किसी ने छोड़ा कॉलेज, किसी ने ऑफिस, नोट बदलवाने के लिए काम छोड़कर बैंकों में आए लोग
लखनऊ: जब से मोदी सरकार ने 500 और 1000 रुपए के नोट के चलन पर पाबंदी लगाई है। लोगों में खलबली सी मच गई है। लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। वहीं जब से लोगों को पता चला कि आज बैंक में नोट बदले जा सकेंगे। तो लोग सुबह 7 बजे से ही बैंकों के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो गए।
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सरकार की तरफ से एलान किया गया है कि गुरुवार से 500 और 2000 के नए नोट मिलने लगेंगे। यह जानने के बाद तो बैंकों के बाहर मेले से लगने शुरू हो गए हैं। बैंकों में अफरा-तफरी मच गई है।
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इतना ही नहीं नोट बदलने के लिए आए लोगों की भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस भी लगाई गई है। ख़ास बात तो यह है कि नोट बदलने के लिए लोग बैंक के खुलने के काफी पहले ही वहां आ गए।
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साथ ही आज बैंकों के बाहर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस का भारी इंतजाम किया गया है।
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स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में नोट बदलने के लिए आए होम गार्ड कृष्ण कुमार का कहना है कि वह एक आम आदमी हैं। बड़ी मुश्किल से तो एक-एक पैसा जोड़कर रख रहे थे। लेकिन जब उन्हें पता चला कि अब ये नोट किसी काम के नहीं हैं, तो उनका दिल टूट गया। वैसे तो वह मोदी सरकार के फैसले से खुश हैं, लेकिन वह अपनी नौकरी से छुट्टी लेकर नोट बदलवाने के लिए आए हैं।
आगे की स्लाइड में देखिए कैसे नोट बदलवाने के लिए फॉर्म भर रहे हैं लोग
बैंकों से 500-1000 के नोट निकलवाना भी इतना आसान नहीं है इसके लिए सबसे पहले एक फॉर्म भरना पड़ता है। ऐसे में जब बैंक में नोट बदलवाने के लिए सैकड़ों की संख्या में जुटे, तो लोग तुरंत फॉर्म भरने में लग गए। किसी -किसी को तो हड़बड़ी में समझ ही नहीं आ रहा था कि करें तो क्या करें?
आगे की स्लाइड में देखिए किस तरह नोट बदलवाने के लिए हो रही परेशानी
आगे की स्लाइड में देखिए कैसे लोग नोट बदलवाने आए लोग कर रहे टेंशन साथ मस्ती
गणेशगंज से हजरतगंज की स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में नोट बदलवाने के लिए आए कुछ लोगों को मस्ती भी सूझ रही थी। जैसे ही मीडिया भीड़ का नजारा देखने पहुंची, तो कुछ लोगों ने मोदी सरकार के इस फैसले के सपोर्ट में वी का सिम्बल भी बनाया।
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वहीँ बैंक के बाहर नोट बदलवाने के लिए आई ज्योति सिंह का दर्द उनके चेहरे पर साफ़ झलक रहा था। उनका कहना है कि वह अपनी बड़ी मुश्किल से अपने पैसे बचा रही थी। इसके चलते उन्होंने गुल्लक भी भरी। लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि उनकी मेहनत बेकार चली गई, तो वह काफी दुखी हुई। उन्होंने कहा कि घर पर उन्हें काफी काम करने हैं, लेकिन नोट बदलवाने के लिए उन्हें सारे काम छोड़कर आना पड़ा।