नारायण दत्त तिवारी : वो बन सकते थे पीएम लेकिन कुछ कमियां दूर नहीं हो सकीं
लखनऊ : एनडी तिवारी नहीं रहे लेकिन अपने पीछे काफी कुछ कहने सुनाने को छोड़ गए। एक ऐसा राजनेता जिसमें देश का प्रधानमंत्री बनने की काबिलियत थी। लेकिन कुछ कमियां ऐसी थीं जिन्होंने उन्हें पीछे ढकेल दिया।
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तिवारी का आरंभ प्रचंड था, इलाहाबाद छात्र संघ के पहले अध्यक्ष, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, उद्योग, वाणिज्य पेट्रोलियम, और वित्त मंत्री रहे एक समय देश के पीएम रेस के नंबर वन खिलाड़ी नैनीताल लोकसभा सीट से चुनाव हारे और सबकुछ समाप्त।
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1995 में कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी बनाई। लेकिन जमीन तैयार नहीं कर सके। दो साल बाद घर वापसी हुई। इसके बाद उनको राष्ट्रपति पद का दावेदार माना जाने लगा। लेकिन नहीं बनाया गया। उपराष्ट्रपति के लिए नाम सामने आया। लेकिन नहीं बनाया गया।
बाद के वर्षों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बनाकर भेजा। फिर 2007 में पार्टी चुनाव हारी तो तिवारी को आंध्रप्रदेश का राज्यपाल बनाया गया। यहां सेक्स स्कैंडल में नाम उछलने के बाद 2009 में तिवारी देहरादून लौट आए।