तिरुवनंतपुरमः ओ राजगोपाल ने लेफ्ट की आंधी के बीच बीजेपी के लिए केरल में इतिहास रच दिया। राजेत्तन के नाम से मशहूर 86 साल के राजगोपाल ने बीजेपी को पहली बार राज्य असेंबली में जगह दिलाई है। उन्होंने नेमोम सीट पर सीपीएम के वी. सिवनकुट्टी को आठ हजार से ज्यादा वोटों से हराया। बता दें कि ये सीट सीपीएम से बीजेपी ने छीनी है।
राजगोपाल का राजनीतिक करियर
-1960 में राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय जनसंघ से की।
-1980 में कासरगोड सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।
-1989, 1991, 1999, 2004, 2014 में भी चुनाव हारे।
-लेफ्ट की आंधी के बावजूद इस बार विधानसभा चुनाव जीते।
लगातार स्थिति करते रहे मजबूत
-2011 में नेमोम विधानसभा सीट पर 33 फीसदी वोट जुटाकर दूसरे नंबर पर रहे थे।
-2012 में नय्याटिंकारा उप चुनाव में 30 हजार से ज्यादा वोट मिले, लेकिन हार गए।
-2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के शशि थरूर के खिलाफ मैदान में उतरे।
-थरूर पर पहले बढ़त बनाई, लेकिन बाद में 15 हजार वोटों से मैदान गंवा दिया।
केंद्र में मंत्री भी रहे हैं राजगोपाल
-पिछली एनडीए सरकार में कई मंत्रालयों में राज्य मंत्री रहे थे राजगोपाल।
-1992 से 2004 तक राज्यसभा के सदस्य भी थे।
मोदी ने कहा- मेरा नमन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजगोपाल समेत केरल के बीजेपी कार्यकर्ताओं के बारे में कहा कि दशक-दर-दशक, एक-एक ईंट जोड़कर बीजेपी को राज्य में खड़ा करने वालों को मेरा नमन। उन्हीं की बदौलत हम आज यह दिन देख सके हैं।