कोरोना वैक्सीन पर हुई इस स्टडी से बढ़ी US Military की 'धड़कनें', सता रहा इस बात का डर !

कोविड वैक्सीनेशन को लेकर अलग-अलग स्टडी की जा रही है, जिसके आधार पर इससे होने वाले साइडइफेक्ट को लेकर दावे किए जा रहे हैं। हाल ही में वैक्सीनेशन को लेकर यूएस मिलिट्री ने एक स्टडी की है, जिसके आधार पर यह दावा किया जा रहा है कि जिन लोगों को वैक्सीन लगाई गई है, उनमें हार्ट इंफ्लेमेशन की समस्या उम्मीद से ज्यादा देखने को मिली है। यह दावा यूएस मिलिट्री की ओर से मंगलवार को किया गया है। यूएस मिलिट्री की इस स्टडी के अनुसार वैक्सीनेट होने के चार दिन के अंदर 25 साल की Average age वाले 23 लोगों ने सीने में दर्द की शिकायत की है.

Published By :  Priya Panwar
Update:2021-07-01 10:13 IST

सांकेतिक तस्वीर 

नई दिल्ली. कोविड वैक्सीनेशन को लेकर अलग-अलग स्टडी की जा रही है, जिसके आधार पर इससे होने वाले साइडइफेक्ट को लेकर दावे किए जा रहे हैं। हाल ही में वैक्सीनेशन को लेकर यूएस मिलिट्री ने एक स्टडी की है, जिसके आधार पर यह दावा किया जा रहा है कि जिन लोगों को वैक्सीन लगाई गई है, उनमें हार्ट इंफ्लेमेशन की समस्या उम्मीद से ज्यादा देखने को मिली है। यह दावा यूएस मिलिट्री की ओर से मंगलवार को किया गया है।

यूएस मिलिट्री की इस स्टडी के अनुसार  वैक्सीनेट होने के चार दिन के अंदर 25 साल की Average age वाले 23 लोगों ने सीने में दर्द की शिकायत की है, इसमें चिंता की बात ये है कि हार्ट इंफ्लेमेशन के ये मामले अनुमान से ज्यादा हैं। कहा जा रहा है कि स्टडी के दौरान कुछ लोग मायोकार्डाइटिस से रिकवर हो चुके थे और कुछ रिकवरी पीरियड में थे।

स्टडी की मानें तो Heart की मांसपेशियों में  स्वेलिंग का ये मामला फाइजर, बायोएंडटेक या मॉडर्ना की ओर से बनाई गई वैक्सीन लगाने के बाद सामने आया है। बता दें कि ये तीनों ही वैक्सीन अमेरिका के अलावा कई अन्य देशों में भी लगाई जा रही है। यही नहीं डीसीजीए ने भी मंगलवार को मॉडर्ना को भारत में आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है।

एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक पिछले सप्ताह ही अमेरिका के हेल्थ रेगुलेटर्स ने mRNA वैक्सीन से युवाओं में हार्ट इंफ्लेमेशन के जोखिम को लेकर चेतावनी जारी की थी, लेकिन वैक्सीन निर्माता कंपनियों का कहना था कि वैक्सीन से होने वाले फायदे इसके दुर्लभ साइड इफेक्ट से बेहद कम हैं। JAMA कार्डियोलॉजी मेडिकल जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में बताया गया कि कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेने वाले ये सभी लोग यूएस मिलिट्री के सदस्य हैं। इससे पहले 436,000 पुरुष सैन्य सदस्यों में से केवल 8 या उससे कम मामलों में ही मायोकार्डाइटिस का अनुमान लगाया गया था।

सेंटर्स फॉर डिसीज एंड कंट्रोल एंड प्रीवेंशन यानी CDC ने पिछले सप्ताह कहा था कि मायोकार्डाइटिस के ज्यादातर मामले पुरुषों में ही देखने को मिले हैं। इस सप्ताह दूसरी डोज लेने के बाद सामान्य आबादी में इसका अनुमान लगाया जाएगा।

बता दें कि मायोकार्डाइटिस से जूझ रहे मिलिट्री के 8 जवानों ने स्टडी में डाग्नोस्टिक स्कैन भी दर्ज करवाएं हैं। स्कैन में मिले संकेत ये स्पष्ट बताते हैं कि लोगों में हार्ट इंफ्लेमेशन की ये समस्या किसी और वजह से नहीं हुई है। स्टडी में शामिल रोगियों की उम्र 20 से 51 वर्ष के बीच थी।

गोरतलब है कि CDC ने अप्रैल माह में ही mRNA वैक्सीन और हार्ट इंफ्लेमेशन को गंभीरता से लेते हुए इस पर रिसर्च शुरू कर दी थी। इजरायल ने भी Pfizer/ BioNTech की वैक्सीन ले चुके कुछ लोगों पर स्टडी की थी। इजरायल के बाद अब यूएस मिलिट्री के सदस्यों ने भी इस परेशानी का सामना किया है।  

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