भगत सिंह का वैलेंटाइन डे कनेक्शन: सोशल मीडिया पर वायरल 'फांसी' की ये है सच्चाई

भारत को स्वतंत्र कराने के लिए अपनी जान की आहुति देने वाले शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को वेलेंटाइन डे (Valentine's Day) के दिन याद किया जा रहा है।

Update: 2020-02-14 07:15 GMT

लखनऊ: गुलाम भारत को स्वतंत्र कराने के लिए अपनी जान की आहुति देने वाले शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को हर कोई जानता है और याद भी करता है लेकिन आज यानी वेलेंटाइन डे (Valentine's Day) के दिन सोशल मीडिया पर उनका नाम जमकर ट्रेंड कर रहा है। अब सवाल ये हैं कि आखिर आज ऐसा क्या ख़ास है, या वेलेंटाइन डे से भगत सिंह का क्या कनेक्शन हैं?

दरअसल, सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है। इस खबर के मुताबिक़, आज यानि वेलेंटाइन डे के दिन शहीद भगत सिंह को फांसी दी गयी थी। ऐसे में ये सन्देश सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है कि आज के दिन लोगों को शहीद भगत सिंह को याद करना चाहिए न कि वेलेंटाइन डे मनाना चाहिए।

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ऐसे में लोग कन्फूज हैं कि क्या सच में भगत सिंह की शहादत का दिन वेलेंटाइन डे ही हैं। लेकिन इस वायरल खबर की सच्चाई कुछ और ही है। बता दें कि न तो आज के दिन उन्हें फांसी दी गयी थी और न ही सजा सुनाई गयी थी।

ये है भगत सिंह की फांसी का सच:

गौरतलब है कि शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च 1931 को शाम 7:30 बजे फांसी दी गयी थी। लाहौर षढ़यंत्र मामले में ट्रिब्यूनल कोर्ट ने 300 पेज के जजमेंट पर तीनों को 7 अक्टूबर 1930 को फांसी की सजा सुनाई थी। पहले फांसी 24 मार्च 1931 को फांसी दी जानी थी, लेकिन विशेष आदेश के अंतर्गत उन्हें एक दिन पहले शाम को फांसी दे दी गयी।

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वेलेंटाइन डे से भगत सिंह की फांसी का कनेक्शन:

रिसर्च के मुताबिक, वेलेंटाइन डे से भगत सिंह की फांसी का कोई लेना -देना नहीं है। हालंकि नाता सिर्फ इतना ही है कि आज के दिन (14 फरवरी 1931) उनकी फांसी को लेकर कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष मदन मोहन मालवीय ने लॉर्ड इरविन के समक्ष दया याचिका दाखिल की थी, जिसे बाद में खारिज कर दिया गया था।

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