नई दिल्ली : यूनाइटेड नेशन की विश्व हैपीनेंस रिपोर्ट 2016 में भारतीय 118वें स्थान पर खडे हैं। रिपोर्ट में 157 देशों को शामिल किया गया है। यहां तक कि ISIS का आतंक झेल रहा इराक भी खुशी के मामले में 112वें स्थान पर है। भारत के पडोसी देश भी खुशी के मामले में हमसे कहीं आगे हैं।
चीन 83वें, भूटान 84वें, पाकिस्तान 92 वें, नेपाल 107वें, बांग्लादेश 110वें और श्रीलंका 117वें स्थान पर खडा है। हम भारतीयों की खुशी तो इस बात पर डिपेंड करती है कि पडोसी या करीब का जानने वाला कितना दुखी है।
डेनमार्क को इस रिपोर्ट में पहले स्थान पर रखा गया है। इस देश की आबादी मात्र 56 लाख है और 2012 से शुरु किए गए विश्व के हैप्पी देशों की रैंकिंग में यह दूसरी बार पहले स्थान है ।
पहले दस हैप्पी देशों की सूची -
1- डेनमार्क
2- स्विटज़रलैंड
3- आइसलैंड
4- नार्वे
5- फिनलैंड
6- कनाडा
7- नीदरलैंड
8- न्यूजीलैंड
9- आस्ट्रेलिया
10- स्वीडन
यह रिपोर्ट 16 मार्च को जारी की गई है। लोगों के खुश होने को लेकर उस देश के लोगों का हेल्थ, सरकार का लोगों के हेल्थ पर ध्यान, पारिवारिक संबंध, नौकरी की सुरक्षा, सामाजिक कारण, राजनीतिक स्वतंत्रता और सरकार में भ्रष्टाचार को पैमाना बनाया गया।
डेनमार्क क्यों है नंबर एक ?
-डेनमार्क में 43 प्रतिशत महिलाएं सार्वजनिक क्षेत्र में बडे पदों पर काम करती हैं ।
-डेनमार्क में ऊंचे टैक्स की शिकायत अवश्य है, लेकिन टैक्स की रकम लोगों के हेल्थ पर खर्च की जाती है।
-स्टूडेंट्स के स्कूल, कालेज की फीस सरकार जमा करती है।
-लोग इस बात से निश्चिंत रहते हैं कि यदि उनकी नौकरी चली गई या कोई विपदा आई तो उनकी मदद के लिए सरकार खडी है ।
हैपीनेस हर सरकार के एजेंडे में शामिल
-रिपोर्ट तैयार करने वालों की लिस्ट में शामिल कोलंबिया यूनिवर्सिटी के जेफरी सच कहते हें कि हैपीनेस तो हर सरकार के एजेंडे में शामिल होना चाहिए।
-इसके लिए जनता को आर्थिक, सामाजिक रूप से मजबूत किया जाना चाहिए ।
-रिपोर्ट कहती है कि नागरिकों को खुश रखने के लिए कई देशों ने सरकार में अलग से हैपीनेस विभाग बनाया है।