क्या कभी सोचा आपने क्यों जुकरबर्ग ने दिया फेसबुक को नीला रंग ?

Update: 2016-05-14 05:39 GMT

लखनऊ: आज के दौर में फेसबुक का इस्तेमाल लोगों की रुटीन में शामिल हो गया है ज्यादातर लोगों को फेसबुक से चिपके रहना अच्छा लगता हैं, लेकिन फेसबुक पर आपने एक बात ध्यान दी है कि फेसबुक का रंग नीला क्यों है और ये कभी चेंज क्यों नहीं होता है। हम आपको बताते हैं इसके पीछे का राज। फेसबुक के इस रंग के पीछे उससे जुड़े मार्क जुकरबर्ग की एक बात है, जिसे जानने के बाद लोग हैरान हो जाएंगे।

कलर ब्लाइंड हैं मार्क

एक वेबसाइट के अनुसार मार्क को कलर ब्लाइंड नाम का आखों की बीमारी है जिस कारण वे लाल और हरा रंग आसानी से नहीं देख पाते है, इसलिए उन्होंने इसका रंग नीला रखा है। लाल या हरा रंग कई रंगों को बनाने में प्रयोग होता है इसलिए फेसबुक को कोई और रंग देना उनके लिए सरल नहीं था।

बचपन से फेसबुक तक का सफर

मार्क का जन्म 14 मार्च 1984 को न्यूयार्क में हुआ था। इनके फादर डेंटिस और मदर साइकोलॉजिस्ट है। मार्क को बचपन से ही कंप्यूटर और उससे जुड़ी बातों में इंटरेस्ट था। मार्क ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक की शुरुआत अपने हॉस्टल के कमरे से की थी। इससे पहले मार्क ने एमपी3 प्लेयर भी बनाया था।

फेसबुक से पहले फेस मास

उसके बाद मार्क ने फेसमाश बनाने का सोचा और हार्वर्ड युनिवर्सिटी के डेटाबेस को हैक करके कुछ कॉलेज स्टूडेंट की प्रोफाइल फोटो अपलोड की और जल्द ही एक ऐसा प्रोग्राम बनाया जो ऑटो 2 फीमेल के इमेज शो करता है और उस पर वोडिंग होती थी। इस वेबसाइट पर बहुत ही कम समय में बहुत ही ज्यादा लोग ट्रैफिक आ गए थे। साइट पर ज्यादातर ट्रैफिक हार्वर्ड कॉलेज के छात्र थे। जायदा ट्रैफिक की संख्या बढ़ने पर सर्वर भी क्रेश हो गया था। इस घटना के बाद उनपर साइट हैकिंग करने का इल्जाम लगा। उसके बाद भी मार्के ने हार ना मानी। उसका रिजल्ट फेसबुक बनकर सबके सामने आया।

इंडियन आइडिया पर विदेशी तड़का

मार्क जुकरबर्ग को सब फेसबुक की वजह से जानते हैं, लेकिन आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि फेसबुक बनाने का आइडिया उनका नहीं था, बल्कि उन्होंने कहीं से चुराया था। फेसबुक को बनाने के पीछे असली दिमाग एक इंडियन शख्स का था। भारतीय मूल के दिव्य नरेंद्र अपनी सोशल साइट बनाने के आइडिया के साथ जुकरबर्ग के पास पहुंचे थे, लेकिन इस आइडिया पर जुकरबर्ग ने फेसबुक बना ली।

खबरों के मुताबिक दिव्य नरेंद्र जो कि हावर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करता था, फेसबुक जैसी दूसरी साइट हार्वर्डकन्नेक्शन बनाने का आईडिया लेकर 2003 में जुकरबर्ग के पास गया था। जुकरबर्ग इसके लिए तैयार हो गए और नरेन्द्र के साथ काम करने लगे। जुकरबर्ग ने नरेंद्र के प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया और इस दौरान उस ने इस आईडिया से फेसबुक बना डाली और उन्होंने द फेसबुक.कॉम बना ली और डोमेन रजिस्टर करवा लिया।

पहले विवाद फिर समझौता

बता दें इस समय नरेंद्र इन्वेस्टमेंट वेबसाइट सम जीरो के सीईओ हैं । फेसबुक के मामले में नरेंद्र और उनके दो फ्रेंडस कैमरून विंकलेवोस और टेलर विंकलेवोस ने जुकरबर्ग के खिलाफ कोर्ट में मामला भी दायर किया था, लेकिन 2008 में दोनों ने कोर्ट के बाहर समझौता कर लिया। जुकरबर्ग ने समझौते के लिए नरेंद्र के साथ 65 मिलियन(440 करोड़) रुपए का समझौता किया था और फेसबुक के 0.022 फीसदी शेयर भी उसे दिए। दिव्य से हुए विवाद से पहले ही मार्क ने 2003 में फेसमाश(facemash) वेबसाइट बनाई थी, जिसे डा़टाबेस को हैक करके बनाया गया था।

84.5 करोड़ से भी ज्यादा यूजर्स

आज से कुछ साल पहले हॉस्‍टल में एक साइट शुरू करने वाले मार्क जुकरबर्ग ने सोचा भी नहीं था कि वह आने वाले समय में कामयाबी की नई इबाबत लिखने जा रहा है। कुछ साल के भीतर ही इस कंपनी ने करोड़ों का टर्न ओवर पैदा कर दिया। इस सोशल नेटवर्किंग साइट की पॉपुलरिटी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस साइट के यूजर्स 84.5 करोड़ से भी ज्यादा हैं। इस कंपनी की वैल्‍यू 100 अरब डॉलर पार कर चुकी है। कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग इस कंपनी के इकलौते संस्‍थापक नहीं हैं। उनके साथ में उनके सहपाठी एदुआरदो सेवरिन, डस्टिन मोस्‍कोविट्ज और क्रिस हुगेश की भी महत्‍वपूर्ण भूमिका रही है। इंडिया में इसके यूजर्स में 132 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इंडिया में बिजनेस एस्ट्रेटजी

मार्क जुकरबर्ग मेंं इंडिया आना यहां रहना बहुत पसंद है। वे इंडिया को इतना लाइक क्यों करते हैं। इसके पीछे तथ्य हैं कि इंडिया फेसबुक और मार्क जुकरबर्ग को मौका देने वाली जगह है और जुकरबर्ग ये मौका खोना नहीं चाहते हैं। वो इंडिया में अपने लिए अपार संभावनाएं देख रहे हैं। फेसबुक यूजर्स की संख्या के लिहाज से टॉप 5 देशओं में इंडिया का नाम भी है। अमेरिका के बाद इंडिया में ही सबसे ज्यादा फेसबुक यूजर्स हैं।

बेटी के जन्म पर दिया सबसे बड़ा दान

फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग अपनी गर्लफ्रेंड प्रिसिला चान के साथ शादी की है। उनकी एक बेटी भी है। जब मार्क पिता बने तो अपने जीवन की इस बड़ी खुशखबरी सुनाने के साथ ही उन्होंने एक और घोषणा की थी, जकरबर्ग ने अपनी नवजात बेटी, जिसका उन्होंने नाम रखा है मैक्स, के फेसबुक पेज पर उन्होंने एक लेटर पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि वह और उनकी पत्नी अपनी कंपनी के 99 फीसदी शेयर्स चैरिटी में दे देंगे।

 

Tags:    

Similar News