यह भी बता दें कि याददाश्त बढ़ने वाली बात केवल उन्हीं लोगों पर लागू होती है, जो सांस नाक से लेते हैं। अगर आप मुंह से सांस लेते हैं, तो आपकी याददाश्त पर कोई असर नहीं होगा।

स्टडी रिसर्चर्स के मुताबिक सांस लेने और मेंटल स्टेट में काफी गहरा रिलेशन होता है। इसी वजह से मेडिटेशन करने वालों की याददाश्त काफी अच्छी होती है क्योंकि मेडिटेशन के दौरान लोग नाक से ही गहरी सांस लेते और बाहर छोड़ते हैं। इसका पॉजिटिव असर उनके माइंड पर पड़ता है।

 

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