पाकिस्तान का ये शिवमंदिर: भारत के राजनीतिक दिग्गजों के लिए बेहद खास, यह है वजह

Update: 2020-02-21 05:59 GMT

नई दिल्ली: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में अनेक हिंदू मंदिर हैं। इनमें से एक खास मंदिर है जिसका नाम कटसराज है। ये कटसराज मंदिर भगवान शिव का है। ये मंदिर पाकिस्तान के चकवाल गांव से लगभग 40 कि.मी. की दूरी पर कटस नामक स्थान में एक पहाड़ी पर है। इस स्थान से जुड़ी कई मान्यताएं हैं, इसलिए ये हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है।

खास है ये पाकिस्तान का कटसराज मंदिर

पूरी दुनिया में हिंदू धर्म के मानने वालों के लिये भगवान शिव आराध्य हैं। महाशिवरात्रि भगवान शिव का प्रमुख पर्व है। इस दिन शिव भक्त दूर-दूर से शिव मंदिर आकर भोलेबाबा को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। शिव के प्रति ऐसी आस्था और समर्पण, भारत में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी देखी जाती है।

प्रियंका और सोनिया गांधी भी शिव के अभिषेक के लिए पूजा सामग्री भेजती हैं

महाशिवरात्रि पर हर साल पाकिस्तान के इस प्राचीन मंदिर में देश की तमाम बड़ी राजनितिक हस्तियां भी दर्शन पूजन करने पहुंचती हैं। वहीँ प्रियंका और सोनिया गांधी भी शिव के अभिषेक के लिए पूजा सामग्री भेजती हैं। आज महाशिवरात्रि के मौके पर जानिए इस मंदिर से जुड़ी खास बातें-

ये भी पढ़ें:शाहीनबाग़ को तोड़ने का प्लान: प्रदर्शनकारियों की एकता पर प्रहार, खुलकर रहेगा रास्ता

900 साल पुराना है ऐतिहासिक कटसराज मंदिर

पाकिस्तान का यह ऐतिहासिक कटसराज मंदिर लगभग 900 साल पुराना बताया जाता है। खास बात यह है कि पाकिस्तान में रहने वाले सभी हिंदुओं की आस्था का यह प्रमुख केंद्र है।

मान्यताओं के अनुसार जब माता सती ने अपने पिता दक्ष के यहां मौजूद यज्ञ कुंड में आत्मदाह किया था, तो उनके वियोग में भगवान शिव अपनी सुध-बुध खो बैठे थे। माता सती को याद करते हुए भगवान शिव की आंखों से जो आंसू टपके थे उनसे दो कुंड बन गए। जिसमें से एक कुंड का नाम कटाक्ष कुंड पड़ गया।

विभाजन के बाद से यह कटाक्ष कुंड पाकिस्तान में मौजूद है। जबकि दूसरा कुंड भारत में राजस्थान के पुष्कर तीर्थ में मौजूद है। मान्यताओं के अनुसार, कटसराज मंदिर का कटाक्ष कुंड चमत्कारी पानी से भरा हुआ है।

इस सरोवर में दो रंग का पानी मौजूद हैं। मंदिर में जहां पानी कम गहरा है वहां लोगों को इसका रंग हरे रंग का और गहराई में पानी का रंग नीले रंग का दिखाई देता है। महाभारत के अनुसार यह वही जल सरोवर बताया जाता है जहां पांडव अपनी प्यास बुझाने के लिए आए थे।

ये भी पढ़ें:मौसम विभाग का अलर्ट जारी : होगी झमाझम बारिश, मचेगा कहर

Tags:    

Similar News