जयपुर: बच्चे दीवाली में पटाखा जलाने या उसकी आवाज से डरते हैं। बच्चों का यह डर खत्म करना बहुत जरूरी है, क्योंकि डाक्टरों के अनुसार बच्चों के छोटे-छोटे डर को बड़ा बनते देर नहीं लगती। कई बार ऐसा देखा गया है कि पटाखा जलाते समय बच्चों के साथ कोई हादसा हो जाता है, तो दिमाग में डर बैठ जाता है। वह यह सोचते हैं कि अगर वह दोबारा पटाखा जलाने जाएंगे तो कहीं फिर से वैसा ही या कोई दूसरा हादसा न हो जाए।
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कई बार ऐसा होता है कि बच्चे का छोटा डर किसी बड़े डर का कारण बन जाता है। हो सकता है कि आपका बच्चा पटाखे से नहीं, बल्कि आग से डरता हो और ये भी हो सकता है कि आपका बच्चा सिर्फ पटाखे की आवाज से नहीं, बल्कि तेज आवाज से डरता हो। इसलिए अपने बच्चे के डर को पहचानकर जल्द दूर करें।
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बच्चा पटाखा या पटाखे की आवाज से डरता है, तो हमेशा उसके साथ रहें। बच्चों की पहुंच से पटाखों को दूर रखें। लेकिन उनका डर निकालने के लिए खुद उनके साथ जाएं और पटाखा छुड़वाएं।
बच्चों का डर दूर करने के लिए जब भी उन्हें पटाखा छुड़वाएं तो हल्की आवाज वाले ज्यादा खतरनाक पटाखे न लें। इससे बच्चे को पटाखे छुड़ाने में कॉन्फिडेंस आएगा और उसका डर दूर होगा।
बच्चों का डर निकालने के लिए जब भी बच्चे से पटाखे छुड़वाएं तो उनका मुंह थोड़ा पीछे ही रखें। इससे वह पटाखा छुड़ाने का यही तरीका आगे भी अपनाएगा।
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हर बार बच्चे के पटाखे छुड़ाने के बाद उसे मोटीवेट करें। बच्चे से कहें कि 'हां, तुम ये कर सकते हो', 'इससे तुम्हें कुछ नहीं होगा', आपका ऐसा कहना बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ाएगा।